चंडीगढ़ : सीएक्यूएम के निर्देशों के तहत पंजाब और हरियाणा राज्य सरकार द्वारा तैयार की गई व्यापक कार्ययोजनाओं का लक्ष्य खरीफ सीजन 2024 में धान की पराली जलाने की घटनाओं को रोकना है.
पंजाब और हरियाणा राज्यों में धान की कटाई के मौसम के दौरान धान की पराली जलाने की घटनाओं की रोकथाम के लिए एजेंसियों के बीच बेहतर समन्वय और निगरानी कार्रवाई को तेज करने के लिए सीएक्यूएम की सहायता करने वाले सीपीसीबी के उड़नदस्ते को 01 अक्तूबर, 2024 से 30 नवंबर, 2024 के दौरान पंजाब और हरियाणा के चिन्हित जिलों में तैनात किया गया है, जहां धान की पराली जलाने की घटनाएं आमतौर पर अधिक होती हैं.
इस तरह से तैनात किए गए उड़नदस्ते संबंधित अधिकारियों/जिला स्तर के अधिकारियों/संबंधित राज्य सरकार द्वारा नियुक्त नोडल अधिकारियों के साथ निकट समन्वय में काम करेंगे.
पंजाब के जिन 16 जिलों में उड़नदस्ते तैनात किए गए हैं, उन में अमृतसर, बरनाला, बठिंडा, फरीदकोट, फतेहगढ़ साहिब, फाजिल्का, फिरोजपुर, जालंधर, कपूरथला, लुधियाना, मानसा, मोगा, मुक्तसर, पटियाला, संगरूर और तरनतारन शामिल हैं. वहीं हरियाणा के जिन 10 जिलों में उड़नदस्ते तैनात किए गए हैं, उन में अंबाला, फतेहाबाद, हिसार, जींद, कैथल, करनाल, कुरुक्षेत्र, सिरसा, सोनीपत और यमुनानगर शामिल हैं.
उड़नदस्ते संबंधित अधिकारियों के साथ निकट समन्वय में जमीनी स्तर की स्थिति का आंकलन करेंगे और दैनिक आधार पर आयोग और सीपीसीबी को रिपोर्ट करेंगे. इस रिपोर्ट में आवंटित जिले में धान की पराली जलाने की घटनाओं को रोकने के लिए उठाए गए कदमों के बारे में भी जानकारी दी जाएगी. इस के अलावा सीएक्यूएम जल्द ही पंजाब और हरियाणा में कृषि विभाग और अन्य संबंधित एजेंसियों के साथ निकट समन्वय के लिए धान की कटाई के मौसम के दौरान मोहाली/चंडीगढ़ में “धान की पराली प्रबंधन” सेल स्थापित करेगा. दोनों राज्यों के विभिन्न जिलों में उड़नदस्ते तैनात किए गए हैं.