नई दिल्ली : फलों के निर्यात की संभावनाओं को बढ़ावा देने के लिए वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय के अधीन कृषि और प्रसंस्कृत खाद्य उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण (एपीडा) ने हवाई मार्ग से अमेरिका को ताजा अनार की पहली खेप का परीक्षण कर निर्यात किया है.
एपीडा ने अनार की जो पहली खेप अमेरिका को निर्यात की है, उस में भारत के राष्ट्रीय पादप संरक्षण संगठन (एनपीपीओ) और अमेरिका की एनिमल एंड प्लांट हैल्थ इंस्पेक्शन सर्विस (यूएस-एपीएचआईएस), महाराष्ट्र राज्य कृषि विपणन बोर्ड (एमएसएएमबी), आईसीएआर-अनार पर राष्ट्रीय अनुसंधान केंद्र, सोलापुर (एनआरसी-सोलापुर) और अन्य का सहयोग था.
एपीडा के अध्यक्ष अभिषेक देव ने कहा कि अमेरिका में अनार के निर्यात में वृद्धि से अधिक कीमत प्राप्त होगी और किसानों की आय में बढ़ोतरी होगी. इस से अनार के आयातकों से उत्साहजनक प्रतिक्रिया मिली है.
अनार का परीक्षण निर्यात एपीडा में पंजीकृत ‘आईएनआई फार्म्स’ द्वारा किया गया था, जो भारत से फलों और सब्जियों के शीर्ष निर्यातकों में से एक है. इस ने किसानों के साथ सीधे काम कर के केले और अनार की मूल्य श्रृंखला बनाई है. एग्रोस्टार समूह के एक अंग के रूप में यह दुनियाभर के 35 से अधिक देशों में निर्यात किए जाने वाले उत्पादों को ध्यान में रखते हुए किसानों को कृषि विज्ञान, कृषि निवेश और औफ टैक की संपूर्ण सेवाएं प्रदान करता है.
चूंकि बाजार के दूरदराज के इलाकों में स्थित होने के कारण लागत ऊंची हो जाती थी. लिहाजा, व्यापारिक कामकाज शुरू करने में अड़चन होती थी.
अनार के परीक्षण निर्यात से भारतीय निर्यातकों और अमेरिकी आयातकों के बीच क्षमता निर्माण में मदद मिलेगी, ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि गुणवत्तापूर्ण फलों का निर्यात किया जाता है.
अमेरिका और आस्ट्रेलिया में भारतीय अनारों की बनी पहुंच
अमेरिकी बाजारों में भारतीय आमों की स्वीकार्यता से उत्साहित निर्यातकों को उम्मीद है कि अनार भी अमेरिका में एक सफल उत्पाद बन जाएगा. अनार की निर्यात मूल्य श्रृंखला की क्षमता सुनिश्चित करने को मद्देनजर रखते हुए एपीडा राज्य सरकारों के साथ मिल कर ‘अनारनेट’ के तहत खेतों को पंजीकृत करने के लिए नियमित आधार पर जागरूकता कार्यक्रम आयोजित करता है.
एपीडा ने अमेरिका और आस्ट्रेलिया में उच्च गुणवत्ता वाले भारतीय अनार की अनुमति देने का मार्ग खोल कर बाजार तक पहुंच हासिल करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है.
अनार की ‘भगवा’ किस्म की विदेशी बाजारों में भारी मांग
अपनी उच्च एंटीऔक्सीडेंट सामग्री और सुपर फल विशेषताओं के कारण महाराष्ट्र के ‘भगवा’ अनार में पर्याप्त निर्यात क्षमता है. अनार की ‘भगवा’ किस्म की विदेशी बाजारों में काफी मांग है.
महाराष्ट्र का सोलापुर जिला देश से अनार निर्यात में तकरीबन 50 फीसदी योगदान देता है. वर्ष 2022-23 में संयुक्त अरब अमीरात (यूएई), बंगलादेश, नेपाल, नीदरलैंड, सऊदी अरब, श्रीलंका, थाईलैंड, बहरीन, ओमान सहित विभिन्न देशों में तकरीबन 58.36 मिलियन अमेरिकी डालर मूल्य के 62,280 मीट्रिक टन अनार का निर्यात किया गया.
