छत्तीसगढ़ राज्य में ईको पर्यटन के विकास एवं संरक्षण में विगत 5 सालों से कार्यरत संस्था ‘वसुंधरा प्रकृति संरक्षण समिति’ यानी विस्कान द्वारा प्रदेश में ईको पर्यटन सहित प्राकृतिक चिकित्सा एवं हर्बल खेती को बढ़ावा देने के लिए ‘मां दंतेश्वरी हर्बल समूह’ के साथ करार किया गया.
इस अवसर पर मां दंतेश्वरी हर्बल के संस्थापक डा. राजाराम त्रिपाठी, डायरेक्टर अनुराग त्रिपाठी, जसमती नेताम,बली चक्रवर्ती, कृष्णा नेताम, व्यवस्थापक रमेशचंद्र पंडा, शंकर नाग, मैंगो नेताम, वसुंधरा प्रकृति संरक्षण समिति (विस्कान )के अध्यक्ष ज्ञानेंद्र पांडेय, विस्कान एग्रो कार्प के मुख्य कार्यकारी अधिकारी अभिषेक चौधरी विशेष रूप से उपस्थित थे.
कोंडागांव स्थित मां दंतेश्वरी हर्बल एस्टेट में विकसित हो रहे ईको रिसोर्ट में ईको पर्यटन के 4 स्वरूपों का विकास किया जाना सुनिश्चित हुआ है. इन में कृषि पर्यटन, नेचुरोपैथी, ट्राइबल टूरिज्म एवं ग्रामीण पर्यटन शामिल हैं.
कृषि पर्यटन के अंतर्गत दुनियाभर में अपनी काली मिर्च की खेती एवं दुर्लभ औषधीय पौधों के संरक्षक के रूप में विख्यात डा. राजाराम त्रिपाठी के सान्निध्य में रह कर देशविदेश के किसान औषधीय पौधों की खेती का प्रशिक्षण ले सकेंगे. इस में ग्रामीण युवाओं को प्रशिक्षित कर रोजगार दिया जाएगा.
रिसोर्ट के नेचुरोपैथी सेंटर में लाइफस्टाइल से संबंधित बीमारियों के लिए आवश्यक दिनचर्या, जिस में योग, प्राणायाम, ध्यान, आयुर्वेदिक चिकित्सा, नाड़ी शोधन आदि शामिल हैं, के माध्यम से स्वास्थ्य लाभ ले सकेंगे.
रिसोर्ट में पर्यटकों के लिए बस्तर की संस्कृति को देखने और आदिवासी गांवों में भ्रमण की सुविधा रहेगी.
संस्था द्वारा ग्रामीण पर्यटन के विकास के लिए स्थानीय युवकयुवतियों को प्रशिक्षण प्रदान किया जाएगा, जिस से पर्यटन के विकास के साथसाथ प्रकृति एवं संस्कृति का संरक्षण हो सके.