नई दिल्ली: केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा कि सत्र 2023-24 के गन्ने की एफआरपी से तकरीबन 8 फीसदी और लागत से 107 फीसदी अधिक है. नया एफआरपी 10 फरवरी से प्रभावी होगा. केंद्र सरकार के इस फैसले से 5 करोड़ से अधिक गन्ना किसानों और चीनी क्षेत्र से जुड़े लाखों दूसरे लोगों को फायदा होगा.
गन्ने की सब से ज्यादा कीमत भारत में
उल्लेखनीय है कि भारत के गन्ना किसानों को पहले से ही दुनिया में गन्ने की सब से ज्यादा कीमत दी जा रही है. फिर भी सरकार घरेलू उपभोक्ताओं को सब से सस्ती चीनी उपलब्ध करा रही है. सरकार के इस फैसले के बाद अब चीनी मिलें गन्ने की एफआरपी 10.25 फीसदी की रिकवरी पर 340 रुपए प्रति क्विंटल की दर से भुगतान करेंगी. प्रत्येक 0.1 फीसदी की अधिक रिकवरी पर किसानों को 3.32 रुपए की अतिरिक्त कीमत मिलेगी, जबकि 0.1 फीसदी की कमी होने पर समान राशि की कटौती की जाएगी.
मंत्री अनुराग ठाकुर ने यह भी कहा कि पिछले 10 सालों में मोदी सरकार ने किसानों को उन की फसल का सही मूल्य उचित समय पर दिलाने का प्रयास किया है. पिछले सत्र यानी 2022-23 का 99.5 फीसदी गन्ना बकाए का भुगतान कर दिया गया है. सरकार के नीतिगत हस्तक्षेप के चलते चीनी मिलें भी आत्मनिर्भर हो गई हैं और अब उन्हें कोई वित्तीय सहायता नहीं दी जा रही है.