भारत बागबानी फसलों का दूसरा सब से बड़ा उत्पादक देश है. वर्ष 2021-22 में भारत ने बागबानी फसलों का कुल 333.20 मिलियन मीट्रिक टन (एमएमटी) उत्पादन दर्ज किया, जिस में से फलों और सब्जियों की हिस्सेदारी 90 फीसदी है. वर्ष 2021-22 के दौरान फलों का कुल उत्पादन 107.10 एमएमटी था और अनार का उत्पादन लगभग 3 एमएमटी था.
अनार उत्पादन में भारत दुनियां में सातवें स्थान पर
भारत दुनिया में अनार के उत्पादन में 7वें स्थान पर है और खेती का कुल रकबा तकरीबन 2,75,500 हेक्टेयर है. भारत में प्रमुख अनार उत्पादक राज्य महाराष्ट्र, गुजरात, कर्नाटक, राजस्थान और आंध्र प्रदेश हैं.
एपीडा ने अनार के निर्यात को बढ़ावा देने और आपूर्ति श्रृंखला की बाधाओं को दूर करने के लिए अनार के लिए निर्यात संवर्धन मंच (ईपीएफ) का गठन किया है. ईपीएफ में वाणिज्य विभाग, कृषि विभाग, राज्य सरकारों, राष्ट्रीय रेफरल प्रयोगशालाओं और उत्पाद के शीर्ष 10 अग्रणी निर्यातकों के प्रतिनिधि शामिल हैं.
एक सतत प्रक्रिया के तहत एपीडा ने उत्पादन से पहले उत्पादन, कटाई के बाद, लौजिस्टिक्स, ब्रांडिंग से ले कर विपणन की गतिविधियों तक अनार मूल्य श्रृंखला की समस्याओं को दूर करने के लिए कई पहल की हैं. निजी क्षेत्र में यूरोपीय संघ को निर्यात करने के लिए 250 से अधिक पैक हाउस स्थापित करने के अलावा निर्यात के लिए सामान्य अवसंरचना विकास संवर्द्धन क्षमता और अवसंरचना के तहत राज्य सरकारों को वित्तीय सहायता भी प्रदान की गई है.
एपीडा ने देशप्रधान निर्यात प्रोत्साहन कार्यक्रमों के लिए रणनीति तैयार की है और नए बाजारों में निर्यात क्षमता का भरपूर इस्तेमाल करने के लिए यूरोपीय संघ के देशों, मध्य पूर्व और दक्षिण पूर्व एशियाई देशों के लिए अंतर्राष्ट्रीय क्रेताविक्रेता बैठकें आयोजित की हैं.
कृषि और प्रसंस्कृत खाद्य उत्पादों के निर्यात में बढ़ोतरी एपीडा द्वारा कृषि और प्रसंस्कृत खाद्य उत्पादों के निर्यात को बढ़ावा देने के लिए की गई विभिन्न पहलों का परिणाम है, जैसे भारतीय दूतावासों की सक्रिय भागीदारी से विभिन्न देशों में बी2बी प्रदर्शनियों का आयोजन और उत्पाद प्रधान और सामान्य विपणन अभियानों के माध्यम से नए संभावित बाजारों की खोज करना.
साथ ही, एपीडा ने असम के गुवाहाटी में उत्तरपूर्वी राज्यों से प्राकृतिक, जैविक और जीआई कृषि उत्पादों की निर्यात क्षमता को बढ़ाने पर एक सम्मेलन भी आयोजित किया. सम्मेलन का उद्देश्य अंतर्राष्ट्रीय बाजार संबंध बना कर असम और पड़ोसी राज्यों में उगाए जाने वाले प्राकृतिक, जैविक और जीआई कृषि उत्पादों के निर्यात को बढ़ावा देना है.
केंद्रशासित प्रदेश लद्दाख के सहयोग से एपीडा ने हाल ही में एक अंतर्राष्ट्रीय क्रेताविक्रेता बैठक की, जिस का उद्देश्य लद्दाख से खुबानी और अन्य कृषि उत्पादों के निर्यात को बढ़ावा देना है. केंद्रशासित प्रदेश लद्दाख और जम्मूकश्मीर के 18 उद्यमियों ने खुबानी और अन्य कृषि उत्पादों की एक श्रृंखला प्रदर्शित की. इस कार्यक्रम में भारत, अमेरिका, बंगलादेश, ओमान और यूएई के 20 खरीदारों ने भाग लिया.