अविकानगर : भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद, नई दिल्ली के संस्थान केंद्रीय भेड़ एवं ऊन अनुसंधान संस्थान, अविकानगर (मालपुरा जिला – टोंक) निदेशक एवं भ्रमण कार्यक्रम समन्वयक डा. अरुण कुमार तोमर ने गांव देशांतरी नाड़ी (नयानगर) गुड़ामालानी के प्रगतिशील किसान छगन लाल गोयल के घर पर किसानवैज्ञानिक संगोष्ठी का आयोजन किया, जिस में गांव के लोगों ने निदेशक का बाड़मेर परंपरा से स्वागत करते हुए बताया कि आप का किसान के द्वार आने पर हम को अत्यंत ख़ुशी हो रही है.
निदेशक डा. अरुण कुमार तोमर ने छगन लाल के समकलित खेती, बागबानी, देशी मुरगीपालन, खरगोशपालन, भेड़बकरी एवं अन्य पशुओं के पालन से अपने परिवार को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने का उदाहरण देते हुए बाड़मेर की पारिस्थितिकी में छोटे पशु भेड़बकरी एवं खरगोश को आसानी से पाला जा सकता है की उपयोगिता पर विस्तार से चर्चा की गई.
निदेशक डा. अरुण कुमार तोमर ने प्रगतिशील किसान छगन लाल के फार्म पर आंवला व सहजन के पौधे का पौधरोपण करते हुए उन के फायदे मानव और पशुधन में विस्तार से संगोष्ठी मे पधारे किसानों को विस्तार से अवगत कराया.
निदेशक डा. अरुण कुमार तोमर ने संगोष्ठी में मौजूद सभी किसानों के सभी तरह के सवालों का जवाब दिया. साथ ही, उन्होंने संगोष्ठी में उपस्थित किसानों को अधिक से अधिक संख्या में कृषि विज्ञान केंद्र के पास नए क्षेत्रीय बाजरा अनुसंधान संस्थान केंद्र, गुड़ामालानी के फाउंडेशन स्टोन (स्थापना दिवस) में पधार कर आईसीआर, नई दिल्ली के राजस्थान में स्थित संस्थान की प्रदर्शनी अवलोकन करने एवं साथ में उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ द्वारा दिया गया संबोधन के बारे में बताया.
उन्होंने यह भी बताया कि एक ही जगह आप को देश के प्रसिद्ध कृषि व पशुपालन की उन्नत तकनीकियों की जानकारी मिलेगी, उस से सभी लाभान्वित हो कर अपनी खेती व पशुपालन व्यवसाय को आजीविका में सफल बनाए.
निदेशक डा. अरुण कुमार तोमर ने इस संगोष्ठी के माध्यम से सभी किसानों को अधिक से अधिक संख्या में अपनी जानकारी को अन्य किसान भाइयों को प्रसारित करने का निवेदन किया, जिस से उपराष्ट्रपति के साथ देश के केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर, राज्यमंत्री कैलाश चौधरी और परिषद के महानिदेशक डा. हिमांशु पाठक के विचारों से गुड़ामालानी के सभी किसान लाभान्वित हों.
निदेशक के साथ डा. रणधीर सिंह भट्ट, विभागाध्यक्ष पशु पोषण विभाग, इंद्रभूषण कुमार, मुख्य प्रशासनिक अधिकारी, राजकुमार, मुख्य वित्त एवं लेखा अधिकारी, डा. अमर सिंह मीना, डा. सत्यवीर सिंह दांगी व अन्य अविकानगर संस्थान का स्टाफ मौजूद रहा.