छिंदवाड़ा : जिले के हर्रई विकासखंड के ग्राम भुमका के आदिवासी किसान पूरनलाल इनवाती प्राकृतिक खेती से एक ओर जहां रसायनमुक्त फल सब्जी मार्केट में पहुंचा रहे हैं, तो वहीं लाखों रुपए का शुध्द मुनाफा भी कमा रहे हैं. किसान पूरनलाल इनवाती ने इस वर्ष एक एकड़ में प्राकृतिक पद्धति से केले की खेती कर 4 लाख रुपए का शुध्द मुनाफा कमाया है.
प्राकृतिक पद्धति से उन के द्वारा उगाए गए केले “छिंदवाड़ा केले” के नाम से जबलपुर मंडी में हाथोंहाथ बिक रहे हैं. केले के अलावा उन के द्वारा प्राकृतिक पद्धति से बैगन, टमाटर, मक्का की फसल भी लगाई गई है और आम, कटहल, आंवला, सेब, एप्पल बेर, ड्रैगन फ्रूट, नीबू, संतरा, काजू के पौधों का रोपण भी किया गया है.
किसान पूरनलाल इनवाती द्वारा ड्रिप पद्धति एवं फसल अवषेश का प्रबंधन कर पूरी तरह प्राकृतिक रूप से केले की टिशु कल्चर के द्वारा तैयार किस्म जी-9 लगाई गई है. साथ ही, फसल अवषेश प्रबंधन कर के मिट्टी की गुणवत्ता को सुधारा जा रहा है. पिछले वर्ष आधा एकड में केले की प्राकृतिक खेती कर 2 लाख, 7 हजार रुपए का शुध्द मुनाफा प्राप्त किया गया था.
इस वर्ष एक एकड से 4 से 5 लाख रुपए का शुध्द मुनाफा प्राप्त होना बताया है. एक एकड़ में 800 पौधे लगाए हैं, प्रत्येक पौधे से औसतन 45 किलोग्राम फल प्राप्त हो रहे हैं, जिसे किसान द्वारा जबलपुर मंडी में औसतन 25 रुपए प्रति किलोग्राम के भाव से विक्रय किया जा रहा है.
किसान द्वारा बताया गया कि हमारा प्राकृतिक केला जबलपुर मंडी में छिंदवाड़ा के केले के नाम से प्रसिद्ध है एवं व्यापारियों द्वारा हाथोंहाथ उचित दाम दे कर खरीद लिया जाता है. सामान्यतः जहां सामान्य केले की 15 से 18 रुपए प्रति किलोग्राम की दर से मंडी में खरीदी होती है, वहीं हमारा प्राकृतिक केला 25 रुपए प्रति किलोग्राम की दर से हाथोंहाथ बिक रहा है.
किसान द्वारा प्राकृतिक विधि से बैगन, टमाटर एवं मक्का की फसल भी लगाई गई हैं, साथ ही आम, कटहल, आंवला, सेब, एप्पल बेर, ड्रेगन फ्रूट, नीबू, संतरा, काजू के पौधों का भी रोपण किया गया है. किसान द्वारा कड़कनाथ मुरगीपालन, बकरीपालन एवं मछलीपालन इकाई भी स्थापित कर समन्वित खेती की जा रही है.
इस प्रकार कुल लगभग 6 एकड़ जमीन से किसान द्वारा वर्ष में लगभग 10 लाख रुपए का शुध्द लाभ प्राप्त किया जा रहा है. इस से प्रेरणा ले कर जिले के अन्य किसान भी प्राकृतिक खेती को अपना कर एवं समन्वित खेती कर अपनी आय बढ़ा सकते हैं.
किसान द्वारा की जा रही समन्वित खेती के इस उत्कृष्ट उदाहरण का अवलोकन पिछले दिनों जिले के अधिकारियों द्वारा भी किया गया. कलक्टर छिंदवाड़ा शीलेंद्र सिंह के निर्देशानुसार उपसंचालक, कृषि, जितेंद्र कुमार सिंह ने उद्यानिकी महाविद्यालय के डीन एवं सहसंचालक आंचलिक कृषि अनुसंधान केंद्र, चंदनगांव के डा. आरसी शर्मा के साथ किसान पूरनलाल इनवाती के खेत मे पहुंच कर प्राकृतिक पद्धति से एक एकड़ में की जा रही केले की खेती का अवलोकन किया. भ्रमण के दौरान सचिन जैन अनुविभागीय कृषि अधिकारी अमरवाड़ा एवं स्थानीय किसान भी उपस्थित थे.