– प्राकृतिक खेती को बढ़ावा : सरकार ने प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने के लिए कई योजनाएं शुरू की हैं, जिस से किसानों को रासायनिक उर्वरकों की जगह प्राकृतिक तरीकों से खेती करने के लिए प्रोत्साहित किया जा सके.
– किसान क्रेडिट कार्ड : सरकार ने किसान क्रेडिट कार्ड योजना के तहत किसानों को आसानी से ऋण देने की घोषणा की है, जिस से किसानों को अपनी जरूरतों के लिए आसानी से पैसे मिल सकें.
– सिंचाई परियोजनाएं : सरकार ने सिंचाई परियोजनाओं के लिए अधिक धन आवंटित किया है, जिस से किसानों को अपने खेतों में पानी की कमी का सामना न करना पड़े.
– फसल बीमा योजना : सरकार ने फसल बीमा योजना के तहत किसानों को उन की फसलों के नुकसान की भरपाई करने की घोषणा की है, जिस से किसानों को अपनी फसलों के नुकसान से बचाया जा सके.
– किसानों के लिए डिजिटल सेवाएं : सरकार ने किसानों के लिए डिजिटल सेवाएं शुरू की हैं, जिस से किसानों को अपनी जरूरतों के लिए आसानी से जानकारी और सेवाएं मिल सकें.
भारत सरकार द्वारा आज जो बजट पेश किया गया है, इस में किसानों की आय बढ़ाने के लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठाए गए हैं. यह बजट किसानों के लिए लाभकारी होगा और कृषि उत्पादन को बढ़ाने में एक नई दिशा प्रदान कर सकेगा. दलहनी फसलों का उत्पादन बढ़ाने के लिए जो प्रावधान किए गए हैं, उस से देश में उत्पादन बढ़ेगा.
ट्रेनिंग स्किल डवलपमैंट और ऐजूकेशन लोन से देश के नौजवानों को फायदा होगा, इस से कौशल विकास की दिशा में उठाया गया सही कदम माना जा सकता है. कौशल विकास से रोजगारस्वरोजगार की असीम संभावनाओं को दिशा मिलेगी. साथ ही, नौजवानों के लिए औपचारिक प्रशिक्षण से लाभ होगा.
इन प्रशिक्षकों में महिलाओं की भागीदारी बढ़ेगी, जिस से बुनियादी ढांचा और अधिक मजबूत करने की संभावनाएं रहेंगी. स्किल गैप को कम करने में प्रशिक्षण कार्यक्रमों यानी इंटर्नशिप से छात्रछात्राओं को फायदा होगा. इस से उद्योगों और शिक्षा जगत के बीच तालमेल बन सकेगा. व्यावसायिक प्रशिक्षण को एकेडमिक शिक्षा से कमतर मानने की नकारात्मक सोच सब से बड़ी चुनौती में से एक है. सब से ज्यादा नियोक्ता कुशल कार्यबल से लाभान्वित होते हैं व कौशल विकास के लिए सुविधाओं का विकास कर सकते हैं
देश में हुए एक आर्थिक सर्वे के अनुसार, उस में कहा गया है कि देश में 91.3 फीसदी नौजवान नौकरी पर रखने लायक नहीं हैं, वहीं 63 फीसदी कंपनियों ने यह बताया है कि आईटी इंजीनियरिंग सर्विसेज और सेल्स में योग श्रमिकों की बेहद कमी है. अकादमी की मदद से श्रमिकों को कुशल बनाया जा सकता है. सब से बड़ी बात है कि विभिन्न राज्यों में कई ऐसे काम हैं, जिन्हें महिलाओं को करने की इजाजत नहीं है.
उत्तर प्रदेश में 18 प्रकार के उत्पादन कार्य में महिलाएं शामिल नहीं हो सकती हैं. इस प्रकार के नियम को खत्म करने की जरूरत है. कुलमिला कर कहा जा सकता है कि इस बार के बजट से युवाओं को आगे बढ़ाने और उन को दक्ष बनाने में मदद मिल सकेगी.
नैचुरल फार्मिंग से जुड़ेंगे किसान
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने नए बजट में नैचुरल फार्मिंग की तरफ रुख करने पर जोर दिया है. आने वाले 2 सालों में भारत में एक करोड़ किसानों को सर्टिफिकेशन और ब्रांडिंग की मदद से नैचुरल फार्मिंग से जोड़ा जाएगा. इन के इंप्लीमैंटेशन के लिए ग्राम पंचायतों और वैज्ञानिक संस्थानों की मदद ली जाएगी. इस के अलावा 10,000 नीड बेस्ड बायोइनपुट सैंटर भी स्थापित किए जाएंगे.
किसान क्रेडिट कार्ड
इस आम बजट में किसानों की मदद करने के लिए सरकार ने 5 राज्यों में नए किसान क्रेडिट कार्ड जारी किए जाने की बात कही गई है. इस के अलावा नाबार्ड के माध्यम से भी किसानों को सहायता दी जाएगी.
नई किस्मों पर जोर :
मौसम के बदलने के कारण हर साल किसानों को फसलों के खराब होने से काफी नुकसान उठाना पड़ता है. ऐसे में बजट में कहा गया है कि सरकार 32 फसलों की 109 नई किस्में लाएगी, जो मौसम से कम प्रभावित होंगी.
दलहन और तिलहन पर खास घोषणा
सरकार किसानों को मजबूत और आत्मनिर्भर बनाने के लिए प्रयासरत है. सरकार ने बताया कि अपने नए बजट के तहत दलहन और तिलहन के प्रोडक्शन, स्टोरेज और मार्केटिंग को मजबूत किया जाएगा. साथ ही, सरसों, मूंगफली, तिल, सोयाबीन, सूरजमुखी जैसे तिलहनों के प्रोडक्शन को बढ़ाने के लिए एक खास रणनीति तैयार की जाएगी.
नए बजट में सरकार ने सब्जियों की सप्लाई चैन को मजबूत करने की बात पर भी जोर दिया है और इन के भंडारण और कलैक्शन पर ध्यान दिया है.