नई दिल्ली : भारत के 76वें गणतंत्र दिवस के उपलक्ष्य में विभिन्न क्षेत्रों के प्रतिष्ठित अतिथि गणतंत्र दिवस परेड देखने के लिए कर्तव्य पथ पर एकत्र होंगे. केंद्र सरकार की योजनाओं के कई लाभार्थियों को इस महत्वपूर्ण परेड को देखने के लिए आमंत्रित कर के सम्मानित करने की सरकार की योजना है.

सम्मानित अतिथि की सूची में एक उल्लेखनीय वृद्धि के रूप में, कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय 1500 से अधिक किसानों को गणतंत्र दिवस परेड को देखने के लिए आमंत्रित कर रहा है, जो विभिन्न केंद्र सरकार की योजनाओं जैसे कि प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना, प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना आदि के लाभार्थी हैं.

इस उत्सव के एक भाग के रूप में 25 जनवरी, 2024 को किसानों के लिए एआईएफ, एमएंडटी, राष्ट्रीय बीज सहयोग और प्रति बूंद अधिक फसल जैसी प्रमुख सरकारी पहलों पर एक व्यापक प्रशिक्षण सत्र के साथ ही पूसा परिसर के एक क्षेत्र के दौरे का आयोजन किया जाएगा. वहीं 26 जनवरी, 2024 को विशेष आमंत्रित लोग कर्तव्य पथ पर गणतंत्र दिवस परेड देखेंगे.

परेड के बाद किसान केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण और जनजातीय कार्य मंत्री अर्जुन मुंडा की उपस्थिति में एक विशेष कार्यक्रम के लिए सुब्रमण्यम हाल, पूसा में एकत्र होंगे, जो किसानों को उन की अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने और विभिन्न योजनाओं के माध्यम से उन्हें समर्थन देने की सरकार की प्रतिबद्धता को उजागर करने में महत्वपूर्ण भूमिका के लिए आभार व्यक्त करेंगे.

संबोधन के बाद किसानों को मंत्रियों और गणमान्य व्यक्तियों के साथ एक फोटो सत्र का अवसर मिलेगा और दोपहर के भोजन के साथ दिन का समापन होगा.

यह उत्सव कृषि समुदाय के अथक प्रयासों को पहचानने और सराहना करने, विकास के प्रति कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय के समर्पण को उजागर करने के लिए आयोजित किया गया है.

प्राथमिक कृषि ऋण समितियों (पीएसीएस) के अध्यक्ष और उन के परिजन भी बनेंगे साक्षी देशभर के 24 राज्यों और 2 केंद्र शासित प्रदेशों के तकरीबन 250 लाभार्थी प्राथमिक कृषि ऋण समितियों (पीएसीएस) के अध्यक्ष और उन के परिजन भारत सरकार के “विशेष अतिथि” के रूप में इस बार कर्तव्य पथ पर गणतंत्र दिवस परेड के साक्षी बनेंगे. रक्षा मंत्रालय के सहयोग से सहकारिता मंत्रालय गणतंत्र दिवस परेड में विशेष अतिथियों की मेजबानी करेगा.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की “सहकार से समृद्धि” की परिकल्पना को साकार करने के लिए गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह के कुशल मार्गदर्शन में सहकारिता मंत्रालय ने बहुत ही कम समय में 54 से अधिक महत्वपूर्ण पहल की हैं. “पीएसीएस का कंप्यूटरीकरण” इन में से एक प्रमुख पहल है, जिस के तहत 2,516 करोड़ रुपए के कुल वित्तीय परिव्यय के साथ 63,000 पीएसीएस को कंप्यूटरीकृत किया जा रहा है. अब तक 28 राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों के 12,000 से अधिक पैक्स को कंप्यूटरीकृत किया जा चुका है और वे राष्ट्रीय कृषि और ग्रामीण विकास बैंक यानी नाबार्ड द्वारा विकसित ईआरपी यानीएंटरप्राइज रिसोर्स प्लानिंग सौफ्टवेयर पर औनबोर्ड किए जा चुके हैं.

राजधानी नई दिल्ली में अपने प्रवास के दौरान विशेष अतिथि 25 जनवरी को सहकारिता राज्य मंत्री बीएल वर्मा के साथ मुलाकात और रात्रि भोज करेंगे. 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस परेड देखने के बाद शाम को वे “भारत पर्व” में शामिल होंगे.

सहकारिता मंत्रालय गणतंत्र दिवस पर आमंत्रित इन विशेष अतिथियों के दिल्ली प्रवास को एक यादगार अनुभव बनाने और पीएसीएस कंप्यूटरीकरण परियोजना की सफलता को प्रदर्शित करने के लिए प्रतिबद्ध है. यह आयोजन सहभागी पैक्स को ‘सहकार से समृद्धि’ की परिकल्पना को साकार करने की दिशा में एक नए जोश के साथ काम करने के लिए प्रेरित करेगा.

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