बृहस्पति कुमार पांडेय
बस्ती : फसल अवशेष जलाने पर खेत के क्षेत्रफल के अनुसार अर्थदंड 2 एकड़ से कम क्षेत्रफल वाले किसानों से 2,500 रुपए, 2 से 5 एकड़ वाले किसानों से 5,000 रुपए एवं 5 एकड़ से अधिक क्षेत्रफल वाले किसानों से 15,000 रुपए की क्षतिपूर्ति प्रति घटना की वसूली की जाएगी.
उक्त चेतावनी जिलाधिकारी अंद्रा वामसी ने देते हुए बताया कि इस के साथ ही दोषी के विरुद्ध कठोर दंडात्मक कार्यवाही भी की जाएगी.
उन्होने बताया कि फसल अवशेष/पराली को खेतों में जलाने से भूमि उर्वराशक्ति पर दुष्प्रभाव पडता है, लाभकारी सूक्ष्म जीव जल कर नष्ट हो जाते हैं, आगामी फसल की ऊपज पर बुरा असर पड़ता है. पशुओं के चारे की समस्या उत्पन्न हो जाती है, इस के साथ ही वायु अत्यधिक प्रदूषित हो जाती है, जो लोगों के स्वास्थ्य के लिए अत्यंत हानिकारक है. यह भी देखने में आता है कि फसल अवशेष जलाने से भीषण अग्निकांड की घटनाएं हो जाती हैं, जिस में लोगों के साथ ही पशु की मौत तक हो जाती है.
उन्होने बताया कि पराली/फसल अवशेष न जलाने से मिट्टी में कार्बनिक पदार्थों की वृद्धि होती है, लाभकारी सूक्ष्म जीवों की संख्या बढ़ती है, मिट्टी में जल धारण संख्या में वृद्धि होती है, दलहनी फसलों के अवशेष से मिट्टी में नत्रजन एवं अन्य पोषक तत्वों की मात्रा बढ़ती है.
उन्होंने यह भी बताया कि जनपद में कंबाइन हार्वेस्टिंग स्ट्रा रीपर विद बाइंडर अथवा स्ट्रा रीपर का प्रयोग अनिवार्य है. इस के साथ ही बिना रीपर मशीन के प्रयोग करने वाले कंबाइन मशीन मालिकों के विरुद्ध सिविल दायित्व भी निर्धारित किए जाएंगे.
उन्होंने समस्त कंबाइन मालिकों को निर्देशित किया है कि बिना स्ट्रा रीपर के कंबाइन मशीन से फसल कटाई पूरी तरह से प्रतिबंधित है, अन्यथा की दशा में कंबाइन मशीन मालिक के विरुद्ध सिविल दायित्व निर्धारित करते हुए कानूनी कार्रवाई की जाएगी.