केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने  केंद्र सरकार की उपलब्धियां गिनाईं. उन्होंने ई-नाम पोर्टल, एफपीओ और न्यूनतम समर्थन मूल्य यानी एमएसपी सहित किसान कल्याण की योजनाओं के संबंध में विस्तार से बताया.

कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि हमारी  किसान कल्याण और कृषि का विकास उन की सर्वोच्च प्राथमिकता है. सरकार  किसानों के हित में लगातार काम कर रही है और नवाचार के माध्यम से किसानों की आय बढ़ाने के हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं.

मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि  सरकार ने तय किया है कि उत्पादन की लागत पर कम से कम 50 फीसदी लाभ जोड़ कर ही एमएसपी तय की जाएगी. हम ने किसानों के लिए 6 सूत्रीय रणनीति बनाई है, जिस में उत्पादन बढ़ाना, लागत घटाना, नुकसान की भरपाई, फसलों के ठीक दाम, फसलों का विविधीकरण और प्राकृतिक खेती शामिल है, जिस से किसानों को बेहतर दाम और लाभ मिल सके.

कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि ई-नाम मतलब राष्ट्रीय कृषि बाजार.  14 अप्रैल, 2016 को ई-नाम लौंच किया. ये एक औनलाइन ट्रैडिंग प्लेटफार्म है, जो किसानों को बेहतर मूल्य दिलाने में मदद करता है. किसान को केवल अपनी मंडी में ही अपना उत्पादन बेचना पड़ता था, बाकी जगह अगर मंडियों में दाम अच्छे होते थे, तो उस की जानकारी भी किसानों को नहीं होती थी.

ई-नाम ‘एक राष्ट्र एक बाजार’ की अवधारणा को ले कर कृषि उपज मंडियों को डिजिटल माध्यम से जोड़ता है, ताकि जहां किसान को उच्चतम मूल्य मिले, उच्चतम बोली लगे, वहां किसान अपनी फसल बेच पाए और इस से किसान को एक बाजार उपलब्ध हुआ है.

मंत्री शिवराज सिंह ने कहा कि मुझे बताते हुए प्रसन्नता है कि ई-नाम प्लेटफार्म के तहत एक फार्मगेट मौड्यूल बनाया गया है, ताकि किसान अपनी उपज के फोटो को फार्मगेट से ही अपलोड कर सके. उपज को भौतिक रूप से लाने की आवश्यकता मंडी में नहीं है, बिना उपज को लाए ही ई-नाम पर बोली सुविधा का वह लाभ उठा सकता है.

ई-नाम मोबाइल एप के माध्यम से किसान अपनी उपज के ढेर को 360 डिगरी चारों दिशाओं से फोटो खींच कर पोर्टल पर डाल सकता है, जिसे खरीदार बोली लगाने से पहले देख सकते हैं कि वह कैसा है. ई-नाम एप के माध्यम से किसान अपनी उपज का डाटा बना कर अपने घर से ही अग्रिम पंजीकरण कर सकता है. यह बहुत बड़ी सुविधा किसानों के लिए खासी मददगार है.

उन्होंने आगे कहा कि छोटेछोटे किसान, जिन की उपज कम होती है, वह अपनी उपज के बेहतर दाम अकेले प्राप्त नहीं कर पाते हैं, उस के लिए छोटेछोटे किसानों को जोड़ कर एफपीओ (FPO) बनाया जा रहा है. अब तक 10 हजार से ज्यादा एफपीओ बनाए गए हैं. ये एफपीओ संगठित हो कर अपने आदान की व्यवस्था करते हैं, अपने सामान की मार्केटिंगब्रांडिंग कर सकते हैं. जब ये संगठित होते हैं, तो इन की उचित मूल्य प्राप्त करने की ताकत बढ़ जाती है और मुझे प्रसन्नता है कि कई एफपीओ किसानों के सशक्तीकरण का उदाहरण बन गए हैं.

उन्होंने यह भी कहा कि प्रधानमंत्री मोदी लगातार इन एफपीओ की समीक्षा कर रहे हैं. मुझे बताते हुए प्रसन्नता है कि एफपीओ भी ई-नाम प्लेटफार्म पर अपने सामान को बेच सकते हैं. इस पोर्टल का लाभ उठाने के लिए उन को सारी जानकारी, अपनी उपज का 360 डिगरी फोटो डालना होता है और अब तक लगभग 31 दिसंबर, 2024 तक 4 हजार, 362 किसान उत्पादक संगठन ई-नाम से जुड़ चुके हैं और इस का लाभ उठा रहे हैं. इस के द्वारा कृषि उत्पाद की बिक्री में किसानों को औनलाइन पेमेंट भी प्राप्त होती है, जिस में एफपीओ भी शामिल हैं, औनलाइन रसीद की प्राप्ति करने में आसानी होती है.

अधिक जानकारी के लिए क्लिक करें...