रांची : बेहतर स्वास्थ्य, पोषण और ऊर्जा के लिए अब केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल यानी सीआरपीएफ के झारखंड सैक्टर के जवानों और अधिकारियों के भोजन मेन्यू में स्माल मिलेट्स यानी श्रीअन्न भी शामिल किए जाएंगे. स्माल मिलेट्स में आयरन, सूक्ष्म पोषक तत्वों, प्रोटीन और फाइबर की मात्रा गेहूंचावल की तुलना में अधिक रहती है. इसी उद्देश्य से सीआरपीएफ के 10 जवानों के एक दल ने बिरसा कृषि विश्वविद्यालय के सामुदायिक विज्ञान विभाग में स्माल मिलेट्स के गुणों के बारे में जागरूकता बढ़ाने और इस से बनने वाले विभिन्न प्रोसैस्ड पदार्थों की निर्माण प्रक्रिया की विधिवत जानकारी प्राप्त करने के लिए तीन दिनों का प्रशिक्षण प्राप्त किया.
सामुदायिक विज्ञान विभाग की अध्यक्ष डा. रेखा सिन्हा और एसआरएफ बिंदु शर्मा ने उन्हें मिलेट्स से तैयार होने वाले विभिन्न उत्पाद जैसे चावल, रोटी, दलिया, खिचड़ी, हलवा, बिसकुट, कुकीज, केक, लड्डू, सेवई, चाऊमीन, मैक्रोनी आदि बनाने की तकनीकी जानकारी दी और विभिन्न मशीनों की कार्यप्रणाली, क्षमता और अनुमानित कीमत के बारे में बताया.
पार्टी कमांडर शिव नारायण किस्कू के नेतृत्व में सीआरपीएफ प्रशिक्षणार्थियों का एक दल आया था.
संयुक्त राष्ट्र के निर्णयानुसार वर्ष 2023 को पूरी दुनिया में अंतर्राष्ट्रीय मिलेट्स वर्ष के रूप में मनाया जा रहा है. श्रीअन्न में मड़ुआ, गुंदली, बाजरा, कंगनी, सावां, कोदो, कुटकी, चेना, हरी कंगनी आदि शामिल हैं.
विभागाध्यक्ष डा. रेखा सिंह ने बताया कि सीआरपीएफ के आईजी ने कुछ दिन पहले विभाग का भ्रमण किया था और यहां से मड़ुवा कुकीज खरीद कर ले गए थे. इस के स्वाद और गुणों से प्रभावित हो कर उन्होंने अपने दल को प्रशिक्षण के लिए भेजा और कहा कि आवश्यकता के अनुसार वहां मिलेट्स के प्रसंस्कृत उत्पादों के निर्माण के लिए छोटेछोटे प्लांट भी लगाए जाएंगे.
उन्होंने आगे कहा कि अभी कई मिलेट्स बाजार में महंगे मिल रहे हैं, किंतु जैसेजैसे मांग बढ़ेगी, किसान दूसरी फसलें छोड़ कर उन के उत्पादन में लगेंगे और उत्पादकता बढ़ने से आने वाले समय में इन की कीमतों में स्वत: कमी आएगी.