Mobile App|  मत्स्यपालन विभाग, मत्स्यपालन, पशुपालन और डेयरी मंत्रालय ने मत्स्यपालन क्षेत्र में नवाचार और विकास को बढ़ावा देने के लिए हैदराबाद, तेलंगाना में बीते दिनों 8 मार्च, 2025 को मत्स्यपालन स्टार्टअप कौन्क्लेव 2.0 का आयोजन किया.

इस कार्यक्रम में राजीव रंजन सिंह, केंद्रीय मंत्री, मत्स्यपालन, पशुपालन, डेयरी और पंचायती राज मंत्रालय, प्रोफैसर एसपी सिंह बघेल, राज्य मंत्री, मत्स्यपालन, पशुपालन, डेयरी और पंचायती राज मंत्रालय भी शामिल हुए.

कार्यक्रम में भारत सरकार के मत्स्यपालन विभाग के सचिव डा. अभिलक्ष लिखी के साथसाथ प्रो. रमेश चंद, सदस्य, नीति आयोग, भारत सरकार और श्याम सिंह राणा, मत्स्यपालन मंत्री, हरियाणा भी शामिल हुए.

कार्यक्रम के दौरान केंद्रीय मंत्री राजीव रंजन सिंह ने राष्ट्रीय मत्स्यपालन डिजिटल प्लेटफौर्म मोबाइल ऐप्लीकेशन लौंच किया. गूगल प्ले स्टोर पर उपलब्ध यह ऐप स्टार्टअप्स को विभिन्न मौड्यूल और योजना के लाभों तक पहुंचने के लिए एक सहज इंटरफेस प्रदान करेगा.

इस के अलावा केंद्रीय मंत्री राजीव रंजन सिंह ने मत्स्यपालन और संबद्ध क्षेत्रों में तकनीकी प्रगति को बढ़ावा देने के लिए 1 करोड़ रुपए की निर्धारित निधि के साथ मत्स्यपालन स्टार्टअप ग्रैंड चैलेंज 2.0 का भी अनावरण किया. 10 विजेता स्टार्टअप को मत्स्यपालन और जलीय कृषि में उत्पादन दक्षता और स्थिरता बढ़ाने के लिए अभिनव समाधान विकसित करने के लिए वित्तीय प्रोत्साहन सहायता प्राप्त होगी.

मंत्री राजीव रंजन सिंह ने कहा कि मत्स्यपालन क्षेत्र के विकास और भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए स्टार्टअप की भूमिका बहुत महत्वपूर्ण है. स्टार्टअप विशेष रूप से युवाओं के लिए रोजगार में मददगार होते हैं, इसलिए भारत सरकार हर संभव तरीके से स्टार्टअप का समर्थन करने के लिए प्रतिबद्ध है.

इस अवसर पर उन्होंने स्टार्टअप से आगे बढ़ कर निर्यात बढ़ाने के लिए मूल्य संवर्धन, उन्नत प्रौद्योगिकी समाधान, टूना क्षमता का उपयोग करने के लिए अंडमान एवं निकोबार और लक्षद्वीप के द्वीप विकास, औनबोर्ड प्रसंस्करण इकाइयों के साथ उच्च समुद्र और गहरे समुद्र में मछली पकड़ने के लिए जहाजों के उन्नयन आदि के क्षेत्रों में योगदान देने का आग्रह किया.

केंद्रीय मंत्री राजीव रंजन सिंह ने स्टार्टअप्स को मत्स्यपालन स्टार्टअप ग्रैंड चैलेंज 2.0 में भाग लेने के लिए प्रोत्साहित किया, जिस का उद्देश्य स्वस्थ प्रतिस्पर्धा को बढ़ावा देना और इस क्षेत्र में तकनीकी नवाचारों को बढ़ावा देना है.

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उन्होंने स्टार्टअप्स से मत्स्यपालन अवसंरचना विकास कोष और प्रधानमंत्री मत्स्य किसान समृद्धि सहयोजना जैसी सरकारी योजनाओं का लाभ उठाने का भी आग्रह किया, ताकि उन की वृद्धि और विकास को समर्थन मिल सके.

