नई दिल्ली : उपभोक्ता मामलों के विभाग ने भारतीय खुदरा विक्रेता संघ (आरएआई) के साथ दालों के संबंध में मूल्य परिदृश्य और निर्दिष्ट खाद्य पदार्थों पर लाइसेंसिंग आवश्यकताओं, स्टाक सीमाओं और आवागमन प्रतिबंधों को हटाने के (पहला और दूसरा संशोधन) आदेश, 2024 के तहत 21जून, 2024 और 11जुलाई, 2024 में निर्धारित तुअर और चना के लिए स्टाक सीमाओं के अनुपालन पर चर्चा के लिए बैठक आयोजित की.

इस बैठक की अध्यक्षता भारत सरकार के उपभोक्ता मामलों के विभाग की सचिव निधि खरे ने की. आरएआई के 2300 से अधिक सदस्य हैं और देशभर में इस के 6,00,000 से अधिक बिक्री केंद्र (आउटलेट) हैं.

उपभोक्ता मामलों के विभाग की सचिव निधि खरे ने बताया कि पिछले एक महीने में प्रमुख मंडियों में चना, तुअर और उड़द की कीमतों में 4 फीसदी तक की गिरावट आई है, लेकिन इन की खुदरा कीमतों में ऐसी कोई गिरावट नहीं देखी गई है. उन्होंने थोक मंडी कीमतों और खुदरा कीमतों के बीच अलगअलग रुझानों की ओर इशारा किया, जिस से लगता है कि खुदरा विक्रेताओं को ज्यादा मुनाफा मिल रहा है.

उन्होंने यह भी बताया कि खरीफ दलहन की बोआई की प्रगति अच्छी है. सरकार ने प्रमुख खरीफ दलहन उत्पादक राज्यों में तुअर और उड़द के उत्पादन को बढ़ाने के लिए कई प्रयास किए हैं, जिस में नेफेड और एनसीसीएफ के माध्यम से किसानों को अच्छी गुणवत्ता वाले बीजों का वितरण शामिल है. कृषि विभाग सभी आवश्यक सहायता प्रदान करने के लिए राज्य कृषि विभागों के साथ निरंतर संपर्क में है.

मौजूदा मूल्य परिदृश्य और खरीफ संभावना को ध्‍यान में रखते हुए उन्होंने कहा कि वे दालों की कीमतों को उपभोक्ताओं के लिए किफायती बनाए रखने के सरकार के प्रयासों में हर संभव सहायता प्रदान करें.

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