हरदा : प्रदेश में भारत सरकार की योजना ‘कृषि अधोसंरचना निधि’ की विशेषताओं व एमपी फार्मगेट एप के प्रचारप्रसार करने और किसानों, व्यापारियों, उद्यमियों व विभिन्न संस्थाओं के प्रतिनिधियों को इन योजनाओं की जानकारी देने के लिए पिछले दिनों मंडी बोर्ड, भोपाल के वरिष्ठ अधिकारियों के मार्गदर्शन में माहेश्वरी मांगलिक भवन में एकदिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया.
कार्यशाला में कलक्टर आदित्य सिंह ने ‘कृषि अधोसंरचना निधि’ योजना की तारीफ करते हुए इस महत्वपूर्ण योजना का लाभ उठाने के लिए किसानों से अपील की. उन्होंने बताया कि देश में कृषि अधोसंरचना सुधार के लिए वित्तीय सहायता देने के उद्देश्य से कृषि अधोसंरचना निधि योजना चलाई जा रही है. योजना के तहत, भारत सरकार द्वारा एक लाख करोड़ रुपए का कोष बनाया गया है. इस योजना में किसानों व कृषि उद्यमियों को 2 करोड़ रुपए तक का लोन मुहैया कराया जाता है, जिस पर 3 फीसदी ब्याज अनुदान दिया जाता है.
उन्होंने कहा कि जिले में कुल 61 हितग्राहियों के वेयरहाउस इसी योजना के तहत बने हुए हैं. वहां मौजूद किसानों से उन्होंने अपील की कि वे ही कृषि अधोसंरचना निधि योजना के लिए आवेदन कर दें और योजना का लाभ उठाएं.
कार्यशाला में कलक्टर आदित्य सिंह ने किसानों से कहा कि वे खेती के साथसाथ उस से जुड़े फूड प्रोसैसिंग उद्योग इस योजना के तहत शुरू कर सकते हैं, जिस में खेती से अधिक लाभ किसानों को होता है.
उन्होंने आगे यह भी कहा कि मिर्ची की फसल से उतना लाभ नहीं होगा, जितना मिर्ची का पाउडर तैयार कर के बेचने में होगा. इस से पूर्व उपसंचालक, कृषि, संजय यादव ने उपस्थित समस्त अतिथियों का स्वागत किया. इस दौरान उपसंचालक, कृषि, संजय यादव, मंडी सचिव, हरदा, एमएस चौहान, सहायक उपनिरीक्षक आदित्य राज सिंह चौहान, सहायक उपनिरीक्षक राहुल कुमार देवहारे सहित कृषि विभाग, उद्यानिकी विभाग, नाबार्ड बैंक व मंडी समितियों के सचिव एवं कर्मचारी और मीडिया प्रतिनिधि व किसान एवं व्यापारी प्रतिनिधि उपस्थित थे.
कार्यशाला के दूसरे चरण में गोविंद प्रसाद शर्मा, कृषि नोडल कृषि अधोसंरचना निधि योजना ने पावर पौइंट प्रेजेंटेशन के माध्यम से योजना के बारे में विस्तार से जानकारी दी. साथ ही, योजना के तहत वेयरहाउस, कोल्ड स्टोरेज, राइपनिंग चेंबर, प्राइमरी प्रोसैसिंग यूनिट, दाल मिल, फ्लोर मिल, आटा मिल, कस्टम हायरिंग सैंटर, मसाला उद्योग, बांस प्रोसैसिंग उद्योग इत्यादि के लिए लोन लिया जा सकता है. इस दौरान कृषि अधोसंरचना निधि योजना पोर्टल का तकनीकी प्रशिक्षण भी वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा दिया गया.
कार्यशाला में बताया गया कि कृषि अधोसंरचना निधि योजना के तहत अभी तक जिले में 127 आवेदनों में 78 करोड़ रुपए की राशि बैंकों द्वारा स्वीकृत की जा चुकी है. कार्यशाला में चीफ प्रोग्रामर, मंडी बोर्ड, भोपाल, संदीप चौबे ने एमपी फार्मगेट एप विषय पर विस्तार से प्रस्तुतीकरण दिया.
उन्होने इस दौरान अपने घर खलिहान से अपनी कृषि उपज को अपने मनपसंद दाम पर विक्रय करने की सुविधा, कृषि विक्रय में होने वाले खर्चों में कटौती, मंडी में होने वाली भीड़ से बचत आदि सुविधाओं के संबंध में एमपी फार्मगेट ऐप की उपयोगिता के बारे में जानकारी दी.
उन्होने उपस्थित किसानों को एमपी फार्मगेट ऐप को एंड्राइड मोबाइल पर गूगल प्ले स्टोर पर जाकर डाउनलोड करने तथा ऐप का इस्तेमाल करने के संबंध में भी जानकारी दी. कार्यशाला में जिले की मंडियों से आए हुए व्यापारियों तथा कृषकों ने अपनी जिज्ञासा अनुरूप प्रश्न पूछे, जिसका समाधान कारक उत्तर उपस्थित विशेषज्ञों द्वारा दिया गया.