झांसी/नई दिल्ली :  मार्च, 2023. रानी लक्ष्मीबाई केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय, झांसी का द्वितीय दीक्षांत समारोह केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर के मुख्य आतिथ्य में संपन्न हुआ. उन्होंने नवनिर्मित महिला व पुरुष छात्रावास, अतिथि गृह और औडिटोरियम का शुभारंभ भी किया.

इस अवसर पर नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि हमारा देश कृषि प्रधान है. एक समय कहा जाता था कि खेती उसी की है, जिस के पास पानी है, लेकिन बदलते परिवेश में कहावत बदल कर इस तरह हो गई है कि खेती उसी की है, जिस के पास अच्छा ज्ञान है. उन्होंने विद्यार्थी जीवन को सब से सुनहरा काल बताते हुए विश्वास जताया कि कृषि विद्यार्थियों का ज्ञान देश की खेती को और उन्नत एवं विकसित बनाने में योगदान करेगा.

उन्होंने आगे कहा कि बुंदेलखंड की धरती हमेशा साहस व वीरता के लिए जानी जाती है. रानी लक्ष्मीबाई व महाराजा छत्रसाल की वीरता के चर्चे देशदुनिया में होते हैं. ऐसी धरती पर स्थापित रानी लक्ष्मीबाई केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय ने अल्प अवधि में ही काफी प्रगति की है.

दलहन, तिलहन, सब्जी, फल, जैविक व प्राकृतिक खेती के साथ बुंदेलखंड सहित समूचा उत्तर प्रदेश कृषि की दृष्टि से प्रगति कर रहा है. उन्होंने कहा कि इस विश्वविद्यालय और कृषि विज्ञान केंद्रों सहित भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के क्षेत्रीय संस्थानों ने उत्तर प्रदेश व समीपस्थ मध्य प्रदेश में अपनी महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई है.

खुशी की बात है कि विश्वविद्यालय मध्य प्रदेश के दतिया जिले में पशु चिकित्सा और पशु विज्ञान एवं मत्स्य विज्ञान महाविद्यालय स्थापित करने जा रहा है, जिस के लिए भवन का निर्माण कार्य प्रगति पर है.

जो बुंदेलखंड कभी पलायन के लिए जाना जाता था, वहां आज कृषि का विकास सुखद स्थिति में है. यह क्षेत्र फलसब्जियों व प्राकृतिक खेती के मामले में एक हब बने, इस दिशा में प्रयास तेज गति से होना चाहिए. साथ ही, बुंदेलखंड क्षेत्र में तिलहन की खेती भी बढ़नी चाहिए.

बढ़ती आबादी, जलवायु परिवर्तन जैसी चुनौतियों के मद्देनजर वर्ष 2050 तक की जरूरतों के हिसाब से कदम उठाने होंगे. उत्पादन तभी बढ़ेगा, जब अनुसंधान बढ़ेगा. साथ ही, नई पीढ़ी को कृषि की तरफ आकर्षित करने की जरूरत है.

किसानों को सुरक्षा कवच देने के लिए प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना चलाई जा रही है, जिस के माध्यम से अभी तक 1.30 लाख करोड़ रुपए क्लेम दे कर किसानों के नुकसान की भरपाई करने का भी काम हुआ है.

किसान क्रेडिट कार्डों के जरीए अल्पकालिक ऋण के रूप में कम से कम 20 लाख करोड़ रुपए किसानों को मिलें, प्रधानमंत्री ने यह सुनिश्चित करने का काम भी किया है. छोटे किसानों को संगठित कर लाभ पहुंचाने के उद्देश्य से 6,865 करोड़ रुपए खर्च कर 10,000 कृषक उत्पादक संघ बनाए जा रहे हैं.

यह गाय आधारित खेती है, जिस के लिए सरकार ने मिशन बनाया है. अनेक समाजसेवी भी इस दिशा में काम कर रहे हैं, ताकि रासायनिक खेती में कमी आए, जिस से हर साल लगभग ढाई लाख करोड़ रुपए दी जाने वाली सब्सिडी की राशि देश में विकास कार्यों के काम आ सके.

नैनो यूरिया व नैनो डीएपी पर भी काम हुआ है, इस दिशा में किसानों को हम जितना प्रवृत्त करेंगे, उतना स्वच्छ उत्पादन होगा, जिस से स्वस्थ शरीर व स्वस्थ मन होगा और समूचा भारत स्वस्थ बनेगा.

इस समारोह में कुलाधिपति डा. पंजाब सिंह, डेयर के सचिव व आईसीएआर के महानिदेशक डा. हिमांशु पाठक, रानी लक्ष्मीबाई केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति डा. अशोक कुमार सिंह, सभी निदेशक व अधिष्ठातागण, शिक्षक एवं वैज्ञानिकगण, विद्यार्थी, किसान और क्षेत्रीय जनप्रतिनिधि भी उपस्थित थे.

बीज प्रसंस्करण व भंडारण सुविधा

झांसी/ नई दिल्ली : 11 मार्च, 2023. भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीएआर) के भारतीय चारागाह एवं चारागाह अनुसंधान संस्थान, झांसी में बीज प्रसंस्करण व भंडारण सुविधा का उद्घाटन केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने किया. इस मौके पर महिला कृषक सम्मेलन भी हुआ.

महिला कृषक का सम्मेलन में सम्मान : केंद्रों पर संचालित अनुसूचित जाति उपपरियोजना के तहत 50 लाख रुपए की लागत के कृषि उपकरणों का वितरण लाभार्थी महिला कृषकों को किया गया.

नरेंद्र सिंह तोमर ने महिला कृषकों के सशक्तीकरण के लिए संस्थान के प्रयासों की सराहना की एवं संस्थान द्वारा विकसित 300 से अधिक चारा फसल किस्मों व विभिन्न तकनीकों के विकास के लिए भी संस्थान के वैज्ञानिकों की प्रशंसा करते हुए उन का उत्साहवर्धन किया.

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