सिद्धार्थ नगर: जिला प्रशासन अधिकारियों एवं कृषि विभाग के प्रयास से जिले में काला नमक चावल की पहचान पूरी दुनिया में पहुंचाने के लिए पिछले दिनों क्रेताविक्रेता सम्मेलन का कार्यक्रम 2 दिनों के लिए आयोजित किया गया. जिलाधिकारी का प्रयास जिले के किसानों को काला नमक चावल के उत्पादन की अच्छी कीमत मिले, यह प्रयास अत्यंत सराहनीय है.
कृषि मंत्री सूर्यप्रताप शाही ने कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा ओडीओपी के अंतर्गत जिले के काला नमक चावल को चुना गया है. आज जिले में काला नमक चावल का उत्पादन 18,000 एकड़ भूमि में किया जा रहा है. भारत सरकार द्वारा नौनबासमती चावल का निर्यात बंद कर दिया गया था. उस के लिए वाणिज्य मंत्री भारत सरकार से मिल कर किसानों को लाभ पहुंचाने के लिए खुलवाया गया, जिस से काला नमक चावल व अन्य चावल का उत्पादन करने वाले किसानों को उचित मूल्य प्राप्त हो सके.
सरकार किसानों की आय को दोगुना करने के लिए दृढ़संकल्पित है. इस के लिए विभिन्न योजनाओं के माध्यम से किसानों को लाभ पहुंचाया जा रहा है. कृषि विभाग द्वारा पारदर्शी रूप से किसानों को सोलर पंप, कृषि यंत्र आदि पर सब्सिडी दे कर लाभांवित किया जा रहा है.
काला नमक चावल लंबे समय तक रखने पर उस की खुशबू चली जाती थी. उस के लिए अब वैज्ञानिक शोध कर रहे हैं, जिस से काला नमक चावल की सुगंध बनी रहे. किसानों को काला नमक चावल का सही बीज मिले, इस के लिए वैज्ञानिकों द्वारा शोध किया जा रहा है.
काला नमक चावल शुगर फ्री, प्रोटीन, विटामिन व अन्य गुणवत्ता से युक्त है. भारत सरकार द्वारा 2,396 मिलियन टन नौनबासमती चावल का निर्यात किया गया था. इस से अधिक निर्यात केवल उत्तर प्रदेश द्वारा हो, इस के लिए प्रयास किया जाए.
कृषि मंत्री सूर्यप्रताप शाही ने जिलाधिकारी को नौगढ़शोहरतगढ़ के बीच आम फैसिलिटेशन सैंटर बनाए जाने का निर्देश दिया, जिस से किसान अपना चावल उस में रख सकें. उन्होंने कहा कि मखाने की खेती करने के लिए ब्लौक स्तर पर गोष्ठी आयोजित कर किसानों को प्रेरित किया जाए, जिस से किसानों को काला नमक चावल के साथ मखाने की खेती से अच्छी आय प्राप्त हो सके.
डुमरियागंज के सांसद जगदंबिका पाल ने कहा कि काला नमक चावल की ब्रांडिंग एवं निर्यात के लिए क्रेताविक्रेता सम्मेलन कार्यक्रम का आयोजन किया गया है. जिला प्रशासन द्वारा काला नमक चावल को विश्व में पहचान के लिए निरंतर प्रयास किया जा रहा है. काला नमक चावल विलुप्त होता जा रहा था, लेकिन उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री एवं कृषि मंत्री के प्रयास से इस की पहचान बढ़ी है.
काला नमक चावल का उत्पादन जिस तरह से हो रहा है, उस की सही कीमत किसानों को नहीं मिल रही है. इस क्वालिटी का चावल पूरी दुनिया में नहीं मिल रहा है. काला नमक चावल को शुगर का मरीज भी खा सकता है. जापान के चावल का मुकाबला आज हमारे जिले का काला नमक चावल कर रहा है. आज पूरी दुनिया में और्गेनिक फूड का महत्व बढ़ रहा है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के द्वारा डा. स्वामीनाथन की रिपोर्ट को लागू किया गया. जनपद में काला नमक भवन बनाने के लिए भारत सरकार से सीएसआर मद से काम करने का प्रयास किया जा रहा है. इस भवन के बनने से बाहर से आने वाले लोगों को काला नमक चावल आसानी से प्राप्त हो जाएगा. वहीं से ही इस की मार्केटिंग भी हो सकेगी. कार्यक्रम के अंत में सांसद डुमरियागंज ने जिला प्रशासन, कृषि वैज्ञानिकों एवं किसानों को शुभकामनाएं दीं.