नई दिल्ली : पद्म पुरस्कार अर्थात पद्म विभूषण, पद्म भूषण और पद्मश्री देश के सर्वोच्च नागरिक पुरस्कारों में से हैं. 1954 में स्थापित इन पुरस्कारों की घोषणा हर वर्ष गणतंत्र दिवस के अवसर पर की जाती है. यह पुरस्कार ‘विशिष्ट कार्य’ को मान्यता देते हैं और इन्‍हें कला, साहित्य एवं शिक्षा, खेल, चिकित्सा, सामाजिक कार्य, विज्ञान एवं इंजीनियरिंग, सार्वजनिक मामले, नागरिक सेवा, कृषि, व्यापार और उद्योग जैसे सभी क्षेत्रों/विषयों में विशिष्ट और असाधारण उपलब्धियों/सेवा के लिए दिया जाता है. जाति, व्यवसाय, पद या लिंग के भेदभाव के बिना सभी व्यक्ति इन पुरस्कारों के लिए पात्र हैं. चिकित्‍सकों और वैज्ञानिकों को छोड़ कर सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों में काम कर रहे सरकारी कर्मचारी पद्म पुरस्कार के लिए पात्र नहीं हैं.

किसान खुद ही भर सकते हैं आवेदन

खेतीबारी में विशिष्ट उपलब्धि रखने वाले किसान अपना आवेदन स्वयं भर सकते हैं. इस के लिए उन्हें आवेदन करते समय अपना फोटो, मोबाइल नंबर, ईमेल आईडी, आधारकार्ड नंबर के साथ उपलब्धियों को दर्शाने वाले कागजात पीडीएफ में होने चाहिए.

किसानों को आवेदन करते समय आधार आधारित एक ओटीपी यानी वन टाइम पासवर्ड प्राप्त होता है, जिस के आधार पर किसान को अपनी कुछ बेसिक डिटेल्स भर कर आवेदन पोर्टल पर रजिस्टर करना होगा.

रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया पूरी होने के बाद एक यूजर आईडी और पासवर्ड मिल जाता है, जिस के आधार पर अपने प्रयासों और उपलब्धियों को 800 शब्दों में भरना होगा और कुछ बेसिक जानकारियों के साथ अपनी उपलब्धियों के साक्ष्य वाले कागजात को पीडीएफ में अपलोड करना होगा. इसी के साथ ही आवेदक को अपना पासपोर्ट साइज का फोटो व कुछ अन्य जानकारियों को अपलोड करते हुए आवेदन को सबमिट करना होता है.

किसानों द्वारा किए गए आवेदनों को एक सघन स्क्रीनिंग प्रक्रिया से गुजरना होता है. अगर निर्णायक मंडल द्वारा आवेदन पुरस्कार योग्य पाया जाता है, तो इस की घोषणा गणतंत्र दिवस के अवसर पर की जाती है.

पुरस्कार विजेताओं की संख्या

एक वर्ष में दिए जा सकने वाले पुरस्कारों की कुल संख्या (मरणोपरांत मामलों और विदेशियों/एनआरआई/ओसीआई को छोड़ कर) 120 है.

यह है चयन प्रक्रिया

पद्म पुरस्कारों के लिए प्राप्त सभी नामांकन/सिफारिशें पद्म पुरस्कार समिति के सामने रखी जाती हैं, जिस का गठन हर साल प्रधानमंत्री द्वारा किया जाता है. पुरस्कार समिति की सिफारिश के अलावा कोई पुरस्कार नहीं दिया जाता है. समिति की सिफारिशें प्रधानमंत्री और भारत के राष्ट्रपति को अनुमोदन के लिए भेजी जाती हैं.

इस महीने में किया जाता है पुरस्कार वितरण

पुरस्कार भारत के राष्ट्रपति द्वारा आमतौर पर हर साल मार्च/अप्रैल के महीने में प्रदान किए जाते हैं, जहां पुरस्कार विजेताओं को राष्ट्रपति द्वारा हस्ताक्षरित एक सनद (प्रमाणपत्र) और एक पदक प्रदान किया जाता है. पुरस्कार विजेताओं के नाम प्रस्तुति समारोह के दिन भारत के राजपत्र में प्रकाशित किए जाते हैं.

सब के आवेदन के लिए खुला है पोर्टल

सरकार पद्म पुरस्कारों को “पीपुल्स पद्म” में बदलने के लिए प्रतिबद्ध है, इसलिए सभी नागरिकों से स्वनामांकन सहित नामांकन/सिफारिशें करने का अनुरोध किया जाता है. अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति, दिव्यांग व्यक्तियों, महिलाओं एवं समाज के अन्य कमजोर तबकों के बीच से समाज के लिए निस्वार्थ सेवा कर रहे प्रतिभाशाली व्यक्तियों की उत्कृष्टता और उपलब्धियों की पहचान करने के लिए ठोस प्रयास किए जा सकते हैं.

राष्ट्रीय पुरस्कार पोर्टल (https://awards.gov.in ) पर उपलब्ध प्रारूप में नामांकन/सिफारिशों में निर्दिष्ट सभी प्रासंगिक विवरण शामिल होने चाहिए, जिस में वर्णनात्मक रूप में एक उद्धरण (अधिकतम 800 शब्द) शामिल हों, जो स्पष्ट रूप से संबंधित क्षेत्र/अनुशासन में अनुशंसित व्यक्ति की विशिष्ट और असाधारण उपलब्धियों/सेवाओं को सामने ला सकें.

इस संबंध में विवरण गृह मंत्रालय की वैबसाइट ( https://mha.gov.in ) और पद्म पुरस्कार पोर्टल ( https://padmaawards.gov.in) पर ‘पुरस्कार और पदक’ शीर्षक के

अंतर्गत भी उपलब्ध है. इन पुरस्कारों से संबंधित कानून और नियम https://padmaawards.gov.in/AboutAwards.aspx वैबसाइट पर लिंक के साथ उपलब्ध हैं.

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