बस्ती : औद्यानिक प्रयोग एवं प्रशिक्षण केंद्र, बस्ती द्वारा बेरोजगार नौजवानों, नवयुवतियों, किसानों और बागबानों को गांव स्तर पर स्वरोजगार सृजन के उद्देश्य से केंद्र के मशरूम अनुभाग द्वारा मशरूम उत्पादन प्रशिक्षण कार्यक्रम ‘मशरूम उत्पादन तकनीक’ विषय पर 3 दिवसीय प्रशिक्षण का आयोजन आगामी महीनों के विभिन्न तिथियों में किया जाना है, जिस में बस्ती, महराजगंज, सिद्धार्थनगर, संतकबीर नगर, देवरिया, कुशीनगर, गोंडा, बलरामपुर, श्रावस्ती, बहराइच, बाराबंकी, अयोध्या, सुल्तानपुर, रायबरेली, प्रयागराज, वाराणसी, मिर्जापुर, सोनभद्र, बलिया, गाजीपुर, मऊ, आजमगढ, जौनपुर, प्रतापगढ़, कौशांबी, चंदौली, अंबेडकरनगर, गोरखपुर जिलों के लोग प्रतिभाग कर सकते हैं.
औद्यानिक प्रयोग एवं प्रशिक्षण केंद्र, बस्ती के संयुक्त निदेशक, उद्यान, वीरेंद्र सिंह यादव ने बताया कि 3 दिवसीय प्रशिक्षण में भाग लेने के इच्छुक नौजवान, नवयुवती, किसान और बागबान अपने जिले के जिला उद्यान अधिकारी से संपर्क कर प्रशिक्षण के लिए अपना नाम केंद्र को भिजवा सकते हैं.
उन्होंने बताया कि औद्यानिक प्रयोग एवं प्रशिक्षण केंद्र, बस्ती में स्थित मशरूम अनुभाग की मंशा है कि गांव स्तर पर मशरूम के जरीए रोजगार मुहैया कराए जाएं, जिस से कि उन के शहरों की ओर बढ़ रहे पलायन को रोका जा सके.
इसी उद्देश्य के तहत आम लोगों को मशरूम उत्पादन तकनीक का प्रशिक्षण औद्यानिक प्रयोग एवं प्रशिक्षण केंद्र, बस्ती में स्थित मशरूम अनुभाग द्वारा आगामी महीनों की विभिन्न तिथियों में किया जाएगा, क्योंकि यह भूमिहीन व गरीब किसानों की आमदनी का जरीया है, इसे अपना कर वे खुद का रोजगार कर सकते हैं.
संयुक्त निदेशक, उद्यान, वीरेंद्र सिंह यादव ने बताया कि प्रशिक्षण के दौरान मशरूम की खेती से ले कर कंपोस्ट बनाने, प्रोसैसिंग और मशरूम के विभिन्न उत्पादों को बना कर आमदनी बढ़ाने के सभी पहलुओं पर जानकारी दी जाएगी.
मशरूम अनुभाग प्रभारी विवेक वर्मा ने जानकारी देते हुए बताया कि साल 2024-25 में केंद्र के मशरूम अनुभाग द्वारा मशरूम उत्पादन प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन 2024 में 19 नवंबर से 21 नवंबर, 17 दिसंबर से 19 दिसंबर प्रस्तावित है, जबकि 2025 में 7 जनवरी से 9 जनवरी व 20 फरवरी से 22 फरवरी में प्रस्तावित है.
उन्होंने यह भी बताया कि दूरदराज के प्रशिक्षणार्थियों के लिए कृषक छात्रावास में एकसाथ 50 किसानों के ठहरने की निःशुल्क व्यवस्था है, पर भोजन एवं जलपान की व्यवस्था प्रशिक्षणार्थियों को खुद ही करनी होती है. प्रत्येक प्रशिक्षण सत्र के लिए प्रति प्रशिक्षणार्थी 50 रुपए पंजीकरण शुल्क जमा करना होगा.