भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान, जिसे पूसा संस्थान और हरित क्रांति के अग्रदूत के रूप में जाना जाता है, वर्ष 2023 के लिए राष्ट्रीय संस्थागत रैंकिंग फ्रेमवर्क (एनआईआरएफ) द्वारा कृषि और संबद्ध क्षेत्रों की श्रेणी के अंतर्गत की गई रैंकिंग में सर्वोच्च शिखर पर पहुंच गया है. नेशनल इंस्टीट्यूशनल रैंकिंग फ्रेमवर्क (एनआईआरएफ) के 8वें संस्करण की घोषणा 5 जून, 2023 को भारत सरकार के विदेश और शिक्षा राज्य मंत्री डा. राजकुमार रंजन सिंह द्वारा की गई थी.

एनआईआरएफ ने लगभग 8,686 उच्च शिक्षा संस्थानों की रैंकिंग जारी की, जिन्होनें रैंकिंग कवायद में भाग लिया. पूर्व में 4 श्रेणियां और 7 विषय क्षेत्र थे. कृषि और संबद्ध क्षेत्र को पहली बार एक विषय क्षेत्र के रूप में जोड़ा गया है.

भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान ने कृषि अनुसंधान, शिक्षा और विस्तार में उत्कृष्टता के लिए अपनी प्रतिबद्धता को जारी रखा है. संस्थान पहले से ही एक वैश्विक विश्वविद्यालय के रूप में विकसित होने के मार्ग पर चल पड़ा है. इस ने कृषि, सामुदायिक विज्ञान, बी. टैक (इंजीनियरिंग) और बी. टैक (जैव प्रौद्योगिकी) के 4 विषयों में स्नातक कार्यक्रम शुरू किए हैं. नई शिक्षा नीति 2020 के अनुरूप व्यावसायिक शिक्षा पर जोर देने के लिए कई डिप्लोमा और सर्टिफिकेट कोर्स भी शुरू करने की योजना है.

भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान के संकाय की कड़ी मेहनत और प्रतिभा के अलावा संस्थान के निदेशक और कुलपति डा. अशोक कुमार सिंह की योजना और मार्गदर्शन, और अधिष्ठाता और संयुक्त निदेशक (शिक्षा) डा. अनुपमा सिंह एवं सहअधिष्ठाता डा. अतुल कुमार के समर्पित प्रयासों से संस्थान को रैंकिंग में पहला स्थान प्राप्त करने में सफलता मिली है. संस्थान भाकृअनुप के महानिदेशक एवं सचिव डेयर, डा. हिमांशु पाठक के साथसाथ उपमहानिदेशक (शिक्षा), डा. आरसी अग्रवाल और उपमहानिदेशक (फसल विज्ञान), डा. टीआर शर्मा को उन के प्रेरणा, समर्थन और मार्गदर्शन के लिए आभार व्यक्त करता है.

डा. राजकुमार रंजन सिंह, विदेश और शिक्षा राज्यमंत्री, भारत सरकार ने भाकृअनुसं को पुरस्कार प्रदान किया.

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