इस कार्यक्रम के दौरान केंद्रीय मंत्री राजीव रंजन सिंह ने जलीय कृषि, मूल्य श्रृंखला आधुनिकीकरण और टिकाऊ मत्स्यपालन में उन की परियोजनाओं को मान्यता देने के लिए 33.46 करोड़ रुपए की कुल परियोजना लागत के साथ 8 चयनित मत्स्यपालन स्टार्टअप/ उद्यमी/ एफएफपीओ को पीएमएमएसवाई के तहत उद्यमी मौडल स्वीकृति मिली.

पुरस्कार विजेताओं में मध्य प्रदेश के संतोख सिंह व अवतार सिंह को मीठे पानी की मछली की खेती के लिए, नए ग्रोआउट तालाब और बायोफ्लोक टैंक बनाने के लिए, ओडिशा के एमआर एक्वाटैक को एफआरपी कार्प हैचरी, पानी की टंकी, नाव और मछलीघर टैंकों के बनाने के लिए, उत्तर प्रदेश की पीवीआर एक्वा प्रोड्यूसर कंपनी लिमिटेड को कार्प मछली की खेती और जीवित मछली की बिक्री के लिए, गुजरात के कृष्ण नरेशभाई धिम्मर को एकीकृत मत्स्य प्रवाह के लिए, छत्तीसगढ़ के मैसर्स मंडल मनीत एक्वा जेनेटिक्स टैक्नोलौजी रिसर्च प्राइवेट लिमिटेड को तिलापिया (ओरियोक्रोमिस निलोटिकस) के लिए आनुवंशिक सुधार केंद्र की स्थापना के लिए, गुजरात के मेसर्स औस्को इंडिया मरीन प्रोडक्ट्स प्राइवेट लिमिटेड को पारंपरिक झींगापालन को एक टिकाऊ सुपर गहन परिशुद्धता खेती मौडल में बदलने के लिए, आंध्र प्रदेश की विनीशा वलसराज को रोगजनक मुक्त रेत के कीड़ों के उत्पादन के लिए और महाराष्ट्र के मैसर्स संजीवनी मत्स्य विकास सोसाइटी शामिल हैं.

अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर मत्स्यपालन, पशुपालन और डेयरी और पंचायती राज राज्य मंत्री प्रो. एसपी सिंह बघेल ने सभी महिला उद्यमियों को आगे आने और 300 से अधिक मत्स्यपालन स्टार्टअप इकोसिस्टम का एक अभिन्न अंग बनने के लिए प्रोत्साहित किया.

इस कार्यक्रम में नीति आयोग के सदस्य प्रो. रमेश चंद ने स्टार्टअप को बढ़ावा देने की आवश्यकता पर जोर देते हुए कहा कि आने वाला भविष्य विचारों और प्रौद्योगिकी व्यवधानों से प्रेरित होगा. उन्होंने स्टार्टअप से प्रसंस्कृत मछली के निर्यात को बढ़ावा देने, आपूर्ति श्रृंखला को सही करने, उपभोक्ताओं के लिए लागत कम करने और उत्पादक राजस्व बढ़ाने के लिए मूल्य संवर्धन पर ध्यान केंद्रित करने का आग्रह किया.

मत्स्य विभाग के सचिव डा. अभिलक्ष लिखी ने मत्स्यपालन स्टार्टअप को बढ़ावा देने के लिए सरकार के प्रयासों पर जोर दिया. उन्होंने उभरती प्रौद्योगिकियों के बारे में जागरूकता लाने के लिए मत्स्य मंथन श्रृंखला में स्टार्टअप की भागीदारी की तारीफ की.

उन्होंने शोध संस्थानों से आग्रह किया कि वे नवाचारों का व्यवसायीकरण करें और सभी स्टार्टअप्स को बढ़ावा दें, जिन में प्रारंभिक चरण में या अप्रमाणित स्टार्टअप्स भी शामिल हैं. आईसीएआर सीआईएफटी के निदेशक जौर्ज निनान ने अपने 8 शोध संस्थानों के माध्यम से लाइसैंसिंग, इनक्यूबेशन, प्रोटोटाइपिंग और व्यावसायीकरण में स्टार्टअप के लिए आईसीएआर के समर्थन पर प्रकाश डाला.

मुख्य केंद्र बिंदु वाले क्षेत्रों में मछली प्रसंस्करण उपकरण, सौर ऊर्जा से चलने वाली नावें, मूल्य संवर्धन, मछली पकड़ने का सामान, जलवायु स्मार्ट जलीय कृषि, पोषक तत्वों से भरपूर फीड और नैनो प्रौद्योगिकी उपयोग शामिल हैं.

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