उदयपुर : 30 अप्रैल, 2024. एमपीयूएटी के गोद लिए बड़गांव पंचायत समिति के गांव मदार और ब्राह्मणों की हुंदर ने एक बार फिर स्मार्ट विलेज का खिताब अपने नाम कर प्रदेश में अव्वल स्थान प्राप्त किया है. प्रदेश के सभी 27 राजकीय वित्तपोषित विश्वविद्यालयों को यूनिवर्सिटी सोशल रिस्पांसिबिलिटी (यूएसआर) के तहत गांव गोद ले कर उसे स्मार्ट विलेज में रूपांतरित करने की राज्यपाल की पहल को एमपीयूएटी ने पूरी गंभीरता से लिया.
एमपीयूएटी की ओर से उक्त दोनों स्मार्ट विलेज को जनवरी से मार्च, 2024 की त्रैमासिक अवधि में किए गए नवाचार और अन्य गतिविधियों की समीक्षा के बाद राज्यपाल कलराज मिश्र ने एमपीयूएटी के कुलपति डा. अजीत कुमार कर्नाटक के साथ ही अन्य विश्वविद्यालयों के लिए भी इसे अनुकरणीय पहल के रूप में रेखांकित किया है. इस से पूर्व भी मदार और ब्राह्मणों की हुंदर गांव 2 बार यह खिताब मिल चुका है.
कुलपति डा. अजीत कुमार कर्नाटक ने एमपीयूएटी की विभिन्न टीमों ने इन गांवों में जा कर जो गतिविधियां की हैं, उस से न केवल कृषि, बल्कि सामाजिक, आर्थिक व शैक्षणिक क्षेत्रों में आमूलचूल परिवर्तन हुआ है. यहीं नहीं, कोरपोरेट सोशल रिस्पांसिबिलिटी (सीएसआर) के तहत 1.5 रुपए करोड़ से ज्यादा के काम संपादित होने की खुशी गांव वालों के चेहरों पर साफ झलकती है.
कुलपति डा. अजीत कुमार कर्नाटक ने बताया कि सीएसआर योजना के अंतर्गत नाबार्ड के सहयोग से राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय, मदार में 5 केवी क्षमता वाले सोलर ट्री की स्थापना की गई. इस की अनुमानित लागत 9.08 लाख रुपए है. इस से प्रतिदिन 15-20 यूनिट बिजली बन रही है, जिस से स्कूल, पनघट व स्ट्रीट लाइट के लिए इस्तेमाल किया जा रहा है. आईआईएफएल, मुंबई और ब्लूइनफिनिटी लेब्स प्रा. लि. के सहयोग से कीटनाशक/पेस्टीसाइड/उर्वरक छिड़काव के लिए 25 किलोग्राम क्षमता का ड्रोन विश्वविद्यालय को दिया गया. इस की अनुमानित लागत 30 लाख रुपए है. इस का उपयोग स्मार्ट गांव में किया गया है. राजस्थान माइंस एवं मिनरल प्राइवेट लिमिटेड के सहयोग से बालिका उच्च प्राथमिक विद्यालय, मदार में 150 बच्चों को टेबल, स्टूल और 4 अलमारी 3.94 लाख रुपए का फर्नीचर उपलब्ध कराया गया.
उन्होंने बताया कि आईआईएफएल, मुंबई के सहयोग से राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय, मदार को 50 कंप्यूटर टेबलेट, औक्सीजन कंसन्ट्रेटर और कोविड किट उपलब्ध कराए गए.
इस के अलावा राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय, मदार में कन्वेशन हाल को बनाने में तकरीबन 42 लाख रुपए की लागत आई है. राजकीय बालिका उच्च प्राथमिक विद्यालय के लिए विधायक मद से 10 लाख रुपए की लागत से खेल मैदान की चारदिवारी का काम किया गया.
स्मार्ट गांव मदार एवं ब्राहम्णों की हुंदर में 8 स्वयं सहायता समूह की 120 किसान महिलाएं सदस्य हैं, जो कि सब्जी उत्पादन, सिलाई केंद्र, अनाज भंडारण, दूध उत्पादन, सोलर लाइट, सोलर कुकर, फल एवं सब्जी प्रसंस्करण इत्यादि गतिविधियों से लाभान्वित हो रही हैं.
डा. अजीत कुमार कर्नाटक ने बताया कि इस विश्वविद्यालय द्वारा मदार एवं ब्राहम्णों की हुंदर गांव पंचायत समिति, बड़गांव (उदयपुर) को सितंबर, 2020 में गोद लिए गए थे. इन गांवों के विकास की कार्ययोजना स्मार्ट गांव क्रियान्वयन कमेटी द्वारा आजीविका अवसर एवं आर्थिक सृदृढ़ीकरण हेतु विभिन्न स्किल ट्रेनिंग एवं इंटीग्रेटेड फार्मिंग के तरीकों से की जा रही है. विश्वविद्यालय के 130 वैज्ञानिकों एवं अन्य अधिकारियों द्वारा 42 बार भ्रमण कर कार्ययोजना के क्रियान्वयन का निरीक्षण किया. विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों द्वारा 36 एकदिवसीय प्रशिक्षणों के माध्यम से 2311 किसान एवं किसान महिलाएं लाभान्वित हुए.
निदेशक प्रसार डा. आरए कौशिक ने बताया कि विश्वविद्यालय के चयनित स्मार्ट गांव मदार एवं ब्राम्हणों की हुंदर में भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान, नई दिल्ली के राष्ट्रीय कृषि प्रसार कार्यक्रम के अंतर्गत 6 किसानों के खेतों पर गेहूं की उन्नत किस्म एचआई 1034 के प्रदर्शन लगाए गए थे. इसी प्रकार सब्जी व फूल प्रदर्शन में प्याज, पालक, गाजर, पूसा साग एवं मैरी गोल्ड आदि के 16 किसानों के खेतों पर प्रदर्शन लगाए गये थे.
उन्होंने बताया कि बंजर भूमि विकास हेतु ग्राम पंचायत एवं वन विभाग के सहयोग से 175 पेड़ नीम, करंज, जामुन, सुबबूल एवं मोरिंगा आदि लगाए गए. पशुपालन विभाग के सहयोग से शिविर आयोजित कर 360 पशुओं और 590 भेड़बकरियों का टीकाकरण व उपचार किया गया. चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के सहयोग से शिविर आयोजित कर 93 रोगियों का उपचार कर निःशुल्क दवाएं दी गईं. इसी क्रम में इफको के सहयोग से गेहूं की फसल पर ड्रोन द्वारा नैनो यूरिया का छिड़काव किया गया.