उदयपुर : महाराणा प्रताप कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, उदयपुर एवं आईसीएआर-कृषि तकनीकी अनुप्रयोग अनुसंधान संस्थान, जोधपुर क्षेत्र 2 के अधीन कृषि विज्ञान केंद्र भीलवाड़ा को कृषि में नवाचार के क्षेत्र में तकनीकी हस्तांतरण के माध्यम से कृषक समुदाय के बीच में उल्लेखनीय कार्य करने के लिए बेस्ट केवीके अवार्ड हेतु नामित किया गया है.

यह पुरस्कार कृषि अनुसंधान, नवाचार, अभियांत्रिकी, पोषण और प्रौद्योगिकी में अद्वितीय रुझानों पर ध्यान केंद्रित करने वाला पांचवां अंतर्राष्ट्रीय कृषि सम्मेलन- न्यूट्रिएंट-2025 (NUTRIENT-2025), जो कि एग्री मीट फाउंडेशन भारत द्वारा 20-21 फरवरी, 2025 के दौरान आइके गुजराल पंजाब तकनीक विश्वविद्यालय से संबद्ध संस्थान भाई गुरूदास ग्रुप औफ इंस्टिट्यूट, संगरूर, पंजाब में दिया जाना प्रस्तावित है.

कृषि विज्ञान केंद्र भीलवाड़ा देश का अग्रणीय ISO 9001:2015 प्रमाणित संस्थान है. साथ ही, केंद्र पर विभिन्न प्रदर्शन इकाइयां जैसे सिरोही बकरी, प्रतापधन मुरगी, डेयरी, चूजा पालन, वर्मी कंपोस्ट, वर्मी वाश, प्राकृतिक खेती इकाई, नर्सरी, नेपियर घास, वर्षा जल संरक्षण इकाई, बायोगैस, मछलीपालन, कम लागत से तैयार हाइड्रोपौनिक हरा चारा उत्पादन इकाई, आंवला, अमरूद एवं नींबू का मातृवृक्ष बगीचा, बीजोत्पादन एवं क्राप केफेटेरिया आदि के माध्यम से कृषक समुदाय के लिए समन्वित कृषि प्रणाली के उद्यम स्थापित कर, स्वरोजगार का सृजन एवं आजीविका को सुदृढ कर आत्मनिर्भर किया जा रहा है, जिस से किसानों का गांव से शहरों की ओर पलायन कम हुआ है.

कृषि विज्ञान केंद्र भीलवाड़ा के तकनीकी सहयोग एवं मार्गदर्शन से जिले में 2 कृषक उत्पादक संगठन (एफपीओ) क्रमशः भीलवाड़ा गोटरी प्राइड फार्मर प्रोड्यूसर कंपनी लिमिटेड़ एवं मीव किसान बाजार कृषक उत्पादक संगठन का सफल संचालन किया जा रहा है, जिस से कृषक समुदाय के फसल उत्पादन और अन्य कृषि उत्पादों का समय पर विपणन होने से आमदनी में इजाफा हुआ है.

कृषि विज्ञान केंद्र भीलवाड़ा पर राष्ट्रीय जलवायु समुत्थान कृषि में नवप्रवर्तन (निक्रा), प्राकृतिक खेती, राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन दलहन एवं तिलहन, अनुसूचित जनजाति परियोजना, पोषण संवेदी कृषि संसाधन और नवाचार (नारी) जनजातीय क्षेत्रों में ज्ञान प्रणाली और होम स्टेड कृषि प्रबंधन (क्षमता), मूल्य संवर्धन और प्रौद्योगिकी ऊष्मायन केंद्र (वाटिका) आदि परियोजनाओं के माध्यम से महिला किसानों, किसानों एवं ग्रामीण युवाओं का आर्थिक उत्थान किया जा रहा है.

कृषि विज्ञान केंद्र भीलवाड़ा द्वारा समयसमय पर किसान मेलों, कृषकवैज्ञानिक संवाद, किसान गोष्ठी, जागरूकता कार्यक्रम, महत्वपूर्ण दिवस, प्रदर्शन, प्रक्षेत्र दिवस, प्रक्षेत्र परीक्षण आदि प्रसार गतिविधियों का आयोजन कर कृषि नवाचार की सफल तकनीकीयों का हस्तांतरण किया जा रहा है.

उपरोक्त उल्लेखनीय कार्यों को दृष्टिगत रखते हुए कृषि विज्ञान केंद्र भीलवाड़ा को बेस्ट केवीके अवार्ड से नवाजा गया.

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