नई दिल्ली : केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने नई दिल्ली में राष्ट्रीय सहकारी निर्यात लिमिटेड यानी एनसीईएल द्वारा आयोजित ‘सहकारी निर्यात पर राष्ट्रीय संगोष्ठी’ को संबोधित किया. उन्होंने एनसीईएल के लोगो, वैबसाइट और ब्रोशर का लोकार्पण किया और एनसीईएल के सदस्यों को सदस्यता प्रमाणपत्र भी वितरित किए.

इस अवसर पर केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल और केंद्रीय सहकारिता राज्यमंत्री बीएल वर्मा सहित अनेक गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे.

अपने संबोधन में अमित शाह ने कहा कि आज राष्ट्रीय सहकारी निर्यात लिमिटेड का एक प्रकार से औपचारिक उद्घाटन हो रहा है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा आजादी के बाद पहली बार सहकारिता मंत्रालय की स्थापना और उन की सहकार से समृद्धि की कल्पना को साकार करने की दिशा में आज हम एक बहुत महत्वपूर्ण पड़ाव पार कर रहे हैं.

उन्होंने आगे कहा कि राष्ट्रीय सहकारी निर्यात लिमिटेड की स्थापना कई उद्देश्यों के साथ बहुत विचारविमर्श के बाद की गई.

उन्होंने यह भी कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने देश में प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने के लिए कई पहल की हैं. एनसीईएल की स्थापना के पीछे हमारे लक्ष्यों में निर्यात, विशेषकर कृषि निर्यात को बढ़ाना, किसानों को समृद्ध बनाना, क्राप पैटर्न चेंज करना और साल 2027 तक देश के 2 करोड़ किसानों को उन की भूमि को प्राकृतिक घोषित करने में सक्षम बनाना शामिल है.

उन्होंने कहा कि मोदी ने एक मल्टीस्टेट कोआपरेटिव सोसायटी बनाई है, जो भारत के प्राकृतिक खेती करने वाले इन 2 करोड़ से अधिक किसानों के और्गेनिक उत्पादों को एक अच्छी पैकेजिंग, विश्वसनीय ब्रांडिंग और उच्च गुणवत्ता के सर्टिफिकेट के साथ वैश्विक बाजार में बेचेगी. इस से किसानों को उन के और्गेनिक उत्पादों के अभी मिल रहे मूल्य से लगभग डेढ़ या दोगुना मूल्य सीधे प्राप्त होगा और इस से किसानों के लिए समृद्धि का रास्ता खुलेगा.

केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा बायोफ्यूल अलायंस की घोषणा की गई है.

उन्होंने आगे कहा कि भारत एकमात्र ऐसा देश है, जहां एकसाथ 4 फसलें हो सकती हैं और अगर इन में से एक फसल भी बायोफ्यूल के लिए उपयोग हो सके, तो हम भारत की बायोफ्यूल की जरूरतों को पूरा करने के बाद इसे निर्यात भी कर सकते हैं.

मंत्री अमित शाह ने कहा कि एनसीईएल की स्थापना का एक और उद्देश्य है, देश में सहकारिता को मजबूत करना, जिस में कृषि पर निर्भर आबादी और ग्रामीण क्षेत्र शामिल हैं.

उन्होंने आगे कहा कि कृषि और ग्रामीण क्षेत्र के उत्पादों का देश की जीडीपी में 15 फीसदी योगदान है और इस क्षेत्र से जुड़ी आबादी कुल आबादी की लगभग 60 फीसदी है. कोई भी देश अपनी 60 फीसदी आबादी को नकार कर अर्थतंत्र को मजबूत नहीं कर सकता. जिस अर्थतंत्र में देश की 60 फीसदी आबादी की जगह ना हो, वो अर्थतंत्र कभी सफल नहीं हो सकता.

अमित शाह ने कहा कि मोदी सरकार का लक्ष्य है कि जीडीपी बढ़ाने के साथसाथ इन 60 फीसदी लोगों को रोजगार दे कर उन्हें समृद्ध भी बनाना है और इस का एकमात्र रास्ता है सहकारिता को मजबूत करना.

उन्होंने यह भी कहा कि राष्ट्रीय सहकारी निर्यात लिमिटेड, देश में सहकारिता के पूरे ढांचे को नई मजबूती देने का भी काम करेगा.

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अमित शाह ने कहा कि निर्यात, किसान की समृद्धि, क्राप पैटर्न बदलने, और्गेनिक उत्पादों के लिए वैश्विक बाजार, बायोफ्यूल के लिए वैश्विक बाजार में भारत का प्रवेश और सहकारिता को मजबूत करने जैसे 6 उद्देश्यों के साथ सहकारिता क्षेत्र में राष्ट्रीय सहकारी निर्यात लिमिटेड की शुरुआत हुई है. इस नई शुरुआत से किसानों और दूध उत्पादों, इसबगोल, जीरा, इथेनाल और कई प्रकार के और्गेनिक और अन्य मांग वाले उत्पादों की वैश्विक मांग के बीच एक कड़ी का काम सहकारिता करेगी.

उन्होंने कहा कि अब तक तकरीबन 1500 को आपरेटिव्स एनसीईएल के सदस्य बन चुके हैं और ये उम्मीद है कि आने वाले दिनों में हर तहसील इस के साथ जुड़ कर किसानों की आवाज बने. अब तक एनसीईएल के पास 7,000 करोड़ रुपए के और्डर आ चुके हैं और 15,000 करोड़ रुपए के और्डर्स पर विचारविमर्श चल रहा है.

