नई दिल्ली : कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय ने नई दिल्ली के पूसा में ‘मक्का उत्पादन बढ़ाने’ पर एक प्रभावशाली कार्यशाला का आयोजन किया. यह कार्यक्रम नीति आयोग के सदस्य प्रो. रमेश चंद की अध्यक्षता में आयोजित किया गया.
प्रो. रमेश चंद ने इथेनाल उत्पादन की लक्षित मांग को पूरा करने के लिए मक्का उत्पादकता बढ़ाने की आवश्यकता को रेखांकित करते हुए बताया कि देश में मक्का उत्पादन बढ़ाने के लिए उच्च मक्का उत्पादकता हासिल करना महत्वपूर्ण है.
सचिव मनोज आहूजा ने कार्यशाला का प्रासंगिक अवलोकन प्रस्तुत किया गया और मक्के को अवसर की फसल के रूप में स्थापित करते हुए, मक्का क्षेत्र के लिए प्रगतिशील रणनीति तैयार करने में निजी क्षेत्र की महत्वपूर्ण भूमिका पर बल दिया.
सचिव मनोज आहूजा ने चर्चा से मुख्य अंतर्दृष्टि प्रदान करते हुए अपनी समापन टिप्पणियां साझा की. उन्होंने उच्च उपज देने वाली बीज की किस्मों, क्लस्टर प्रदर्शन, खरीद नीति और मक्का उत्पादन को प्रोत्साहन देने और किसानों के लिए बेहतर पारिश्रमिक सुनिश्चित करने के लिए किसानों के साथ सहयोग करने के लिए उद्योग की आवश्यकता सहित विशेष क्षेत्रों पर प्रकाश डाला.
कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय में अपर सचिव शुभा ठाकुर ने मक्का उत्पादन के प्रति कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय की पहल के बारे में जानकारी दी और मक्के से इथेनाल उत्पादन के लिए एकीकृत कृषि मूल्य श्रंखला विकास के लिए सार्वजनिक निजी भागीदारी का लाभ उठाने के लिए निजी क्षेत्र के अवसरों पर प्रकाश डाला.
शुभा ठाकुर ने सहयोगात्मक प्रयासों की आवश्यकता पर बल देते हुए राज्य सरकारों से अपेक्षाएं भी साझा की.
दूसरे सत्र में राज्य सरकार, अनुसंधान और निजी क्षेत्र के उल्लेखनीय हितधारकों की प्रस्तुतियां सम्मिलित थीं.
पंजाब सरकार के विशेष मुख्य सचिव केएपी सिन्हा ने राज्य में धान/गेहूं से मक्का तक विविधता लाने से संबंधित चुनौतियों को साझा किया. साथ ही, उन्होंने मक्का उत्पादन इकोसिस्टम को सक्षम करने के लिए बुनियादी ढांचे, मशीनरी, किसानों को प्रोत्साहन और न्यूनतम समर्थन मूल्य यानी एमएसपी पर खरीद की आवश्यकता पर बल दिया.
भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीएआर)-भारतीय मक्का अनुसंधान संस्थान (आईआईएमआर), लुधियाना के निदेशक ने मक्का अनुसंधान और विकास में उल्लेखनीय काम साझा किए.
कृषि विभाग, बिहार सरकार के सचिव संजय अग्रवाल ने बिहार में मक्का उत्पादन का अनुभव साझा किया. उन्होंने राज्य सरकार के हस्तक्षेपों पर प्रकाश डाला, जिस ने मक्का उत्पादन में वृद्धि और किसानों से सुनिश्चित खरीद के लिए अनाज आधारित भट्टियों के साथ उपयोग में योगदान दिया.
बाद में कार्यशाला के दौरान आल इंडिया डिस्टिलर्स एसोसिएशन (एआईडीए) और नेशनल सीड एसोसिएशन औफ इंडिया (एनएसएआई) ने मक्के से इथेनाल उत्पादन और इकोसिस्टम के समर्थन में निजी क्षेत्र की भूमिका पर अपने दृष्टिकोण प्रस्तुत किए. इस से खुली चर्चा के दौरान विभिन्न विचारों का आदानप्रदान हुआ. इस से हितधारकों को अपनी राय जाहिर करने व राष्ट्रीय और वैश्विक दोनों स्तरों पर मक्का उत्पादन बढ़ाने के लिए संभावित समाधानों पर सहयोग करने के लिए एक मंच प्रदान हुआ.