नई दिल्ली: कृषि और प्रसंस्कृत खाद्य उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण (एपीडा) भारत से कृषि निर्यात को बढ़ावा देने के लिए विभिन्न उपाय कर रहा है. एपीडा की दूरदर्शी रणनीति में कुछ उत्पादों पर निर्भरता को कम करने और मूल्य श्रंखला को आगे बढ़ाने के लिए ताजा फल, सब्जियों, प्रसंस्कृत खाद्य पदार्थ और पशु उत्पादों जैसे प्राथमिकता वाले उत्पादों पर केंद्रित उपाय के साथ निर्यात टोकरी का विस्तार करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण बदलाव शामिल है.
यूरोप, लैटिन अमेरिका और एशिया जैसे प्रमुख बाजारों में विस्तार पर ध्यान देने के साथ, एपीडा का लक्ष्य अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर अपने उत्पादों को प्रदर्शित करने के लिए वैश्विक सुपरमार्केट के साथ छोटीछोटी भागीदारी बनाना है. इस के अतिरिक्त यह संगठन शोध संस्थानों के साथ सहयोग के जरीए समुद्री प्रोटोकाल स्थापित कर के लौजिस्टिक खर्चों को कम करने पर काम कर रहा है.
ये रणनीतिक उपाय प्रतिस्पर्धात्मकता को बेहतर बना कर और सतत विकास को बढ़ावा दे कर भारत के कृषि निर्यात को बढ़ावा देने के लिए एक बार फिर इस मामले में एपीडा की प्रतिबद्धता को बताती है.
इस के अलावा श्रीअन्न बाजरा को बढ़ावा देने के लिए एपीडा के ठोस प्रयास एक स्वस्थ और अधिक विविध खाद्य परिदृश्य विकसित करने के सरकार के विजन के अनुरूप हैं. पिछले वर्ष अंतर्राष्ट्रीय बाजरा वर्ष-2023 के दौरान विशेष ध्यान देने के साथ एपीडा ने श्रीअन्न ब्रांड के तहत मूल्यवर्धित उत्पादों की एक विस्तृत श्रंखला के विकास और एकीकरण की दिशा में बड़ी मेहनत से किया है.
इस रणनीतिक पहल ने पास्ता, नूडल्स, नाश्ते के लिए अनाज, आइसक्रीम, बिाकुट, एनर्जी बार और स्नैक्स सहित विभिन्न मूल्यवर्धित उत्पादों के बनाने और उन्हें मुख्यधारा में लाने में अग्रणी भूमिका निभाई.
श्रीअन्न उत्पाद श्रंखला में विविधता ला कर एपीडा ने न केवल नवाचार को बढ़ावा दिया है, बल्कि निर्बाधपूर्वक इन उत्पादों को निर्यात मूल्य श्रंखला से भी जोड़ा है. इन प्रयासों के माध्यम से एपीडा श्रीअन्न बाजरा की प्रोफाइल को खूब अच्छा बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है. इस की वजह से यह संगठन स्वस्थ आहार विकल्पों को बढ़ावा देने और भारत के कृषि निर्यात पोर्टफोलियो के विस्तार को सुगम बनाने के सरकार के व्यापक एजेंडे में योगदान दे रहा है.
अप्रैलनवंबर, 2023 के दौरान एपीडा ने इराक, वियतनाम, सऊदी अरब और ब्रिटेन जैसे बड़े बाजारों में निर्यात को आसान बनाया और पिछले वर्ष की तुलना में अच्छीखासी वृद्धि देखी गई. क्रमशः 110 फीसदी, 46 फीसदी, 18 फीसदी और 47 फीसदी की वृद्धि के साथ यह उल्लेखनीय निर्यात विस्तार प्रमुख बाजारों में भारतीय कृषि उत्पादों की बढ़ती वैश्विक मांग को रेखांकित करता है.
समावेशिता को बढ़ावा देने के अपने लक्ष्य के हिस्से के रूप में एपीडा वैश्विक कार्यक्रमों में स्टार्टअप, महिला उद्यमियों और किसान उत्पादक संगठनों (एफपीओ व एफपीसी) की भागीदारी को सक्षम बना कर उन को समर्थन दे रहा है.
निर्यातकों की प्रतिक्रिया के उत्तर में एपीडा तुर्की, दक्षिण कोरिया, केन्या, दक्षिण अफ्रीका और जापान जैसे उभरते हुए बाजारों में नए मेलों में भागीदारी की शुरुआत कर रहा है. इस सक्रिय दृष्टिकोण का मकसद भारतीय निर्यातकों के लिए बाजार तक ज्यादा पहुंच को आसान बनाना और सतत विकास के अवसरों को बढ़ावा देना है.