हिसार : लुवास कुलपति प्रो. विनोद कुमार वर्मा ने बताया कि विश्वविद्यालय के नए परिसर में विभिन्न भवनों का निर्माण कार्य प्रगति पर है और कुछ भवनों का निर्माण पूरा होने के करीब है और विश्वविद्यालय के नए परिसर में लगभग 400 एकड़ भूमि को चारा उत्पादन के लिए पशु फार्म में पशुधन की आवश्यकता को पूरा करने के लिए आरक्षित रखा गया है.
यद्यपि आंवटित भूमि को कृषि योग्य बनाने का प्रयास किया गया है, लेकिन इन एकड़ में से लगभग 250 एकड़ भूमि बंजर है. इसलिए यह जेसीबी मशीन सिंचाई चैनल तैयार करने, चैनलों की सफाई करने, विश्वविद्यालय को कृषि के साथसाथ सामान्य भूमि को समतल करने का काम करेगी.
उन्होंने आगे बताया कि जेसीबी मशीन हरे चारे के अधिक उत्पादन के साथसाथ अन्य फसल उत्पादन के लिए अनुपयोगी एकड़ भूमि को कृषि योग्य बनाने में सहायक होगी, जिस से विश्वविद्यालय की आय अधिक होगी और पशुधन को पूरे वर्ष हरा चारा उपलब्ध होगा.
इस के अलावा यह मशीन नए परिसर में बागबानी के काम, हर्बल पार्क व उद्यान पार्क आदि को विकसित करने में मददगार होगी और परिसर में स्वस्थ वातावरण और सौंदर्य वातावरण का विकास होगा.
इस अवसर पर पशु पोषण विभाग के विभागाध्यक्ष डा. सज्जन सिहाग ने बताया कि विश्वविद्यालय की कृषि भूमि का समतलीकरण और सफाई व बागबानी के काम को विकसित करने के लिए विश्वविद्यालय ने नई बैकहो लोडर जेसीबी मशीन खरीदी है.
इस उद्घाटन समारोह के अवसर पर विश्वविद्यालय के अधिष्ठाता पशु चिकित्सा महाविद्यालय डा. गुलशन नारंग, छात्र कल्याण निदेशक डा. पवन कुमार, कुलसचिव डा. सुरेंद्र सिहं ढ़ाका, निदेशक विस्तार शिक्षा डा. विरेंद्र पंवार, निदेशक मानव संसाधन प्रबंधक डा. राजेश खुराना, लेंड स्केप अफसर व डीन, डेयरी सांइस व टैक्नोलौजी डा. सज्जन सिहाग व अन्य वैज्ञानिक एवं छात्र मौजूद रहे.