सिंगरौली : मुख्यमंत्री डा. मोहन यादव ने कहा है कि उर्वरक की मांग बढ़ने पर डीएपी के स्थान पर एनपीके, एएसपी लिक्विड यूरिया नैनो यूरिया के प्रयोग के लिए किसानों को प्रेरित करें. एनपीके कौम्प्लेक्स के माध्यम से भी खेत में पोटैशियम की पर्याप्त मात्रा सुनिश्चित की जा सकती है. कालाबाजारी, अवैध भंडारण, नकली उर्वरक की संभावना रहती है. पुलिस का सहयोग लेते हुए निरीक्षण और चेकिंग की व्यवस्था को बढ़ाया जाए. कालाबाजारी करने वालों, मिलावट, मिस ब्रांडिंग और नकली उर्वरक खपाने वालों पर कठोरतम कार्रवाई की जाए. उर्वरक अवैध परिवहन पर नियंत्रण के लिए एक जिले से दूसरे जिले में उर्वरक मूवमेंट पर सतत निगरानी रखें.

मुख्यमंत्री डा. मोहन यादव ने पिछले दिनों मुख्यमंत्री निवास से सोयाबीन उपार्जन, खाद उपलब्धता और वितरण की वीडियो कौंफ्रेंसिंग में कलक्टर व कमिश्नर से चर्चा कर उक्त निर्देश दिए. उन्होंने कहा कि खरीफ 2024-25 के लिए प्रदेश में खाद की पर्याप्त उपलब्धता है. उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी का प्राइस सपोर्ट स्कीम में मध्य प्रदेश को सोयाबीन उपार्जन की दी गई स्वीकृति के लिए आभार व्यक्त करते हुए प्रदेश में उपार्जन के समुचित बेहतर प्रबंध करने के निर्देश अधिकारियों को दिए.

मुख्यमंत्री डा. मोहन यादव ने कहा कि प्रदेश में प्राकृतिक खेती को प्रोत्साहित किया जाए, ताकि आवश्यकतानुसार डीएपी के स्थान पर एनपीके, लिक्विड नैनो यूरिया के प्रयोग को बढ़ावा देने के लिए किसानों को ज्यादा से ज्यादा जानकारी दी जाए.

उन्होंने कलक्टरों को निर्देशित किया कि राजस्व अमला जनप्रतिनिधियों के साथ फसलों की क्षति आंकलन सुनिश्चित करें. खाद भंडारण के लिए डबल लौक की आवश्यकता होने पर कृषि उत्पादन आयुक्त से समन्वय कर आवश्यक कार्रवाई की जाए.

मुख्यमंत्री डा. मोहन यादव ने अमानक स्तर का खादबीज विक्रय, भंडारण और परिवहन करने वालों के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई करने के निर्देश दिए. रबी 2024-25 के लिए खरीफ 2024 के अनुसार ही उर्वरक वितरण के लिए पुख्ता प्रबंध सुनिश्चित करें.

उन्होंने आगे कहा कि प्रदेश में रबी 2024-25 के लिए भी पर्याप्त मात्रा में उर्वरक उपलब्ध हैं. सभी जिला कलक्टर बेहतर तैयारी कर लें, वितरण व्यवस्था में कोई गड़बड़ी न हो, इस के लिए वरिष्ठ अधिकारियों से समन्वय कर कार्रवाई सुनिश्चित करें.

मुख्यमंत्री डा. मोहन यादव ने कहा कि प्रदेश में प्रधानमंत्री मोदी के विजन के अनुरूप प्राकृतिक खेती को ज्यादा से ज्यादा बढ़ावा दिया जाए. एनपीके और लिक्विड नैनो यूरिया के उपयोग के लिए किसानों को ज्यादा से ज्यादा प्रोत्साहित करें. किसानों द्वारा इन के उपयोग से देश की अन्य राष्ट्रों पर निर्भरता भी कम होगी.

मुख्यमंत्री डा. मोहन यादव ने खरीफ 2024 में एनपीके का उपयोग 45 फीसदी होने पर खुशी जताई, जो कि वर्ष 2023-24 में महज 26 फीसदी था. उन्होंने प्राइस सपोर्ट स्कीम पर सोयाबीन उपार्जन की कार्रवाई संवेदनशीलता से करने को कहा है.

उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा निर्धारित मात्रा के अतिरिक्त सोयाबीन का उपार्जन प्रदेश सरकार करेगी. प्रदेश में 25 सितंबर से ई-उपार्जन पोर्टल पर किसानों के पंजीयन की प्रक्रिया शुरू हो गई है. अधिक से अधिक किसानों से पोर्टल पर पंजीयन कराया जाए. आगामी 20 अक्तूबर तक किसानों का पंजीयन होगा. इस के बाद उपार्जन के लिए स्लाट बुकिंग की कार्रवाई 21 दिसंबर तक होगी. किसानों से 25 अक्तूबर से 31 दिसंबर, 2024 तक सोयाबीन का उपार्जन प्रदेश के 1400 केंद्रों पर किया जाएगा.

आवश्यकतानुसार इस में परिवर्तन भी किया जा सकता है. किसानों को भुगतान औनलाइन किया जाएगा. प्रदेश में 7 जिले सिंगरौली, दतिया, भिंड, कटनी, मंडला, बालाघाट, सीधी को छोड़ कर बाकी सभी जगह सोयाबीन का उपार्जन होगा. इन जिलों से प्रस्ताव आने पर सोयाबीन उपार्जन पर विचार किया जाएगा.

मुख्यमंत्री डा. मोहन यादव ने कहा कि प्रदेश में कुछ स्थानों में भारी वर्षा से फसलों को हानि हुई है. कलक्टर क्षतिग्रस्त फसलों का सर्वे करा कर किसानों को फसल बीमा और अन्य लाभ देना सुनिश्चित करें. सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत संचालित उचित मूल्य दुकानों से खाद्यान्न वितरण की सतत निगरानी करें. वितरण में गड़बड़ी करने वालों पर कड़ी कार्यवाही करें. सड़कों से निराश्रित गौवंश को हटाने के लिए भी प्रभावी कार्यवाही करें.

मुख्यमंत्री ने वीडियो कौंफ्रेंसिंग के माध्यम से मंत्रियों, सांसद और विधायकों से संवाद किया. वीडियो कौंफ्रेंसिंग के दौरान कलक्ट्रेट के एनआईसी से कलक्टर चंद्रशेखर शुक्ला, पुलिस अधीक्षक निवेदिता गुप्ता, सीईओ जिला पंचायत गजेंद्र सिंह नागेश, आयुक्त नगर निगम डीके शर्मा, डिप्टी कलक्टर माइकेल तिर्की, उपसंचालक, कृषि, आशीष पांडेय, जिला आपूर्ति अधिकारी पीसी चंद्रवंशी, उपायुक्त सहकारिता पीके मिश्रा सहित संबंधित अधिकारी उपस्थित रहे.

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