नेल्लोर (आंध्र प्रदेश): सागर परिक्रमा का 10वां चरण आंध्र प्रदेश के नेल्लोर के वीआरसी ग्राउंड में फिश फूड फेस्टिवल में 2000 से अधिक मछुआरों और महिलाओं, एफएफपीओ, उद्यमियों और अन्य हितधारकों की प्रत्यक्ष रूप में भागीदारी के साथ संपन्न हुआ.
केंद्रीय मंत्री परशोत्तम रूपाला ने कृष्णापट्टनम में मछली पकड़ने वाले गांव रामनगर का दौरा किया और उन्होंने मछुआरे प्रसाद से बातचीत की. मछुआरे प्रसाद ने मछली पकड़ने को ले कर अपना अनुभव साझा किया.
केंद्रीय मत्स्यपालन, पशुपालन और डेरी मंत्री परशोत्तम रूपाला के नेतृत्व में सागर परिक्रमा चरण 10 की शुरुआत 13 अक्तूबर, 2023 को तमिलनाडु के चेन्नई बंदरगाह से हुई.
केंद्रीय मंत्री परशोत्तम रूपाला ने वीआरसी मैदान नेल्लोर में फिश फूड फेस्टिवल का उद्घाटन किया और विभिन्न स्टालों का दौरा किया. अपनी यात्रा के दौरान उन्होंने उद्यमियों, एफएफपीओ, मछुआरों और मछुआरा महिलाओं से भी बातचीत की. केंद्रीय मंत्री ने महोत्सव में प्रदर्शित किए जा रहे प्राकृतिक मछली उत्पादों की सराहना की.
केंद्रीय मंत्री परशोत्तम रूपाला ने अपने संबोधन में मत्स्यपालन क्षेत्र के महत्व पर प्रकाश डाला, क्योंकि यह लगभग 8000 किलोमीटर के तटीय क्षेत्र को कवर करने वाले लगभग 3 करोड़ मछुआरों और परिवारों से जुड़ा है.
उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि मत्स्यपालन क्षेत्र में आंध्र प्रदेश की महत्वपूर्ण भूमिका है और मछली उत्पादन में यह राज्य तकरीबन 30 फीसदी योगदान करता है.
मंत्री परशोत्तम रूपाला ने पीएमएमएसवाई जैसी विभिन्न योजनाओं के बारे में जागरूकता बढ़ाने की आवश्यकता पर जोर दिया है, जहां सरकारी सहायता से 100 से अधिक गतिविधियां/परियोजनाएं उपलब्ध हैं. 20,050 करोड़ के बजटीय परिव्यय के साथ प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना में पहली बार निवेश शुरू किया गया है और एक अलग विभाग भी बनाया गया है.
केंद्रीय मंत्री परशोत्तम रूपाला ने इस बात पर भी प्रकाश डाला कि सागर परिक्रमा एक व्यापक आउटरीच कार्यक्रम है, जो मछुआरों को उन की समस्याओं को घर पर ही हल करने के लिए मंत्रियों, अधिकारियों और अन्य हितधारकों से मिलने व बातचीत करने का अवसर प्रदान करता है.
केंद्रीय मंत्री परशोत्तम रूपाला ने यह भी कहा कि मछुआरों को तकरीबन 1.58 लाख किसान क्रेडिट कार्ड (केसीसी) दिए गए हैं और उन का लक्ष्य देश के सभी मछुआरों को केसीसी प्रदान करना है.
उन्होंने प्रदर्शनी में प्राकृतिक मत्स्य उत्पाद प्रदर्शित करने के लिए विभिन्न उद्यमियों, एफएफपीओ, मछली किसानों के प्रयासों की भी सराहना की.
केंद्रीय मंत्री परशोत्तम रूपाला ने लाभार्थियों अर्थात टी. रेणुका रेड्डी और वी. जयलक्ष्मी को डेली फिश कियोस्क और ए. चंदना, वाई. बलराम कृष्ण, एस. पद्मजा और ई. रामनैय्या को लाइव फिश वेंडिंग केंद्र भी सौंपे. इस के अलावा उन्होंने प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना के तहत आंध्र प्रदेश के नेल्लोर के लाभार्थियों अर्थात बी. चेन्नारायडू, के. वासु, एम. लक्ष्मी प्रसन्ना और बी. अंकैया को लाइव फिश ट्रांसपोर्ट व्हीकल/इंसुलेटेड व्हीकल भी सौंपे.
केंद्रीय मंत्री परशोत्तम रूपाला ने कहा कि सागर परिक्रमा की इस यात्रा के दौरान मिले सभी अभ्यावेदनों पर सावधानीपूर्वक विचारविमर्श किया जाएगा और केंद्र सरकार मत्स्यपालन क्षेत्र के समग्र विकास व मछुआरों, तटीय समुदायों और मत्स्यपालन क्षेत्र के हितधारकों के कल्याण के लिए राज्यों को अपना पूरा सहयोग देना जारी रखेगी.
उन्होंने यह भी कहा कि राज्य सरकार और मछुआरों के परामर्श से आंध्र प्रदेश में सागर परिक्रमा यात्रा की योजना जल्द ही बनाई जाएगी.
एस. अप्पलाराजू ने अपने संबोधन के दौरान मछुआरों और उन के परिवारों की बेहतरी के लिए मत्स्यपालन क्षेत्र और सरकार की विभिन्न योजनाओं के महत्व पर प्रकाश डाला.
उन्होंने आंध्र प्रदेश और तमिलनाडु के बीच अंतर्राज्य मछली पकड़ने के संघर्ष का मुद्दा भी उठाया और केंद्र सरकार से दोनों राज्यों से परामर्श कर इस मुद्दे का हल तलाश करने का अनुरोध किया.
इस अवसर पर आंध्र प्रदेश के मत्स्यपालन मंत्री एस. अप्पलाराजू, सांसद जीवीएल नरसिम्हा राव, सांसद बीड़ा मस्तान राव, आंध्र प्रदेश के मत्स्यपालन आयुक्त के. कन्ना बाबू उपस्थित रहे.
इस अवसर पर मछुआरों, एफएफपीओ एवं मत्स्यपालन उद्यमियों के साथ भारत सरकार के मत्स्यपालन विभाग और एनएफडीबी के अधिकारी भी उपस्थित रहे.
“सागर परिक्रमा” मछुआरों, मत्स्यपालन में लगे किसानों और संबंधित हितधारकों के साथ एकजुटता दिखाने के लिए तटीय क्षेत्र में योजनाबद्ध परिवर्तनकारी यात्रा है.