सहकारिता मंत्री अमित शाह ने विश्वास व्यक्त किया कि आने वाले दिनों में इफको, कृभको और अमूल की तरह राष्ट्रीय सहकारी निर्यात लिमिटेड भी एक बहुत बड़ा और सफल कोआपरेटिव वेंचर साबित होगा.

सहकारिता मंत्री अमित शाह ने कहा कि हमारे देश के कुल खाद्य उत्पादन का 30 फीसदी, चीनी उत्पादन का 30 फीसदी, दूध उत्पादन का लगभग 17 फीसदी हिस्सा कोआपरेटिव्स का है.

उन्होंने कहा कि देश के किसानों को होने वाले कुल फाइनेंस का तकरीबन 42 फीसदी कोआपरेटिव द्वारा किया जाता है.

उन्होंने कहा कि चीनी उत्पादन में सहकारिता का योगदान 30 फीसदी है, लेकिन चीनी के निर्यात में एक फीसदी है, वहीं दूध उत्पादन में सहकारिता का योगदान 17 फीसदी है, लेकिन दुग्ध उत्पादों के निर्यात में 2 फीसदी से भी कम है. इस का मतलब यह है कि सहकारिता क्षेत्र में अपार संभावनाएं हैं और उन का दोहन करने के लिए एक जरीया चाहिए था, जो किसान, सहकारी समिति और वैश्विक बाजार के बीच कड़ी बने और राष्ट्रीय सहकारी निर्यात लिमिटेड उस कड़ी के रूप में काम करेगी.

अमित शाह ने कहा कि राष्ट्रीय सहकारी निर्यात लिमिटेड, छोटी समितियों को भी आवश्यक फाइनेंस और उस की जानकारी उपलब्धता कराएगा, निर्यात की मेंटेलिटी और इस के लिए जरूरी सावधानियों के बारे में जानकारी देगा, निर्यात अनुकूल मैटीरियल के उत्पादन के लिए भी काम करेगा. इस के अलावा एनसीईएल ब्रांड के बारे में सजगता, गुणवत्ता के प्रति जागरूकता, जरूरी इंफ्रास्ट्रक्चर और उत्पाद के स्टैंडर्डाइजेशन के लिए पैरामीटर तय करने जैसे काम भी नाममात्र शुल्क पर छोटे किसानों के लिए करेगा.

गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने कहा कि आज किसान के हाथ निर्यात से हुआ मुनाफा नहीं आता है, लेकिन राष्ट्रीय सहकारी निर्यात लिमिटेड के माध्यम से निर्यात का कम से कम 50 फीसदी मुनाफा किसानों के पास सीधे जाएगा.

उन्होंने कहा कि किसान से न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीदी की जाएगी और फिर 6 माह की बैलेंसशीट बनने के बाद एमएसपी के अनुसार किए गए भुगतान के अतिरिक्त आने वाले मुनाफे का 50 फीसदी सीधा किसान के बैंक अकाउंट में जाएगा. इस से निर्यात योग्य उत्पादन बढ़ाने के प्रति किसानों का उत्साह भी बढ़ेगा.

national-cooperative-exportउन्होंने कहा कि राष्ट्रीय सहकारी निर्यात लिमिटेड सिर्फ मुनाफे की तरफ ध्यान नहीं देगा, बल्कि किसान पर ध्यान देना इस का मुख्य लक्ष्य होगा. निर्यात बढ़ाने के लिए खेत और किसान के स्तर से इस का स्वभाव बनाना होगा, क्राप पैटर्न चेंज करना होगा, ब्रांड और पैकेजिंग मार्केटिंग की पूरी व्यवस्था किसान के मन में जागरूकता पैदा कर खड़ी करनी होगी. यह व्यवस्था राष्ट्रीय सहकारी निर्यात लिमिटेड को खड़ी करनी होगी, तभी हम इन 6 उद्देश्यों को प्राप्त करने की दिशा में सफलतापूर्वक आगे बढ़ सकेंगे.

गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने कहा कि एनसीईएल पूरे सहकारिता क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करने वाली संस्था बनेगी और आने वाले दिनों में इस में खरीद, भंडारण, प्रसंस्करण, विपणन, ब्रांडिंग, लेबलिंग, पैकेजिंग, सर्टिफिकेशन, रिसर्च एंड डेवलपमेंट जैसे सभी पहलुओं को शामिल करते हुए एक संपूर्ण निर्यात इकोसिस्टम बनाने का काम किया जाएगा.

उन्होंने आगे कहा कि बाजार संपर्क के लिए होल औफ गवर्नमेंट अप्रोच के साथ उद्योग मंत्रालय, विदेश मंत्रालय और हमारे दूतावासों को जोड़ने का काम भी यह करेगा. इस के अलावा बाजार की मांग के अनुरूप उत्पादन हो, इस के लिए एफपीओ और पीएसीएस को साथ रख कर इस का एक डिजाइन तैयार किया जाएगा.

अमित शाह ने कहा कि मोदी सरकार निर्यात बढ़ाने के साथसाथ इस का फायदा किसानों तक पहुंचाने की सुचारु व्यवस्था खड़ी करने की दिशा में काम कर रही है.

उन्होंने यह भी कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने 3 बहुराज्यीय सहकारी समितियां बनाई हैं- राष्ट्रीय स्तर पर बीज उत्पादन के लिए, और्गेनिक उत्पादों के सर्टिफिकेशन और ब्रांडिंग के लिए और तीसरी कोआपरेटिव निर्यात के लिए बनाई गई है

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