नई दिल्ली : यहां चल रहे टिकाऊ कृषि सम्मलेन और अवार्ड्स कार्यक्रम में बिहार कृषि विश्वविद्यालय, सबौर को 2 पुरस्कार से नवाजा गया. पहला “प्रसार और प्रशिक्षण में उत्कृष्टता पुरस्कार” (Extension & Training Excellence Award) और दूसरा ‘हरियाली उत्पादन नवाचारी पुरस्कार” (Green Harvest Innovator award) दिया गया.

एग्रीकल्चर पोस्ट डौट कौम और इंडी एग्री संस्था द्वारा दिल्ली के इंडिया हैबिटैट सैंटर में आयोजित सम्मलेन में यह पुरस्कार विश्वविद्यालय के प्रसार शिक्षा निदेशक डा. आरके सोहाने और सहनिदेशक, प्रसार शिक्षा, डा. आरएन सिंह ने प्राप्त किया.

“प्रसार और प्रशिक्षण में उत्कृष्टता पुरस्कार” विश्वविद्यालय द्वारा बिहार राज्य में कृषि प्रसार और किसानों के उत्थान के लिए बेहतरीन तरीके से प्रशिक्षण देने के लिए प्रदान किया गया.

गौरतलब है कि विश्वविद्यालय ने अपने विभिन्न इकाइयों के माध्यम से विगत वर्ष 2853 प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किए हैं, जिस में 1,03,506 पुरुष और महिला किसानों ने हिस्सा लिया है, वहीँ किसान चौपाल और आईसीटी के माध्यम से राज्य में कृषि प्रसार के क्षेत्र में क्रांतिकारी पहल की है. विश्वविद्यालय के इन प्रयासों से प्रोद्योगिकी हस्तांतरण और अपनाने में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है.

ग्रीन हार्वेस्ट इनोवेटर अवार्ड विश्वविद्यालय परिसर में सघन हरियाली के आच्छादन, विभिन्न उद्यानों, फूलों के कचरों से विभिन्न उत्पाद बनाने, खाली स्थानों को खेती के उपयोग में लाने रूफ गार्डनिंग, मृदा स्वास्थ्य के लिए किए गए काम, पार्थेनियम जागरूकता, पारिस्थितिकी तंत्र को बरकरार रखने में मधुमक्खियों और मकड़ियों के योगदान पर जागरूकता लाने एवं उत्कृष्ट कार्य करने के लिए प्रदान किया गया.

बिहार कृषि विश्वविद्यालय की इस उपलब्धि पर कुलपति डा. डीआर सिंह ने कहा कि विश्वविद्यालय अपने राज्य में कृषि और किसानों के उत्थान के लिए बेहतर काम कर रही है. साथ ही, हम टिकाऊ खेती और हरित आच्छादन (ग्रीन कवरेज) को बढ़ाने के लिए निरंतर प्रयासरत हैं. हमारे इस प्रयास को पुरस्कृत किया जाना खुशी की बात है.

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