चंडीगढ़ : ‘सरफेस सिडर’ के पायलट प्रोजैक्ट के नतीजों पर संतोष जाहिर करते हुए पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने फसलों के अवशेष का प्रबंध बेहतर ढंग से करने के लिए वातावरण अनुकूल ‘सरफेस सिडर’ पर सब्सिडी देने के लिए हरी झंडी दे दी है. पंजाब कृषि यूनिवर्सिटी की तरफ से विकसित की इस तकनीक को फसल अवशेष प्रबंधन स्कीम (सीआरएम) में शामिल किया गया है.
मिलेगी 50 फीसदी सब्सिडी
इस नई विकसित की तकनीक पर 50 फीसदी सब्सिडी देने का ऐलान करते हुए मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने कहा कि गांव सतौज (संगरूर) में लागू किए पायलट प्रोजैक्ट के नतीजों को देखते हुए सरफेस सिडर की तकनीक फसलों के अवशेष का प्रबंध करने के लिए कारगर सिद्ध हुई. इस वजह से राज्य सरकार ने अब इस सिडर को सीआरएम में शामिल करने का फैसला लिया है, जिस से किसानों को यह मशीन सब्सिडी पर मुहैया करवाई जा सके.
मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने कहा कि 80,000 रुपए तक की कीमत वाली इस मशीन पर 50 फीसदी सब्सिडी मिलेगी, जिस से किसानों को इस मशीन के लिए 40,000 रुपए ही खर्च करने पड़ेंगे.
कृषि अधिकारियों के साथ मीटिंग की अध्यक्षता करते हुए मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने फसलों के अवशेष के निबटारे के लिए कृषि विभाग और पंजाब कृषि यूनिवर्सिटी के प्रयत्नों की सराहना की.
मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने कहा कि पीएयू ने सरफेस सिडर को सीआरएम स्कीम में शामिल करने की सिफारिश की थी.
उन्होंने आगे बताया कि स्कीम के अंतर्गत यह मशीनरी सप्लाई करने के लिए मेन्यूफैक्चरों को सूचीबद्ध करने का काम भी पीएयू द्वारा किया जा रहा है.
भगवंत सिंह मान ने यह भी कहा कि व्यक्तिगत तौर पर किसान/प्राथमिक कृषि सहकारी सभाएं/ रजिस्टर्ड किसान ग्रुप/फार्मर प्रोड्यूसर आर्गेनाइजेशन/ पंचायतें सीआरएम मशीनें खरीदने और कस्टम हायरिंग सैंटर बनाने के लिए अप्लाई कर सकती हैं.
मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने कहा कि इस स्कीम के अंतर्गत सुपर एसएमएस, सुपर सिडर, स्मार्ट सिडर, हैप्पी सिडर, जीरो टिल्ल ड्रिल, पैडी स्ट्रा चौपर/ शरैडर/मल्चर, प्लो, शरब्ब मास्टर/रोटरी सलैशर, रीपर, बेलर मशीन की कीमत या भारत सरकार के मापदंडों के मुताबिक तय की अधिकतम कीमत पर 50 फीसदी सब्सिडी दी जाती है.
पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने कहा कि कस्टम हायरिंग सैंटर 15 लाख रुपए के निवेश के साथ स्थापित किया जा सकता है और इस सैंटर के लिए 80 फीसदी सब्सिडी पर मशीनें खरीदी जा सकती हैं.
अब तक कुल 65421 आवेदन
मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने बताया कि फसलों के अवशेष के निबटारे के लिए 1,52,300 मशीनों के लिए अब तक कुल 65,421 आवेदन प्राप्त हुए हैं और फसलों के अवशेष को जलाने की घटनाओं पर काबू पाने के लिए कोई कसर बाकी नहीं छोड़ी जाएगी.
उन्होंने आगे कहा कि राज्य सरकार बड़े स्तर पर इकट्ठी होती फसलों के अवशेष संबंधी बुनियादी ढांचे को स्थापित और मजबूत करने, गट्ठे बांधने, ढुलाई और भंडारण की सहूलतों के साथसाथ भंडारण सहूलतें कायम की जा रही हैं.
उन्होंने यह भी कहा कि राज्य सरकार ने अलगअलग उद्योगों में फसलों के अवशेष का प्रयोग करने के लिए कदम उठाए हैं, जिन में बायोमास ऊर्जा की पैदावार वाले यूनिटों, थर्मल प्लांटों में बायो-कोफायरिंग, बायो-सीएनजी और बायो-इथेनाल आदि शामिल हैं. उन्होंने राज्यभर में जल्द किसान मेलों की आगे कड़ी शुरू करने का ऐलान किया.