शिमला : फ्रांस के राष्ट्रीय कृषि, खाद्य एवं पर्यावरण अनुसंधान संस्थान (आईएनआरएई) के 4 वैज्ञानिकों के प्रतिनिधिमंडल ने 9 सितंबर को मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू से भेंट की. एलआईएसआईएस के उपनिदेशक प्रो. एलिसन मैरी लोकोंटो के नेतृत्व में टीम में शोधकर्ता प्रो. मिरेइल मैट, डा. एवलिन लोस्टे और डा. रेनी वैन डिस शामिल हैं. वह प्राकृतिक खेती के क्षेत्र में हुई प्रगति के बारे में जानकारी प्राप्त करने के लिए हिमाचल प्रदेश के दौरे पर आए हैं.

बैठक के दौरान मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने कहा कि हिमाचल प्रदेश प्राकृतिक खेती के क्षेत्र में अग्रणी राज्य है. हिमाचल प्रदेश प्राकृतिक खेती के माध्यम से उगाए गए उत्पादों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य प्रदान करने वाला देश का पहला राज्य है. प्रदेश में गेहूं 40 रुपए प्रति किलोग्राम और मक्का 30 रुपए प्रति किलोग्राम की दर से खरीदा जा रहा है.

इस के अतिरिक्त गाय का दूध 45 रुपए प्रति लिटर और भैंस का दूध 55 रुपए प्रति लिटर की दर से खरीदा जा रहा है. उन्होंने प्राकृतिक खेती में उत्पाद प्रमाणन के महत्व पर बल दिया. उन्होंने कहा कि प्रदेश में सीटारा प्रमाणन प्रणाली शुरू की गई है, जिसे किसानों को उचित मूल्य दिलाने के लिए लागू किया जा रहा है.

मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने आगे कहा कि ‘हिम उन्नति योजना’ को राज्य में क्लस्टर आधारित दृष्टिकोण के साथ लागू किया जा रहा है, जिस का उद्देश्य रसायनमुक्त उत्पादन और प्रमाणन करना है. इस के तहत लगभग 50,000 किसानों को शामिल करने और 2,600 कृषि समूह स्थापित करने की योजना है. इस के अलावा राज्य सरकार डेयरी क्षेत्र को बढ़ावा देने और दूध उत्पादन बढ़ाने के लिए महत्वपूर्ण कदम उठा रही है.

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