रायसेन : आत्मा परियोजना के अंतर्गत किसानवैज्ञानिक परिचर्चा का आयोजन कृषि विज्ञान केंद्र, नकतरा, रायसेन में किया गया. इस परिचर्चा में एनपी सुमन, उपसंचालक कृषि, रायसेन, दुष्यंत धाकड़, सहायक संचालक कृषि, डा. एचबी सेन, कृषक सहयोग संस्थान, कृषि विज्ञान केंद्र, रायसेन के वरिष्ठ वैज्ञानिक व प्रमुख डा. स्वप्निल दुबे, वैज्ञानिक डा. प्रदीप कुमार द्विवेदी एवं सुनील केथवास उपस्थित थे.

परिचर्चा में एनपी सुमन, उपसंचालक, कृषि, रायसेन ने कहा कि खरीफ फसलों में किसान अनुशंसित एवं संतुलित मात्रा में कीटनाशकों का उपयोग करें, ताकि कम लागत में अधिक उत्पादन प्राप्त किया जा सके.

वैज्ञानिक डा. स्वप्निल दुबे ने चर्चा के दौरान कहा कि इस समय सोयाबीन की फसल में सेमीलूपर व तंबाकू की इल्ली, धान की फसल में सफेद माहू एवं अरहर की फसल में पत्ती लपेटक कीट का प्रकोप देखा जा रहा है.

 

Keet Nashakवैज्ञानिक प्रदीप कुमार द्विवेदी द्वारा सेमीलूपर व तंबाकू की इल्ली के नियंत्रण के लिए वीसी ब्रोफानिलिडे 300 एससी की मात्रा को 42-62 ग्राम प्रति हेक्टेयर या नोबाल्यूरौन 5.25 फीसदी + इंडो एलक्साकार्ब 4.50 एससी 825-875 मिलीलिटर प्रति हेक्टेयर या टेट्रानिलिप्रोल 12.8 एससी 250-300 प्रति हेक्टेयर या स्पाइनेटोरम 11.70 एससी 450 मिलीलिटर प्रति हेक्टेयर में से किसी एक दवा का छिड़काव करें.वहीं धान की फसल में सफेद माहू के नियंत्रण के लिए इमिडाक्लोप्रिड 17.8 एसएल 250 मिलीलिटर प्रति हेक्टेयर या विप्रोफेंजिन 25 एससी 750 मिलीलिटर प्रति हेक्टेयर या पाइमेट्रोजाइन 300 मिलीलिटर प्रति हेक्टेयर में से किसी एक दवा का छिड़काव करें.

इस किसानवैज्ञानिक परिचर्चा में सातों विकासखंड के ग्राम देहगांव, कमका भूतपलासी, कारीतलाई, खनपुरा, हिनौतिया बाड़ी, सिलवानी आदि के लगभग 50 किसानों एवं महिला किसानों सहित जिले में पदस्थ बीटीएम सुरेश कुमार परमार, डा. गोविंद नामदेव, हीरालाल मालवीय, रघुवीर सिंह, योगेश शर्मा ने भाग लिया.

आगे की कहानी पढ़ने के लिए सब्सक्राइब करें

डिजिटल

(1 साल)
USD10
सब्सक्राइब करें

डिजिटल + 24 प्रिंट मैगजीन

(1 साल)
USD79
सब्सक्राइब करें
अधिक जानकारी के लिए क्लिक करें...