बस्तर : 20 अगस्त, 2023 को ‘वेजिटेबल कैफे’ के भव्य आयोजन में बस्तर संभाग के सब्जियां उगाने वाले 300 से ज्यादा प्रगतिशील किसान शामिल हुए.
बस्तर संभाग के मुख्यालय जगदलपुर में बिनाका हेरिटेज सभागार में आयोजित यह सफल आयोजन बस्तर के प्रगतिशील किसानों के समूह के साथ मिल कर कृषि रिसर्च एवं कृषि रसायन क्षेत्र के अग्रणी संस्थान बायर क्राप साइंस के द्वारा आयोजित किया गया.
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि देश के सब से ज्यादा पढ़ेलिखे और 5 बार देश का सर्वश्रेष्ठ किसान का अवार्ड प्राप्त डा. राजाराम त्रिपाठी थे, कार्यक्रम की अध्यक्षता इंडस वेस्ट मैगा फूड पार्क के सीईओ डा. एसके मिश्रा ने की.
कार्यक्रम के पहले चरण में मृदा स्वास्थ्य व पौधे की सेहत को ध्यान में रखते हुए संस्थान के एग्रोनोमिस्ट विवेकानंद गुप्ता ने नेमाटोड व अन्य मृदाजनित रोगों से बचाव के लिए बायर के आधुनिक तकनीक के उत्पाद वेलम प्राइम व एवर्गोल एक्सटेंड के बारे में विस्तृत रूप से जानकारी दी.
संस्थान के शस्य विज्ञान विशेषज्ञ अभिनंदन कदम ने सब्जियों में आने वाले रोग व कीट के बारे में विस्तृत जानकारी दी. साथ ही, रोग व कीट प्रबंधन के बारे में भी बताया.
क्षेत्र के क्षेत्रीय महाप्रबंधक बीएम सिंह व कैंपेन एक्टिविटी मैनेजर मृत्युंजय शर्मा ने संस्था के द्वारा होने वाली टिकाऊ खेती के प्रयासों के बारे में विस्तृत जानकारी दी.
लंच के बाद कार्यक्रम के दूसरे चरण में इस किसान गोष्ठी में विशेष रूप से आमंत्रित अतिथि भारत के जैविक खेती के पुरोधा विख्यात किसान वैज्ञानिक डा. राजाराम त्रिपाठी ने भी भाग लिया.
संस्थान के उच्चाधिकारियों द्वारा डा. राजाराम त्रिपाठी का स्वागत किया गया और कृषि क्षेत्र में उन के कामों को देखते हुए सम्मानित किया गया.
अंचल के किसानों द्वारा भी डा. राजाराम त्रिपाठी को देखनेसुनने को ले कर जबरदस्त उत्साह देखा गया. उन्होंने अपने उद्बोधन में कहा कि अब टिकाऊ खेती का युग है. वैज्ञानिकों और खादबीज की दवा बनाने वाली कंपनियों को अब टिकाऊ खेती के अनुरूप उत्पादन बनाने की दिशा में तेजी से काम करना होगा. टिकाऊ खेती में संस्थान के सकारात्मक योगदान की सराहना करते हुए किसानों को खेती की आधुनिक तकनीक एवं डिजिटल टैक्नोलौजी अपनाने की सलाह दी.
डा. राजाराम त्रिपाठी ने कार्यक्रम में भाग लेने आए इलाके के सभी किसानों को कोंडागांव के मां दंतेश्वरी हर्बल फार्म एवं रिसर्च सेंटर’, कोंडागांव पर आ कर एक एकड़ में 10 लाख रुपए तक की सालाना आमदनी देने वाली काली मिर्च (मां दंतेश्वरी काली मिर्च-16) की खड़ी फसल को देखने और एक एकड़ जमीन से 50 एकड़ का उत्पादन कैसे लिया जा सकता है, इस के व्यावहारिक पहलुओं को देखनेसमझने के लिए आमंत्रित किया.
उन्होंने यह भी कहा कि बस्तर के किसानों को वह काली मिर्च और हर्बल की खेती की फ्री ट्रेनिंग और मार्केटिंग की सुविधा देने को तैयार हैं.
इस किसान गोष्ठी में किसानों के लिए छत्तीसगढ़ की सब से बड़ी सब्जी व फल प्रसंस्करण यूनिट इंडस वेस्ट मैगा फूड पार्क की भी महत्वपूर्ण उपस्थिति रही, जिस के सीईओ डा. एसके मिश्रा ने किसानों को भरोसा दिया कि यह प्रोसैसिंग यूनिट अधिक उत्पादन की स्थिति में भी किसानों के उत्पादों को उपयोग कर उन को सुरक्षा मुहैया कराती है.
बस्तर किसान कल्याण संघ के अध्यक्ष राजेश रौय ने आगे भी इस तरह के कार्यक्रमों के आयोजनों पर जोर दिया और किसानों को सही जानकारी के साथ आधुनिक पद्धति से खेती करने की सलाह दी.
कार्यक्रम के अंतिम चरण में बायर संस्थान के क्षेत्रीय महाप्रबंधक बीएम सिंह के द्वारा कार्यक्रम को अभूतपूर्व रूप से सफल बनाने के लिए अतिथियों, प्रतिभागियों, किसानों और अपने संस्थान की पूरी टीम को धन्यवाद दिया. किसान गोष्ठी के इस नए प्रारूप वेजिटेबल कैफे को अंचल के सभी किसानों के द्वारा बहुत सराहा गया.