नई दिल्लीः भारत सरकार के उपभोक्ता मामले, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्रालय के अधीन खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण विभाग (डीएफपीडी) ने 28 फरवरी, 2024 को नई दिल्ली में राज्यों के खाद्य सचिवों की एक बैठक आयोजित की. इस बैठक का उद्देश्य रबी विपणन सीजन (Rabi Marketing Season)  2024-25 और खरीफ विपणन सीजन (Kharif Marketing Season) 2023-24 में रबी फसलों की खरीद व्यवस्था पर चर्चा करना था. इस बैठक की अध्यक्षता भारत सरकार के डीएफपीडी सचिव ने की.

इस बैठक में खरीद को प्रभावित करने वाले विभिन्न कारकों जैसे कि मौसम की स्थिति का पूर्वानुमान, उत्पादन का अनुमान और राज्यों की तैयारी की समीक्षा की गई. इस में विचारविमर्श के बाद आगामी आरएमएस 2024-25 के दौरान गेहूं खरीद का अनुमान 300-320 लाख मीट्रिक टन (एलएमटी) की सीमा में तय किया गया. इसी प्रकार केएमएस 2023-24 (रबी फसल) के दौरान धान की खरीद का अनुमान 90-100 लाख मीट्रिक टन की सीमा में तय किया गया.

वहीं, केएमएस 2023-24 (रबी फसल) के दौरान राज्यों की ओर से खरीद के लिए तकरीबन 6.00 लाख मीट्रिक टन मोटे अनाज व बाजरा (श्रीअन्न) की मात्रा का भी अनुमान लगाया गया. राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों को फसलों के विविधीकरण और आहार स्वरूप में पोषण बढ़ाने के लिए मोटे अनाज की खरीद पर अपना ध्यान केंद्रित करने की सलाह दी गई.

इस के अलावा तेलंगाना राज्य सरकार ने आपूर्ति श्रंखला अनुकूलन के संबंध में अपनाई गई अच्छे अभ्यासों को साझा किया और भारत सरकार की इस पर्यावरण अनुकूल पहल के माध्यम से सालाना 16 करोड़ रुपए की बचत का उल्लेख किया. उत्तर प्रदेश सरकार ने ई-पीओएस को इलैक्ट्रौनिक वजन पैमाने के साथ जोड़ने के संबंध में सफल पहल साझा की, जिस ने लाभार्थियों को उन के लिए निर्धारित मात्रा के अनुसार खाद्यान्न की आपूर्ति प्रभावी ढंग से सुनिश्चित की है.

आगे की कहानी पढ़ने के लिए सब्सक्राइब करें

डिजिटल

(1 साल)
USD10
सब्सक्राइब करें

डिजिटल + 24 प्रिंट मैगजीन

(1 साल)
USD79
सब्सक्राइब करें
अधिक जानकारी के लिए क्लिक करें...