नई दिल्ली : केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण और ग्रामीण विकास मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने पिछले दिनों ‘एक पेड़ मां के नाम’ #Plant4Mother अभियान के तहत भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान (आईएआरआई) कैंपस पूसा में पौधारोपण किया. उन्होंने बताया कि मंत्रालय लगभग एक एकड़ भूमि में ‘मातृ वन’ स्थापित करेगा.
कार्यक्रम में राज्य मंत्री रामनाथ ठाकुर, सचिव डेयर एवं महानिदेशक, आईसीएआर, डा. हिमांशु पाठक, कृषि एवं किसान कल्याण और ग्रामीण विकास मंत्रालय के लगभग 200 अधिकारी व कर्मचारी और स्कूली छात्र भी उपस्थित थे.
केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बताया कि देशभर में कृषि एवं किसान कल्याण विभाग (डीएएंडएफडब्ल्यू) के सभी अधीनस्थ कार्यालय, आईसीएआर संस्थान, सीएयू, केवीके और एसएयू भी अपनेअपने स्थानों पर इसी तरह का वृक्षारोपण कार्यक्रम आयोजित किया गया. उन्होंने यह भी बताया कि कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय के अंतर्गत 800 से अधिक संस्थानों ने भाग लिया और उम्मीद है कि कार्यक्रम के दौरान 3000-4000 पौधे लगाए जाएंगे.
उन्होंने आगे कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 5 जून, 2024 को ‘विश्व पर्यावरण दिवस’ के अवसर पर वैश्विक अभियान ‘एक पेड़ मां के नाम #Plant4Mother’ का शुभारंभ किया था और प्रधानमंत्री के संकल्प को सुनिश्चित करने के लिए हमारे मंत्रालयों ने जनआंदोलन के रूप में ‘एक पेड़ मां के नाम’ #Plant4Mother अभियान की शुरुआत की है.
मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने इस अवसर पर उपस्थित सभी अधिकारियों, कर्मचारियों और स्कूली विद्यार्थियों से आग्रह किया कि वे इस अभियान में भाग लें और वृक्षारोपण कर के अपनी मां और धरती मां के प्रति सम्मान प्रकट करें.
वैश्विक अभियान के हिस्से के रूप में पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय यह सुनिश्चित करने का प्रयास कर रहा है कि सितंबर, 2024 तक देशभर में 80 करोड़ पौधे और मार्च, 2025 तक 140 करोड़ पौधे लगाए जाएं.
पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय ने 20 जून, 2024 को असोला भाटी वन्यजीव अभयारण्य में वृक्षारोपण गतिविधि शुरू की, जिस में व्यक्तियों ने अपनी माताओं के सम्मान में पेड़ लगाए. पेड़ लगाने से सरकार द्वारा शुरू किए गए मिशन लाइफ (Mission LiFE) के उद्देश्य को भी पूरा किया जाता है, जो पर्यावरण के प्रति जागरूक जीवनशैली का एक जनआंदोलन है. कृषि में, पेड़ उगाना टिकाऊ खेती को प्राप्त करने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है. पेड़ मिट्टी, पानी की गुणवत्ता में सुधार कर के और जैव विविधता को बढ़ा कर कृषि उत्पादकता में सुधार करने में मदद करते हैं. पेड़ किसानों को लकड़ी और गैरलकड़ी उत्पादों से अतिरिक्त आय का स्रोत भी प्रदान करते हैं. अभियान में भूमि क्षरण और मरुस्थलीकरण को रोकने और उलटने की अपार क्षमता है.