उदयपुर : 30 अगस्त, 2024. आजादी के बाद भारत ने आज न केवल अनाज उत्पादन, बल्कि फल, दूध, मछली और अंडा उत्पादन में नए कीर्तिमान हासिल कर विश्व में शीर्ष स्थान पर नाम दर्ज कराया है. अब सर्वोत्तम समय है कि कृषि शिक्षा से जुड़े युवा वैल्यू एडीशन यानी मूल्य संवर्द्धन कर पैसा कमाने की दिशा में अपना ध्यान लगाएं. युवाओं को नौकरी के पीछे नहीं भागना है, बल्कि नौकरी देने वाला बनना होगा, तभी भारत की अर्थव्यवस्था में आशानुरूप बढ़ोतरी संभव है.

यह आह्वान महाराणा प्रताप कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के कुलपति डा. अजीत कुमार कर्नाटक ने पिछले दिनों संभाग भर से आए कृषि छात्रछात्राओं और युवा उद्यमियों से किया. वे आरसीए के नूतन सभागार में आयोजित ‘एग्री स्टार्टअप स्टेक होल्डर्स कनेक्ट’ विषयक कार्यशाला को मुख्य अतिथि के रूप में संबोधित कर रहे थे.

राष्ट्रीय कृषि विस्तार प्रबंध संस्थान (मैनेज) हैदराबाद की ओर से महाराणा प्रताप कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, उदयपुर के सहयोग से आयोजित कार्यशाला में उदयुपर, भीलवाड़ा, बांसवाड़ा एवं डूंगरपुर के विभिन्न महाविद्यालयों में कृषि शिक्षा की पढ़ाई कर रहे 400 छात्रछात्राओं के अलावा शोधकर्ताओं, इनक्यूबेटरों, नीति निर्माताओं, कृषि उद्यमियों, स्टार्टअप, कृषि उद्योगों, हितकारक निवेशकों एवं विस्तार कार्यकर्ताओं ने भागीदारी की. कार्यशाला का उद्देश्य कृषि व्यवसाय और कृषि उद्यमिता पर अपने नवाचारों, विचारों, विशेषज्ञता और अनुभवों को साझा करना है.

उन्होंने आगे कहा कि एक समय था, जब हम आयातित लाल अनाज खाने को मजबूर थे, लेकिन हरित क्रांति, श्वेत क्रांति के बाद हमारे वैज्ञानिकों ने मुख्य फसलों से हट कर बागबानी, मत्स्य, पशुधन, अंडा उत्पादन के क्षेत्र में विलक्षण परिणाम दिए हैं. आज हमारे देश में अनाज उत्पादन 329.50 मिलीयन टन है, तो फल उत्पादन 355.05 मिलीयन टन पहुंच चुका है. इसी तरह दूध उत्पादन 230 मिलियन टन व मछली का उत्पादन 17.54 मिलियन टन हो चुका है यानी भारत विश्व के अग्रणी देशों में खड़ा है और निर्यात भी कर रहा है.

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