नई दिल्ली: पिछले 5 वर्षों के दौरान देश में अंतर्देशीय मछली उत्पादन में 7.94 फीसदी की सालाना वृद्धि देखी गई. वर्ष 2022-23 में 131.13 लाख टन का उच्चतम मछली उत्पादन दर्ज किया गया.

पिछले 5 वर्षों के दौरान वर्षवार साल 2018-19 में अंतर्देशीय मछली उत्पादन 8.62 फीसदी वार्षिक वृद्धि दर्ज करते हुए 97.2 लाख टन रहा, जबकि वर्ष 2019-20 में 7.37 फीसदी वृद्धि दर्ज करते हुए 104.37 लाख टन रहा.

इसी प्रकार वर्ष 2020-21 में 7.8 फीसदी वार्षिक वृद्धि दर्ज करते हुए 112.49 लाख टन और वर्ष 2021-22 में 7.76 फीसदी वार्षिक वृद्धि दर्ज करते हुए 121.21 लाख टन और वर्ष 2022-23 में 8.18 फीसदी वार्षिक वृद्धि दर्ज करते हुए 131.13 लाख टन रहा.

भारत सरकार के मत्स्यपालन, पशुपालन और डेरी मंत्रालय के मत्स्यपालन विभाग ने देश में मछली उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए विभिन्न पहल और कार्यक्रम शुरू किए हैं, जिन में शामिल हैं :

(i). केंद्र प्रायोजित योजना (सीएसएस) का कार्यान्वयन: नीली क्रांति: एकीकृत विकास और वर्ष 2015-16 से 2019-20 की अवधि के दौरान मत्स्यपालन का प्रबंधन, 3,000 करोड़ रुपए के कुल परिव्यय के साथ.

(ii). "प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना (पीएमएमएसवाई) - भारत में मत्स्यपालन क्षेत्र के सतत और उत्तरदायी विकास के माध्यम से नीली क्रांति लाने की योजना" का कार्यान्वयन 20,050 करोड़ रुपए के निवेश के साथ वित्तीय वर्ष 2020-21 से 2024-25 तक 5 वर्षों की अवधि के लिए सभी राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों को कवर करेगा.

प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना का उद्देश्य भारत की निर्यात प्रतिस्पर्धात्मकता को बढ़ाना, गुणवत्तापूर्ण मछली उत्पादन, प्रजातियों के विविधीकरण, निर्यात उन्मुख प्रजातियों को बढ़ावा देना, ब्रांडिंग, मानकों और प्रमाणन, प्रशिक्षण और क्षमता निर्माण, उत्पादन के बाद के बुनियादी ढांचे, निर्बाध कोल्ड चेन और आधुनिक मछली पकड़ने के बंदरगाहों और मछली लैंडिंग केंद्रों के विकास पर जोर देते हुए निर्माण के लिए सहायता प्रदान करना है.

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