हिसार: चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय को वर्सेटाइल हैंडी ट्रौली, स्कौलर चेयर व मूवेबल मिल्किंग स्टूल नामक 3 डिजाइन विकसित करने पर भारतीय पेटेंट कार्यालय ने डिजाइन का पंजीकरण प्रदान किया है. इन सभी डिजाइनों को भारत सरकार की ओर से प्रमाणपत्र मिल गया है, जिस की डिजाइन संख्या है 386671-001, 386669-001 और 386668-001. इन सभी डिजाइनों को विश्वविद्यालय के मानव संसाधन प्रबंधन निदेशक डा. मंजु महता की देखरेख में 2 शोध छात्राओं आयशा और मीनू ने किया.
विश्वविद्यालय के लिए गौरव की बात
विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. बीआर कंबोज ने कहा कि यह विश्वविद्यालय के लिए गर्व की बात है कि विश्वविद्यालय को एकसाथ 3 डिजाइन प्राप्त हुए हैं. उन्होंने विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों व शोधार्थियों से भविष्य में भी इसी प्रकार निरंतर प्रयासरत रहने की अपील की है, ताकि विश्वविद्यालय का नाम यों ही रोशन होता रहे.
उपरोक्त डिजाइनों की मुख्य विशेषताएं
वर्सेटाइल हैंडी ट्रौली
यह ट्रौली लोहे से बनी है. इसे मांसपेशियों के तनाव और थकान को कम करने के लिए डिजाइन किया गया है. यह भारी वजन को एक स्थान से दूसरे स्थान तक ले जाने में मदद करती है, जिस से उत्पादकता बढ़ती है. ट्रौली के तीनों किनारों पर दिए गए रौड समर्थन प्रदान करती है, जिस से भारी सामग्री गिरने या फिसलने से बचती है.
उल्लेखनीय है कि पहले वाली ट्रौली, जिस में रौड नहीं थे व सामग्री गिरने का भी भय रहता था. उस ट्रौली द्वारा काफी कम मात्रा में सामान एक स्थान से दूसरे स्थान पर जाता था और थकान भी होती थी. विद्यार्थियों ने इस प्रक्रिया में अलगअलग तकनीक का भी अध्ययन किया और उन की उपयोगिता और स्थिरता की जांच की.
स्कौलर चेयर
इस चेयर के उपयोग के दौरान आराम पहुंचाने के लिए पीछे और सीट पर कुशन लगे हैं. पीठ पर तनाव को कम करने के लिए कुरसी के पिछले हिस्से को थोड़ा तिरछा किया गया है. लंबे समय तक बैठने पर आराम में सुधार के लिए एग्रोनोमिक फुट रेस्ट प्रदान किया गया है. इस से थकान कम होती है और पैरों को आराम मिलता है.
अध्ययन, ड्राइंग जैसे विभिन्न उद्देश्यों के लिए कुरसी के बाईं ओर एक फोल्डेबल पैनल जुड़ा हुआ है. जब पैनल उपयोग में न हो, तो उसे वापस अपनी स्थिति में मोड़ा जा सकता है. यह चेयर काम करते समय व्यक्ति के शरीर को सहायता प्रदान करता है और रीड़ की हड्डी में किसी भी प्रकार की असुविधा से बचाता है.
मूवेबल मिल्किंग स्टूल
बैठने की सुविधा के लिए स्टूल की सीट गद्देदार बनाई गई है. स्टूल के साथ लगे छोटे पहियों की सहायता से बैठ कर स्टूल को घुमा कर दूध को आसानी से निकाला जा सकता है. यह स्टूल लोहे से बना है. इस के एक तरफ गिलास या मग रखने के लिए जगह दी गई है. यह मूवेबल मिल्किंग स्टूल उपयोग करने वालों को अनुचित मुद्रा के कारण होने वाले विभिन्न मांसपेशियों के तनाव से बचाता है.
यह स्टूल काम करते समय पीठ के निचले हिस्से, कूल्हे के जोड़ों और रीड़ की हड्डी को सहायता प्रदान करता है. स्टूल का मुख्य लाभ व्यक्ति के लिए झुकते और बैठते समय आरामदायक सुरक्षा प्रदान करना है.
इस अवसर पर ओएसडी डा. अतुल ढींगड़ा, सामुदायिक विज्ञान महाविद्यालय की अधिष्ठाता डा. बीना यादव, मीडिया एडवाइजर डा. संदीप आर्य एवं आइपीआर सैल के प्रभारी डा. योगेश जिंदल उपस्थित रहे.