उदयपुर : 5 जुलाई, 2023. जिले के जंगलों में मशरूम की प्रजातियों की विविधता भारत सरकार के मशरूम अनुसंधान निदेशालय, सोलन, हिमाचल प्रदेश के निदेशक प्रो. वीपी शर्मा द्वारा देश के विभिन मशरूम अनुसंधान केंद्रों की वार्षिक समूह बैठक जम्मूकश्मीर के श्रीनगर शहर में स्थित शेरे कश्मीर यूनिवर्सिटी औफ एग्रीकल्चर एंड टैक्नोलौजी शहर में आयोजित की गई.
बैठक में भारत के विभिन्न राज्यों के क्षेत्रीय जंगलों में खाद्य एवं औषधि मशरूम की विविधता का पता लगाने एवं उन का संग्रहण कर क्षेत्रीय मशरूम की खेती को बढ़ावा देने का महत्वपूर्ण निर्णय लिया गया, जिस से देश में मशरूम उत्पादन व प्रति व्यक्ति मशरूम उपभोग में बढ़ोतरी के निर्देश पर महाराणा प्रताप कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के भूतपूर्व मशरूम परियोजना अधिकारी व अधिष्ठाता, राजस्थान कृषि महाविद्यालय प्रो. श्याम सुंदर शर्मा के सहयोग से वर्तमान परियोजना अधिकारी सहआचार्य डा. नारायण लाल मीणा, अविनाश कुमार नागदा व किशन सिंह राजपूत ने केवड़े की नाल के जंगलों से ले कर जयसमंद वन्यजीव अभ्यारण के जंगलों में मशरूम विविधता का निरीक्षण किया, जिस में क्षेत्रीय वन अधिकारी गौतम लाल मीणा ने भी काफी सहयोग किया.
निरीक्षण के उपरांत विभिन्न प्रकार की मशरूम प्रजातियों का संग्रहण किया गया और पाया गया कि दक्षिण राजस्थान के जंगलों में मशरूम की विभिन्न प्रजातियों में विविधता देखी गई और जयसमंद वन्य जीव अभ्यारण में एक मशरूम की दुर्लभ प्रजाति प्राप्त हुई. मशरूम की इस दुर्लभ प्रजाति का आकार को देख कर आप भी दंग रह जाएंगे.
डा. नारायण लाल मीणा ने बताया कि मशरूम की यह प्रजाति आकार में बहुत बड़ी थी. इस का वजन लगभग 4-5 किलोग्राम के बीच था. इस का वैज्ञानिक नाम बोलेटस ईदुलिस है.
उपरोक्त सर्वे में विश्वविद्यालय के अनुसंधान निदेशक प्रो. अरविंद वर्मा का प्रशंसनीय सहयोग रहा .