अलीराजपुर: जिले में आयोजित वन मेले को संबोधित करते हुए जल संसाधन मंत्री तुलसीराम सिलावट ने कहा कि वन मेले का आयोजन अलीराजपुर में किया जाना गर्व की बात है. इस से क्षेत्रवासियों को जड़ीबूटियों की जानकारी होगी.
यह आयोजन जनजातीय पहचान को बढ़ावा देने की विशेष पहल और महत्वपूर्ण श्रृंखला है.
उन्होंने कहा कि केंद्र और राज्य सरकार संस्कृति और परंपराओं को सुदृढ़ करने के लिए लगातार प्रयास कर रही है. प्रदेश का महुआ विदेशों में पहचान बना रहा है. उन्होंने पेसा कानून की जानकारी मैदानी स्तर पर प्रभावी तरीके से पहुंचाने हेतु विशेष प्रयास संबंधित निर्देश दिए.
उन्होंने कहा कि केंद्र और प्रदेश सरकार योजनाओं के प्रभावी क्रियान्वयन एवं अंतिम पंक्ति के व्यक्ति को योजनाओं का लाभ दिलाए जाने के लिए प्रतिबद्ध हो कर काम कर रही है.
उन्होंने आगे यह भी कहा कि साल 2003 में प्रदेश का सिंचाई रकबा 6 से 7 लाख हेक्टेयर था, जो वर्तमान में 47 लाख हेक्टेयर तक पंहुच गया है. साल 2025 में इस के 65 लाख हेक्टेयर करने का लक्ष्य है. विकास प्रगति और उन्नति के लिए प्रतिबद्धता के साथ काम किया जा रहा है.
उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि प्रदेश के 89 जनजातीय बाहुल्य ब्लौक में मेले को ले कर विशेष प्रयास किए जाएं. उन्होंने कहा कि जिले में व्यापक स्तर पर विकास नजर आता है.
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए वन, पर्यावरण एवं अनुसूचित जाति विकास विभाग मंत्री नागर सिंह चौहान ने कहा कि वन मेले की परिकल्पना को भोपाल से अलीराजपुर स्तर पर ले कर आने का मुख्य उद्देष्य है कि प्रदेशभर में उत्पादित होने वाली जड़ीबूटियों और उन से उत्पादित दवाओं आदि को आम लोग जानें. जिले के लोगों को जड़ीबूटियों के बारे में जानकारी मिल सके.
उन्होंने बताया कि अलीराजपुर में आयोजित वन मेले के माध्यम से 15 लाख रुपए से अधिक की जड़ीबूटियां एवं इन से तैयार उत्पाद का विक्रय हुआ है. बडी संख्या में आम लोगों ने वन मेले का लाभ लिया है.
उन्होंने कहा कि केंद्र और राज्य सरकार वनोपज को विशेष पहचान दिलाने के लिए प्रयासरत है. उन्होंने यह भी कहा कि प्रदेश में वन धन केंद्र की स्थापना से वनोपज संग्रहण करने वालों की माली हालत में बदलाव होगा. उन्हें संग्रहित वनोपज का उचित दाम और मार्केट मिलेगा.
उन्होंने आगे कहा कि जिले के विकास हेतु प्रतिबद्धता के साथ काम किया जा रहा है. उन्होंने केंद्र और राज्य सरकार की विभिन्न योजनाओं के बारे में बताया.
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए सांसद गुमान सिंह डामोर ने कहा कि केंद्र और राज्य सरकार के प्रयासों से क्षेत्र में विकास नजर आता है. प्रधानमंत्री मोदी ने जनजातीय समाज का गौरव बढ़ाने के लिए विशेष प्रयास किए हैं. विकसित भारत के रोड मैप के साथ सरकार पूरी प्रतिबद्धता के साथ काम कर रही है. उन्होंने केंद्र और राज्य सरकार की विभिन्न योजनाओं का उल्लेख किया.
कार्यक्रम को विभागाध्यक्ष लघु वनोपज संघ विभाष ठाकुर ने संघ के कामों एवं प्रगति की जानकारी दी. कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कलक्टर डा. अभय अरविंद बेडेकर ने वन मेले के महत्व पर प्रकाश डालते हुए जिले में बीज मेले, वन भाजी मेले एवं वन मेले के संबंध में अपने विचार व्यक्त किए.
उन्होंने आगे कहा कि अलीराजपुर जिले में मोटे अनाज, विभिन्न प्रकार की भाजियों एवं जड़ीबूटी की पहचान और उन के संग्रहण व आम लोगों को इन की जानकारी देने के साथ ही महत्व के बारे में बताने की आवश्यकता है. इस के लिए सभी स्तर पर प्रयास किए जाएंगे.
कार्यक्रम में सीईओ ईको पर्यटन मंत्री समीता राजौरा, मध्य प्रदेश लघु वनोपज संघ एएमडी मनोज अग्रवाल, एपीसीसीएफ बीएल अन्ना गेरी, सीसीएफ इंदौर, नरेंद्र कुमार सनोडिया, पुलिस अधीक्षक राजेश व्यास, सीईओ जिला पंचायत अभिषेक चौधरी, भाजपा जिलाध्यक्ष मकू परवाल, सांसद प्रतिनिधि विशाल रावत, जिला पंचायत सदस्य भदू पचाया, जयपाल खरत सहित गणमान्य लोग एवं जनप्रतिनिधिगण उपस्थित थे.
कार्यक्रम में अतिथिगण द्वारा ढोलमांदल नृत्य प्रतियोगिता में प्रथम विजेता साकडी दल को 11,000 रुपए, द्वितीय कुलवट दल के 7,000 रुपए, तृतीय किलोडा दल को 5,000 रुपए एवं सांत्वना पुरस्कार के रूप में भिताडा दल को 5,000 रुपए का पुरस्कार प्रदान किया गया.
अतिथियों ने विभिन्न जड़ीबूटियों एवं उन के उत्पादों से संबंधित प्रदर्शनी का अवलोकन भी किया. अतिथियों का स्वागत साफा बांध कर, तीरकमान भेंट कर, पांरपरिक जैकेट पहना कर एवं पुष्पमाला से किया गया. कार्यक्रम में बडी संख्या में गांव वाले, आम लोग, गणमान्य लोग आदि उपस्थित थे. आभार डीएफओ मयंक गुर्जर ने माना.