Spice Crops| प्रसार शिक्षा निदेशालय, महाराणा प्रताप कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, उदयपुर द्वारा पांचदिवसीय किसान प्रशिक्षण “मसाला फसलों की खेती एवं प्रसंस्करण” विषय पर बीते 3 मार्च से 7 मार्च, 2025 को आयोजित किया गया.
प्रशिक्षण के समापन समारोह के मुख्य अतिथि डा. आरएल सोनी, निदेशक, प्रसार शिक्षा निदेशालय, उदयपुर ने अपने उद्बोधन में प्रशिक्षणार्थियों को मसाला फसलों की खेती एवं प्रसंस्करण के महत्व पर प्रकाश डालते हुए बताया कि मसाला फसलों की खेती की लोकप्रियता के पीछे महत्वपूर्ण तथ्य यह भी है कि इन के उत्पादन में कई अन्य कृषि फसलों की तुलना में कम सिंचाई जल एवं पोषक तत्वों की आवश्यकता होती है. साथ ही, यह किसानों के लिए अधिक आय अर्जित करने का एक अच्छा विकल्प है. मसाला फसलों के साथसाथ फल एवं सब्जियों का उत्पादन कर अतिरिक्त आमदनी भी ले सकते हैं.
समारोह के विशिष्ट अतिथि डा. एसके इंटोदिया, प्राध्यापक ने किसानों से आह्वान किया कि वे प्रशिक्षण के बाद एफपीओ का गठन करे और इस के माध्यम से अधिक आय प्राप्त करें. फसल को कटाई के बाद बेचने के मुकाबले ग्रेडिंग, क्लीनिंग, पैकेजिंग एवं प्रोसैसिंग से ज्यादा मुनाफा ले पाएंगे.
डा. लतिका व्यास, प्रशिक्षण प्रभारी ने बताया कि उक्त प्रशिक्षण कृषि विभाग आत्मा, मंदसौर (मध्य प्रदेश) द्वारा प्रायोजित था, जिस में मंदसौर जिले के विभिन्न गांवों से 60 किसानों ने भाग लिया. इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में विश्वविद्यालय के विभिन्न वैज्ञानिकों द्वारा कृषि विषयों पर तकनीकी जानकारी दी गई.
प्रशिक्षणार्थियों को विश्वविद्यालय की विभिन्न सजीव इकाइयों जैसे जैविक इकाई, पौलीहाउस, मुरगीपालन, डेयरी एवं मत्स्यपालन आदि के साथसाथ संग्रहालय भ्रमण एवं फिल्म शो कराया गया और तकनीकी जानकारी दी गई.
प्रशिक्षण समापन के दौरान प्रशिक्षणार्थियों से प्रश्नोत्तरी की गई, जिस में प्रथम, द्वितीय व तृतीय को पुरस्कार एवं सभी प्रतिभागियों को सांत्वना पुरस्कार एवं प्रमाणपत्र मुख्य अतिथि द्वारा दिए गए.