नई दिल्ली: सरकार ने जारी वर्ष में, भारतीय राष्ट्रीय सहकारी उपभोक्ता महासंघ (एनसीसीएफ) और भारतीय राष्ट्रीय कृषि सहकारी विपणन महासंघ (एनएएफईडी) को किसानों से अतिरिक्त आवश्यकता के लिए 5 लाख टन प्याज की सीधी खरीद की प्रक्रिया शुरू करने का निर्देश दिया है क्योंकि रबी-2024 मौसम की फसल बाजार में आनी शुरू हो गई है. खरीद के लिए, भारतीय राष्ट्रीय सहकारी उपभोक्ता महासंघ (एनसीसीएफ) और भारतीय राष्ट्रीय कृषि सहकारी विपणन महासंघ (एनएएफईडी) को प्याज किसानों का पूर्व पंजीकरण करना है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि किसानों को भुगतान प्रत्यक्ष लाभ अंतरण के माध्यम से उन के बैंक खातों में भेजा जा सके.
रबी की फसल का प्याज देश की प्याज उपलब्धता के लिए महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह देश में वार्षिक उत्पादन का 72 से 75 प्रतिशत तक का योगदान देता है. सालभर प्याज की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए रबी मौसम का प्याज भी महत्वपूर्ण है, क्योंकि इस में खरीफ प्याज की तुलना में बेहतर भंडारण समय है और इसे नवंबरदिसंबर तक आपूर्ति के लिए संग्रहीत किया जा सकता है.
यह ध्यान दिया जाना चाहिए कि उपभोक्ता कार्य विभाग ने भारतीय राष्ट्रीय सहकारी उपभोक्ता महासंघ (एनसीसीएफ) और भारतीय राष्ट्रीय कृषि सहकारी विपणन महासंघ (एनएएफईडी) के माध्यम से, अतिरिक्त भंडार के साथसाथ खरीद और निपटान के माध्यम से हस्तक्षेप के लिए वर्ष 2023-24 के दौरान लगभग 6.4 लाख मीट्रिक टन प्याज खरीदा था.
भारतीय राष्ट्रीय सहकारी उपभोक्ता महासंघ (एनसीसीएफ) और भारतीय राष्ट्रीय कृषि सहकारी विपणन महासंघ (एनएएफईडी) द्वारा निरंतर खरीद ने वर्ष 2023 में पूरे वर्ष प्याज किसानों के लिए लाभकारी कीमतों की गारंटी दी है. इस के बाद, उपभोक्ता कार्य विभाग ने भारतीय राष्ट्रीय सहकारी उपभोक्ता महासंघ (एनसीसीएफ) और भारतीय राष्ट्रीय कृषि सहकारी विपणन महासंघ (एनएएफईडी), केंद्रीय भंडार और अन्य राज्य नियंत्रित सहकारी समितियों ने पिछले वर्ष के दौरान 25 रुपये प्रति किलोग्राम की रियायती कीमत पर खुदरा दुकानों और मोबाइल वैन के माध्यम से प्याज के निबटान के लिए खुदरा बिक्री व्यवस्था को अपनाया. समय पर हस्तक्षेप और कैलिब्रेटेड रिलीज ने किसानों की आय को प्रभावित किए बिना खुदरा कीमतों को प्रभावी ढंग से स्थिर करना सुनिश्चित किया.
वैश्विक आपूर्ति परिदृश्य और अलनीनो के दौरान शुष्क अवधि के कारण सरकार को वित्त वर्ष 2023-24 के दौरान प्याज निर्यात को विनियमित करने के लिए नीतिगत उपाय करने की आवश्यकता पड़ी. इन उपायों में 19 अगस्त, 2023 को प्याज के निर्यात पर 40 प्रतिशत शुल्क लगाना, 29 अक्टूबर, 2023 से 800 अमेरिकी डौलर प्रति मीट्रिक टन का न्यूनतम निर्यात मूल्य (एमईपी) लगाना और घरेलू उपभोक्ताओं को सस्ती कीमतों पर प्याज की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए 8 दिसंबर, 2023 से निर्यात पर प्रतिबंध शामिल है.
मौजूदा अंतरराष्ट्रीय कीमतों और वैश्विक उपलब्धता संबंधी चिंताओं के बीच समग्र घरेलू उपलब्धता के कारण प्याज निर्यात प्रतिबंध को बढ़ाने का हालिया निर्णय आवश्यक हो गया है. इस बीच, सरकार ने उन पड़ोसी देशों को निर्यात की अनुमति दे दी है जो अपनी घरेलू खपत आवश्यकताओं के लिए भारत पर निर्भर हैं.
सरकार ने भूटान (550 मीट्रिक टन), बहरीन (3,000 मीट्रिक टन), मौरीशस (1,200 मीट्रिक टन), बंगलादेश (50,000 मीट्रिक टन) और संयुक्त अरब अमीरात (14,400 मीट्रिक टन यानी 3,600 मीट्रिक टन/तिमाही) को प्याज के निर्यात की अनुमति दी है.