नरसिहंपुर : यह जिला कृषि प्रधान है. जिले में खरीफ वर्ष 2024 में धान, सोयाबीन, उड़द, अरहर, मक्‍का, ज्‍वार आदि फसलें 2.20 लाख हेक्‍टेयर में बोनी करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया था, जो शतप्रतिशत पूरा कर लिया गया है. वर्तमान में खरीफ फसलें पक कर तैयार हैं, जिन की कटाई व गहाई का काम चल रहा है.

जिले में रबी वर्ष 2024-25 में 3.20 लाख हेक्टेयर का लक्ष्‍य प्रस्‍तावित किया गया है. कुछ क्षेत्रों में खेत खाली हो गए हैं, जिन में रबी बोनी के काम के लिए खेत तैयार किए जा रहे हैं.

कलक्टर शीतला पटले के मार्गदर्शन में रबी सीजन के लिए जिले को लगातार उर्वरक (Fertilizer) की उपलब्धता सुनिश्चित कराई जा रही है. वर्तमान में जिले में 37066 मीट्रिक टन यूरिया का भंडारण कर 32630 मीट्रिक टन यूरिया का वितरण किया जा चुका है, जो गत वर्ष इसी अवधि की तुलना में इस वर्ष अधिक है. इसी प्रकार जिले में 6571 मीट्रिक टन डीएपी का भंडारण कर 6514 मीट्रिक टन डीएपी का वितरण किया जा चुका है. कौम्प्लेक्‍स 7805 मीट्रिक टन डीएपी का भंडारण कर 6695 मीट्रिक टन का वितरण किया जा चुका है और एसएसपी 8884 मीट्रिक टन का भंडारण कर 6650 मीट्रिक टन डीएपी का वितरण किया जा चुका है.

जिले के किसान शासन द्वारा निर्धारित 266.50 रुपए यूरिया एवं 1350 रुपए डीएपी पर ही उर्वरक (Fertilizer) की खरीद करें. जिले से रबी वर्ष 2024-25 के लिए 65500 मीट्रिक टन यूरिया की मांग शासन से की गई है, जिस की आपूर्ति की जा रही है. जिले में लगातार उर्वरकों की रैक प्राप्‍त हो रही है.

जिले में डीएपी, एनपीके एवं म्यूरेट औफ पोटाश का भंडारण पर्याप्त मात्रा में है. जिले में डबल लौक को केंद्र से सभी सहकारी समितियों के केंद्रों को यूरिया की आपूर्ति की जा रही है. जो किसान समिति के सदस्य हैं, वे अपनीअपनी समितियों से उर्वरक (Fertilizer) की खरीद करें और बाकी किसान जिले के डबल लौक केंद्रों, विपणन सहकारी समिति, एमपी एग्रो एवं निजी विक्रेताओं के यहां से उर्वरक खरीद सकते हैं.

अधिकांश किसानों द्वारा केवल यूरिया एवं डीएपी उर्वरक (Fertilizer) का ही फसलों में उपयोग किया जा रहा है, जो केवल नाइट्रोजन, फास्फोरस तत्व की ही आपूर्ति करते हैं. पोटाश एक प्रमुख पोषक तत्व है, जिस का फसल के स्वास्थ्य एवं अनाज की गुणवत्ता से सीधा संबंध है. वर्तमान में कौम्प्लेक्स उर्वरक जैसे, 12:32:16, 20:20:0:13 आदि उपलब्ध हैं, जिस में नाइट्रोजन, फास्फोरस एवं पोटाश तीनों तत्व पाए जाते हैं, जो जिले में पर्याप्‍त भंडारित हैं. इसलिए किसान कौम्प्लेक्‍स उर्वरकों का उपयोग करें.

उपसंचालक, कृषि ने जिले के किसानों से अपील की है कि वे यूरिया का अनावश्यक भंडारण न करें. जिले में प्राप्त होने वाले उर्वरकों (Fertilizer) को मार्कफेड के डबल लौक, एमपी एग्रो के गोदाम, सहकारी समितियां एवं निजी विक्रेताओं के माध्यम से उर्वरकों (Fertilizer) का वितरण कार्य किया जा रहा है.

जिले के निजी विक्रेताओं के यहां 1580 मीट्रिक टन यूरिया एवं 1110 मीट्रिक टन कौम्प्लेक्‍स भंडारित है. किसान यूरिया उठाव के लिए अपनी भूमि की मूल ऋणपुस्तिका एवं आधारकार्ड साथ ले कर ही जाएं. उर्वरक (Fertilizer) खरीदते समय विक्रेता से कैश मैमो अवश्‍य लें. यदि किसी भी प्रतिष्ठान पर उर्वरक (Fertilizer) अधिक कीमत पर बेची जाती है, तो उस की सूचना संबंधित वरिष्ठ कृषि विकास अधिकारी या संबंधित तहसीलदार को दें. कलक्टर के मार्गदर्शन में जिले में उर्वरकों का औद्योगिक गैरकृषि कार्यो में उपयोग, कालाबाजारी, अवैध भंडारण में परिवहन रोकने के लिए टीम का गठन किया गया है, जो विशेष अभियान चलाया जा रहा है. निरीक्षण के दौरान अनियमितताएं पाए जाने पर उर्वरक (नियंत्रण) आदेश 1985 एवं आवश्‍यक वस्‍तु अधिनियम, 1955 के तहत ठोस वैधानिक कार्यवाही की जाएगी.

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