दौसा : खादी और ग्रामोद्योग आयोग (केवीआईसी), सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्रालय, भारत सरकार के अध्यक्ष मनोज कुमार ने दौसा की सांसद जसकौर मीणा की उपस्थिति में ग्रामोद्योग विकास योजना के अंतर्गत 120 कुम्हारों को बिजली से चलने वाले चाक और 40 कारीगरों को टर्नवुड क्राफ्ट मशीनों और टूलकिट का वितरण किया.

दौसा के गांव बालाहेडी में आयोजित वितरण कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्य अतिथि सांसद, दौसा जसकौर मीणा ने कहा कि खादी और ग्रामोद्योग आयोग ने पिछले 9 वर्षों में ऐतिहासिक काम किया है. ग्रामीण भारत में रोजगार सृजन के क्षेत्र में केवीआईसी महत्वपूर्ण भूमिका निभा कर आत्मनिर्भर भारत के सपने को साकार कर रहा है.

कार्यक्रम में केवीआईसी के उत्तर क्षेत्र के सदस्य नागेंद्र रघुवंशी उपस्थित रहे. केवीआईसी के अध्‍यक्ष मनोज कुमार ने कहा कि भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में जिस खादी को महात्मा गांधी ने स्वदेशी आंदोलन के दौरान ब्रिटिश हुकूमत के विरुद्ध संघर्ष का सब से मजबूत हथियार बनाया, उसी खादी को ‘आधुनिक भारत के शिल्पकार’ और ‘आत्मनिर्भर भारत के रचनाकार’ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पिछले 9 वर्षों में गरीबी निर्मूलन, कारीगर सशक्तीकरण, खाद्य सुरक्षा, महिला सशक्तीकरण और बेरोजगारी उन्मूलन का सब से सशक्त, सक्षम और सफल ‘अस्त्र और शस्त्र’ बनाया है. उन्हीं के नेतृत्व में पिछले वित्त वर्ष में इतिहास रचते हुए खादी और ग्रामोद्योगी उत्पादों का कारोबार तकरीबन 1.34 लाख करोड़ रुपए को पार कर गया.

केवीआईसी ने 9 लाख, 54 हजार, 899 नए रोजगार का सृजन किया

अध्यक्ष मनोज कुमार के अनुसार, साल 2014 के बाद सिर्फ 9 वर्षों में खादी आज ‘ग्लोबल ब्रांड’ बन चुकी है. नीति आयोग के आंकड़े का हवाला देते हुए उन्होंने कहा कि पिछले 5 सालों में 13.5 करोड़ लोग भारत में गरीबी से बाहर निकले हैं. गांवों में लोगों को गरीबी रेखा से बाहर निकालने में खादी ने अहम योगदान दिया है. केवीआईसी ने वित्तीय वर्ष 2022-23 के दौरान कुल 9 लाख, 54 हजार, 899 नए रोजगार का सृजन किया है.

पूरे देश में कुम्हारों को बांटे 25,000 से अधिक बिजली से चलने वाले चाक

लाभार्थियों और गांव वालों को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि केवीआईसी द्वारा ग्रामोद्योग विकास योजना के अंतर्गत भारतीय परंपरागत उद्योगों के कामगारों को टूल्स एवं मशीनरी का वितरण किया गया, जिस से परंपरागत उद्योगों के कामगारों की आय में वृद्धि से उन के जीवनस्‍तर में व्‍यापक सुधार हो. अभी तक पूरे देश में कुम्हारों को 25,000 से अधिक बिजली से चलने वाले चाक बांटे जा चुके हैं, जिस से कुम्हारों की आय में तीन से चार गुना की बढ़ोतरी हुई है.

उन्होंने आगे कहा कि हमें मेक इन इंडिया के साथसाथ मेक फौर वर्ल्ड के मंत्र के साथ आगे बढ़ना है, तभी लोकल टू ग्लोबल विजन साकार हो पाएगा.

कारीगरों को बांटे उपकरण

वितरण कार्यक्रम में कुम्हार सशक्तीकरण योजना के अंतर्गत राजस्थान के दौसा, अलवर, भरतपुर और करौली के 120 कुम्हारों को बिजली से चलने वाले चाक प्रदान किए गए. सभी लाभार्थियों को 10 दिन की निःशुक्ल ट्रेनिंग दी गई है. साथ ही, टर्नवुड क्राफ्ट के 40 कारीगरों को 20 दिन की निःशुल्क ट्रेनिंग के बाद मशीनों और टूलकिट का वितरण किया गया है, जिस के माध्यम से अब ये कारीगर 25 से 35 हजार रुपए तक प्रति महीना आजीविका कमा सकेंगे.

लाभार्थियों को संबोधित करते हुए अध्यक्ष मनोज कुमार ने कहा कि राजस्थान में 158 खादी की संस्थाएं कार्यरत हैं, जिस के माध्यम से 30 हजार से अधिक लोगों को रोजगार मिल रहा है. प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम (पीएमईजीपी) के अंतर्गत राजस्थान में अभी तक 30,083 पीएमईजीपी की इकाइयां स्थापित की गई हैं, जिन्हें भारत सरकार की तरफ से 860 करोड़ रुपए की मार्जिन मनी सब्सिडी का वितरण किया गया है.

दौसा में पिछले 6 वर्षों में तकरीबन 670 इकाइयों की स्थापना हुई है, जिन को मार्जिन मनी सब्सिडी के रूप में 17.47 करोड़ रुपए की वित्तीय सहायता दी गई है, जिस के माध्यम से 5360 लोगों को रोजगार मिल रहा है.

अध्यक्ष मनोज कुमार के अनुसार, पीएमईजीपी के अंतर्गत पूरे देश में तकरीबन 22 हजार करोड़ रुपए की मार्जिन मनी सब्सिडी का वितरण किया जा चुका है. वित्त वर्ष 2008-09 से 2022-23 के बीच 8.69 लाख परियोजनाओं की स्थापना कर तकरीबन 50 लाख से अधिक नए रोजगार का अवसर प्रदान किया गया. वितरण कार्यक्रम में राजस्थान सरकार और केवीआईसी के अधिकारी और कर्मचारी मौजूद रहे.

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