भारत सरकार ने 15वें वित्त आयोग के तहत 2025-26 तक एकीकृत प्रधानमंत्री अन्नदाता आय संरक्षण अभियान (पीएम आशा) योजना को जारी रखने की मंजूरी दी है. इस योजना में मूल्य समर्थन योजना (पीएसएस), मूल्य कमी भुगतान योजना (पीडीपीएस), बाजार हस्तक्षेप योजना (एमआईएस) और मूल्य स्थिरीकरण निधि (पीएसएफ) जैसे कई घटक शामिल हैं.

कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि पीएम आशा योजना का उद्देश्य किसानों को उन की उपज के लिए लाभकारी मूल्य देने के साथसाथ उपभोक्ताओं को सस्ती कीमतों पर आवश्यक वस्तुओं की उपलब्धता सुनिश्चित करना है.

उन्होंने साल 2024-25 के खरीफ सीजन के लिए छत्तीसगढ़, गुजरात, कर्नाटक, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, राजस्थान और तेलंगाना में सोयाबीन की खरीद को भी मंजूरी दे दी है. 9 फरवरी, 2025 तक 19.99 लाख मिलियन टन सोयाबीन की खरीद की गई है, जिस से 8,46,251 किसान लाभान्वित हुए हैं.

उन्होंने किसानों को फायदा पहुंचाने के लिए महाराष्ट्र में खरीद की 90 दिनों की सामान्य अवधि को 24 दिनों के लिए और तेलंगाना में 15 दिनों के लिए और अधिक बढ़ा दिया है, ताकि किसानों को अधिक समय मिले.

इसी तरह सरकार ने खरीफ 2024-25 के लिए आंध्र प्रदेश, छत्तीसगढ़, गुजरात, हरियाणा, कर्नाटक, राजस्थान और उत्तर प्रदेश में मूल्य समर्थन योजना के तहत मूंगफली की खरीद को मंजूरी दी है. इस के अलावा कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने राज्य के किसानों के लिए गुजरात में मूंगफली की 90 दिनों की सामान्य खरीद अवधि को 6 दिन और कर्नाटक में 25 दिन के लिए और बढ़ा दिया है.

इस के साथ ही केंद्र सरकार ने दालों के घरेलू उत्पादन को बढ़ाने में योगदान देने वाले किसानों को प्रोत्साहित करने और आयात पर निर्भरता कम करने के लिए खरीद साल 2024-25 के लिए राज्य के उत्पादन के सौ फीसदी के बराबर पीएसएस के तहत तुअर, उड़द और मसूर की खरीद की अनुमति दे दी है.

सरकार ने बजट 2025 में यह भी घोषणा की है कि देश में दालों में आत्मनिर्भरता हासिल करने के लिए केंद्रीय नोडल एजेंसियों के माध्यम से राज्य के उत्पादन के सौ फीसदी  तक तुअर, उड़द और मसूर की खरीद अगले 4 सालों तक जारी रहेगी, जिस से दालों के घरेलू उत्पादन में वृद्धि होगी, आयात पर निर्भरता कम होगी और भारत दालों में आत्मनिर्भर बनेगा.

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