केंद्र सरकार के अनुसार, इस साल एमएसपी पर गेहूं की सरकारी खरीद के लक्ष्य को पूरा करने में सफलता मिली है. खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्रालय ने बताया है कि रबी मार्केटिंग सीजन 2023-24 के दौरान 26 अप्रैल, 2023 तक 195 लाख मीट्रिक टन गेहूं की खरीद हुई है. इस से पहले आरएमएस 2022-23 में कुल 187.92 लाख मीट्रिक टन गेहूं खरीदा गया था यानी सरकार ने इस बार 26 दिन में पिछले साल के खरीद का रिकौर्ड तोड़ दिया है.

क‍ितने किसानों ने एमएसपी पर बेचा गेहूं

वर्तमान रबी मार्केटिंग सीजन में 26 अप्रैल, 2023 तक 14.96 लाख किसानों ने अपना गेहूं एमएसपी पर बेचा है. इन किसानों को एमएसपी के तौर पर 41,148 करोड़ रुपए का भुगतान किया गया है. केंद्र सरकार ने सभी राज्यों को खरीद केंद्रों के अलावा ग्राम पंचायत स्तर पर खरीद केंद्र खोलने और सहकारी समितियों, ग्राम पंचायतों और आढ़तियों आदि के माध्यम से भी खरीद करने की अनुमति दी है, ताकि किसानों को बेहतर संपर्क के लिए विकल्प उपलब्ध हो सके.

सब से ज्यादा गेहू खरीद वाले राज्य

इस साल के दौरान सब से ज्यादा गेहूं खरीदने वाले राज्यों में पंजाब, हरियाणा और मध्य प्रदेश सब से आगे हैं.

पंजाब में 89.79 लाख मीट्र‍िक टन, हरियाणा में 54.26 लाख मीट्रिक टन और मध्य प्रदेश में 49.47 लाख मीट्र‍िक टन गेहूं खरीदा गया है.

इन तीन राज्यों में एमएसपी पर सब से ज्यादा गेहूं की खरीद होती है. इस साल बेमौसम बारिश के कारण भी गेहूं की क्वालिटी में कमी आई थी, जिस के चलते सरकार ने नियमों में छूट दी है. केंद्र सरकार का दावा है कि इस से किसानों को लाभ होगा और उन की कठिनाई कम होगी. साथ ही, किसी भी मजबूरी में बिक्री को नियंत्रित किया जा सकेगा.

बता दें कि केएमएस 2022-23 की रबी फसल के दौरान 106 लाख मीट्रिक टन धा.

प‍िछले साल किया था टारगेट में बदलाव

पिछले साल यह संशोधित किया गया था कि केंद्र सरकार को रबी मार्केटिंग सीजन 2022-23 में 444 लाख मीट्रिक टन गेहूं खरीदने का लक्ष्य तय किया जाएगा. लेकिन, रूसयूक्रेन युद्ध और हीट वैब के कारण ओपन मार्केट में गेहूं का दाम एमएसपी से अधिक हो गया था, इसलिए अनाज मंडियां सूनी हो गईं.

यही वजह रही कि किसानों ने ज्यादा भाव मिलने के कारण व्यापारियों को गेहूं बेचना शुरू कर दिया था. इस स्थिति में सरकार ने अपना खरीद टारगेट संशोधित कर के 195 लाख मीट्रिक टन का लक्ष्य रखा. लेकिन, संशोधित टारगेट भी पूरा नहीं हुआ. बड़ी मुश्किल से 187.92 लाख मीट्रिक टन गेहूं ही खरीदा जा सका था यानी पिछले साल के संशोधित खरीद टारगेट जितना गेहूं इस साल 26 दिन में ही खरीद लिया गया है.

 

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