कृषि विज्ञान केंद्र, वल्लभनगर में जनजातीय उपयोजना के तहत एक किसान गोष्ठी का आयोजन किया गया. इस किसान गोष्ठी की अध्यक्षता डा. अजीत कुमार कर्नाटक, महाराणा प्रताप कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय उदयपुर ने की. कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि डा. आरए कौशिक, निदेशक प्रसार, शिक्षा एवं डा. पीके सिंह, अधिष्ठाता कृषि प्रौद्योगिकी एवं अभियांत्रिकी महाविद्यालय, उदयपुर ने की. कार्यक्रम में छगनलाल जाट, जिला अध्यक्ष भारतीय किसान संघ ने भी शिरकत की.
डा. आरएल सोनी ने बताया कि पिछले 5 वर्ष से कृषि विज्ञान केंद्र, वल्लभनगर किसानों की सेवा में तत्पर एवं कार्यरत हैं. वर्तमान में कृषि विज्ञान केंद्र का नया प्रशासनिक भवन, किसानघर, मशरूम प्रदर्शन इकाई, बकरी एवं मुरगीपालन इकाई बन कर तैयार हैं, जहां किसान आ कर नवीन तकनीकी से प्रशिक्षण प्राप्त कर सकते हैं.
कुलपति अजीत कुमार कर्नाटक ने अध्यक्षीय भाषण में किसानों से कृषि में नवाचार अपना कर खेती को लाभकारी बनाने के लिए किसानों को आव्हान किया. इन्होंने बकरीपालन, मुरगीपालन में नवाचार करने के लिए युवा किसानों को आगे आने के लिए प्रेरित किया.
उन्होंने सब्जी उत्पादन में ब्रोकली, लाल, पीली और हरी शिमला मिर्च, बेबीकौर्न, पापकौर्न, चैरी, टमाटर, छप्पन कद्दू एवं जैकुनी जैसी नकदी फसलें अपना कर खेती को लाभकारी बनाने के लिए प्रेरित किया.
कुलपति डा. अजीत कुमार कर्नाटक ने खेती में नवाचार एवं प्रसंस्करण के माध्यम से किसानों को आमदनी दुगुनी करने के लिए सुझाव दिया.
डा. आरए कौशिक, निदेशक, प्रसार, शिक्षा ने किसानों को फलफूल, सब्जी में नवाचार कर खेती को लाभकारी बनाने पर जोर दिया, वहीं डा. पीके सिंह, अधिष्ठाता कृषि प्रौद्योगिकी एवं अभियांत्रिकी महाविद्यालय, उदयपुर ने किसानों को जल बचत एवं प्रबंधन कर कम पानी में अधिक पैदावार लेने के बारे में जानकारी दी एवं वर्षा जल को फार्म एवं खेत पर संरक्षित कर के भूजल स्तर में इजाफा करे.
छगनलाल जाट ने किसानों को बताया कि कृषि विज्ञान केंद्र एवं कृषि विभाग से जुड़ कर सरकारी योजना का लाभ लें. कृषि विभाग से डा. कैलाश अहीर ने कृषि में समेकित कीट प्रबंधन पर विचार व्यक्त किए.
इस कार्यक्रम में लसाडिया, सलूंबर, वल्लभनगर उपखंड के 240 किसानों एवं कृषक महिलाओं ने भाग लिया. कार्यक्रम में जनजाति उपयोजना के बजट से सौ किसानों को अनाज भंडारण संरक्षण पात्र का अनुप्रयोग हेतु आदान वितरण किए गए और किसानों को भिंडी का संकर बीज भी दिया. कृषि संकाय एवं आरएनटी महाविद्यालय, कपासन के 40 विद्यार्थियों ने भाग लिया.
इस कार्यक्रम में कृषि विज्ञान केंद्र के फार्म मैनेजर मोहन लाल खटीक एवं कंप्यूटर प्रोग्रामर अभिलाषा पोखरना मौजूद रहे.