खरसावां : राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन की अध्यक्षता और केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण व जनजातीय कार्य मंत्री अर्जुन मुंडा के मुख्य आतिथ्य में ‘विकसित गांव-विकसित भारत’ थीम पर खरसावां, झारखंड में किसान समागम (कृषि मेला सह प्रशिक्षण कार्यक्रम) का आरंभ हुआ.

‘विकसित गांव-विकसित भारत’ थीम पर गोंडपुर मैदान, खरसावां, झारखंड में केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय द्वारा किसान समागम (कृषि मेला सह प्रशिक्षण कार्यक्रम) आयोजित किया. केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय द्वारा भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीएआर) की विभिन्न संस्थाओं, राष्ट्रीय बीज निगम, बिरसा कृषि विश्वविद्यालय, इफको, राष्ट्रीय बागबानी बोर्ड, अटारी (पटना), कृषि विज्ञान केंद्रों, नेफेड, नाबार्ड व राज्य की विभिन्न संस्थाओं के साथ मिल कर यह वृहद आयोजन किया गया, जिस में हजारों किसान शामिल हुए.

इस मौके पर राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन ने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री लालबहादुर शास्त्री ने ‘जय जवान-जय किसान’ का नारा दिया था, जो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रयासों से सार्थक सिद्ध हो रहा है. स्टालों का अवलोकन करते हुए देश में कृषि क्षेत्र में हम ने अहम बदलाव को महसूस किया है, केंद्रीय योजनाओं के जरीए क्रांतिकारी बदलाव करते हुए कृषि को बढ़ावा दिया जा रहा है. किसान देश के भविष्य को आकार देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं, वे हमारी अर्थव्यवस्था की रीढ़ हैं. इस परिप्रेक्ष्य में किसान हित में इस प्रकार के समागम अत्यंत सराहनीय है.

मुख्य अतिथि केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा ने गांवों, कसबों और शहरों के किसानों से आग्रह किया कि सिर्फ एक फसल ले कर अपने खेतों को खाली नहीं रखें, बल्कि बहुफसली प्रणाली अपना कर आय बढ़ाते हुए देश के विकास में योगदान दें. केंद्र ने खेतों की मिट्टी की जांच करने की सुविधा मुहैया कराई है, जिस का किसान लाभ उठाएं, इस में विभाग पूरी तरह से सहयोग करेगा.

उन्होंने आगे  कहा कि हम अपने खेतों को हराभरा बनाएं. इस के लिए अनेक योजनाएं शुरू की गई हैं, जिन का सुचारु रूप से संचालन किया जा रहा है. खेती के लिए ड्रोन एवं नैनो यूरिया का उपयोग भी इस में अहम है. स्वयंसहायता समूहों के माध्यम से मातृ शक्ति गांवों को विकसित बनाने के लिए लगातार काम कर रही है, जिन में हजारों पीएम ड्रोन दीदी शामिल हैं.

मंत्री अर्जुन मुंडा ने कहा कि किसान हितैषी सरकार ने कृषि क्षेत्र को हमेशा प्राथमिकता पर रखा है. इसी क्रम में केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय के बजट को वर्ष 2013-14 के तकरीबन 22,000 करोड़ रुपए के मुकाबले चालू वर्ष में लगभग सवा पांच गुना तक बढ़ाया गया है. आपदा प्रभावित किसानों को राहत के लिए भी केंद्र सरकार ने राज्य सरकार को राशि उपलब्ध कराई है, जिसे किसानों तक शीघ्रता से पहुंचाने के लिए राज्य सरकार से कहा गया है. साथ ही, प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना का लाभ झारखंड के किसानों को भी दिलाने के लिए अधिकारियों से कहा है कि वे राज्य सरकार से चर्चा कर राज्य को योजना में शामिल करवाएं.

मंत्री अर्जुन मुंडा ने यह भी कहा कि केंद्र सरकार द्वारा 6,865 करोड़ रुपए बजट के साथ 10,000 नए एफपीओ के गठन व संवर्धन के लिए नई केंद्रीय क्षेत्र की योजना प्रारंभ की गई थी, जिस के तहत लगभग सवा सात हजार एफपीओ पंजीकृत किए जा चुके हैं. प्रधानमंत्री ने विकसित भारत संकल्प यात्रा प्रारंभ की है, जिस के माध्यम सेकिसानों को लाभान्वित किया जा रहा है. मोदी की गारंटी की गाड़ियां गांवगांव घूम रही है. हमें गरीबों को साथ ले कर आगे बढ़ना है.

उन्होंने कहा कि किसान हित में श्रीअन्न को बढ़ावा देने के लिए केंद्र के प्रयास जोरों पर है. सुदूरवर्ती क्षेत्रों के आदिवासियों के कल्याण के लिए जनजातीय कार्य मंत्रालय द्वारा कई कार्यक्रमों के साथ 24 हजार करोड़ रुपए की पीएम-जनमन योजना भी प्रारंभ की गई है.

उन्होंने आगे कहा कि ‘एक भारत-श्रेष्ठ भारत’ की भावना के साथ ‘सब का साथ-सब का विकास-सब का विश्वास-सब का प्रयास’ के मूलमंत्र से देश में काम हो रहा है.

इस मौके पर राज्यपाल व केंद्रीय मंत्री ने प्रगतिशील किसानों को सम्मानित किया. 150 से अधिक स्टाल लगाए गए थे, जहां बड़ी संख्या में किसानों ने जानकारी ले कर लाभ प्राप्त किया. किसानों के लिए केंद्र की योजनाओं का लघु फिल्म द्वारा प्रचारप्रसार किया गया.

किसानों को इफको द्वारा नैनो यूरिया किट, एचआईएल द्वारा सुरक्षा किट व पौधों का वितरण किया गया. चारा बीज उत्पादन पर प्रशिक्षण के साथ कृषि अवसंरचना कोष, प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना, प्राकृतिक खेती, ड्रोन का उपयोग, कृषि को उद्यम के रूप में विकसित करने, नैनो यूरिया सहित पीपीवीएफआरए गतिविधियों व अन्य योजनाओं के बारे में जागरूकता का प्रसार किया गया. माध्यमिक कृषि, मुरगीपालन, एकीकृत कृषि प्रणाली आदि से अवगत कराया गया.

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