नई दिल्ली : 22 सितंबर, 2024 को देश में मत्स्यपालन क्षेत्र के विकास के लिए कृषि भवन, दिल्ली में एक उच्चस्तरीय बैठक केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण और ग्रामीण विकास मंत्री शिवराज सिंह चौहान और पशुपालन, मत्स्यपालन एवं डेयरी व पंचायती राज मंत्री राजीव रंजन सिंह के मध्य हुई.

बैठक में केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि मत्स्यपालन के क्षेत्र में आईसीएआर द्वारा काफी अच्छा अनुसंधान किया जा रहा है, नई प्रौद्योगिकियां विकसित की गई हैं, वहीं अनेक पहल की गई हैं, इन सब का लाभ देशभर के किसानों को और भी तत्काल अधिकाधिक कैसे मिले, इस संबंध में विचारविमर्श हुआ एवं संबंधित अधिकारियों को दिशानिर्देश दिए गए.

मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि मत्स्यपालन का क्षेत्र गत वर्षों में देश में काफी विकास हुआ है, वहीं आगे और भी विकास की असीम संभावनाएं हैं, साथ ही, इस से रोजगार के अवसर भी बड़ी संख्या में बढ़ेंगे. इस दिशा में यह फैसला लिया गया है कि समस्त संभावनाओं को तलाशने, क्रियान्वित करने के लिए सभी संबंधित विभाग एकसाथ मिलबैठ कर काम करें, प्रधानमंत्री मोदी की भी यहीं मंशा रही है कि कृषि एवं संबद्ध क्षेत्र मिल कर काम करें, ताकि किसानों, मत्स्यपालकों, पशुपालकों आदि को ज्यादा से ज्यादा लाभ पहुंचे.

उन्होंने कहा कि सरकार चाहती है कि छोटे किसानों को ज्यादा से ज्यादा लाभ मिले. माडल फार्म को विकसित किया जाना चाहिए, ताकि किसान संबद्ध कार्यों द्वारा भी अपनी आय बढ़ा सकें. खेती व संबद्ध क्षेत्रों में किसानों व अन्य लोगों की गरीबी दूर हो कर आमदनी बढ़ना चाहिए, इस पर सरकार का फोकस है और अनेक योजनाओं व कार्यक्रमों के माध्यम से इस दिशा में काम किया जा रहा है.

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बैठक में इस संबंध में मत्स्यपालन के क्षेत्र में एक उच्चस्तरीय समिति बनाने का निर्णय लिया गया है, जिस में मत्स्यपालन, पशुपालन एवं डेयरी मंत्रालय व आईसीएआर के वरिष्ठ अधिकारी सम्मिलित रहेंगे. समिति नियमित बैठकें करेगी व रोडमैप भी तैयार करेगी.

मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि इस में राज्यों की सहायता ली जाए व सभी ताकत से जुटें, ताकि अच्छे परिणाम आएं. बैठक में कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि सफल किसानों की बातें अधिकाधिक प्रसारित करने के साथ ही जागरूकता कार्यक्रम और शिविर भी आयोजित किए जाएं.

केंद्रीय मंत्री राजीव रंजन सिंह ने कहा कि मत्स्यपालन में आईसीएआर ने काफी अच्छा रिसर्च किया है, जो बहुत उपयोगी है. इसे किसानों, गांवगांव, नए स्टार्टअप्स तक पहुंचाने के लिए बैठक की गई है, ताकि आगे और भी सुधार हो सके.

उन्होंने बताया कि मछली उत्पादन में नीली क्रांति हुई है और भारत आज विश्व में दूसरे स्थान पर है. सालाना 60,000 करोड़ रुपए का निर्यात हो रहा है. प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना का लाभ भी बड़े पैमाने पर देश के किसानों को मिल रहा है. साथ ही, दुग्ध उत्पादन में भारत दुनिया में पहले नंबर है, निर्यात बढ़ाने व देश को एफएमडी मुक्त करने पर केंद्र द्वारा योजनाबद्ध ढंग से काम किया जा रहा है.

बैठक में आईसीएआर के उपमहानिदेशक (मत्स्य विज्ञान) डा. जेके जेना ने 8 मत्स्य अनुसंधान संस्थानों के महत्वपूर्ण अनुसंधान क्षेत्रों और प्रौद्योगिकी विकास की प्रस्तुति दी. बैठक में मत्स्यपालन विभाग के सचिव डा. अभिलक्ष लिखी और आईसीएआर के महानिदेशक डा. हिमांशु पाठक भी उपस्थित थे.

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