नई दिल्ली : सरकार ने उपभोक्ताओं को खरीफ फसल की आवक में देरी के चलते प्याज की कीमतों में हाल में आई वृद्धि से बचाने के लिए 25 रुपए प्रति किलोग्राम की रियायती कीमत पर बफर से प्याज की उत्साहवर्धक खुदरा बिक्री आरंभ की है.

यह घरेलू उपभोक्ताओं के लिए प्याज की उपलब्धता और निम्न लागत सुनिश्चित करने के लिए किए गए उपायों के अतिरिक्त एक और उपाय है, जैसे 29 अक्तूबर, 2023 से 800 डालर प्रति मीट्रिक टन का न्यूनतम निर्यात मूल्य (एमईपी) लगाना, पहले से ही खरीदे गए 5.06 लाख टन के अतिरिक्त बफर खरीद में 2 लाख टन की वृद्धि और अगस्त के दूसरे सप्ताह से खुदरा बिक्री, ई- नीलामी और थोक बाजारों में थोक बिक्री के माध्यम से प्याज का निरंतर निबटान.

उपभोक्ता मामलों के विभाग ने एनसीसीएफ, नाफेड, केंद्रीय भंडार और अन्य राज्य नियंत्रित सहकारी समितियों द्वारा प्रचालित खुदरा दुकानों और मोबाइल वैन के माध्यम से 25 रुपए प्रति किलोग्राम की रियायती कीमत पर प्याज का उत्साहवर्धक निबटान आरंभ कर दिया है.

2 नवंबर तक नाफेड ने 21 राज्यों के 55 शहरों में स्टेशनरी आउटलेट और मोबाइल वैन सहित 329 रिटेल प्वाइंट स्थापित किए हैं. इसी तरह एनसीसीएफ ने 20 राज्यों के 54 शहरों में 457 रिटेल प्वाइंट स्थापित किए हैं.

केंद्रीय भंडार ने भी 3 नवंबर, 2023 से दिल्ली व एनसीआर में अपने खुदरा दुकानों के माध्यम से प्याज की खुदरा आपूर्ति शुरू कर दी है और सफल मदर डेयरी इस सप्ताहांत से आरंभ करेगी. तेलंगाना और अन्य दक्षिणी राज्यों में उपभोक्ताओं को प्याज की खुदरा बिक्री हैदराबाद कृषि सहकारी संघ (एचएसीए) द्वारा की जा रही है.

रबी और खरीफ फसलों के बीच मौसमी मूल्य अस्थिरता को नियंत्रित करने के लिए, सरकार बाद में निर्धारित और लक्षित रिलीज के लिए रबी प्याज की खरीद कर के प्याज बफर बनाए रखती है.

इस वर्ष साल 2022-23 में बफर आकार को 2.5 एलएमटी से बढ़ा कर 7 एलएमटी कर दिया गया है. अब तक 5.06 एलएमटी प्याज की खरीद की जा चुकी है और शेष 2 एलएमटी की खरीद जारी है.

सरकार द्वारा उठाए गए सक्रिय कदमों ने परिणाम प्रदर्शित करना आरंभ कर दिया है, क्योंकि बेंचमार्क लासलगांव बाजार में प्याज की कीमतें 28 अक्तूबर, 2023 को 4,800 रुपए प्रति क्विंटल से घट कर 3 नवंबर, 2023 को 3,650 रुपए प्रति क्विंटल हो गई, जो 24 फीसदी की गिरावट है. आगामी सप्ताह में खुदरा कीमतों में इसी तरह की गिरावट की उम्मीद है.

स्मरणीय है कि जब मानसून की बारिश और सफेद मक्खी के संक्रमण से आपूर्ति में व्यवधान के कारण जून, 2023 के आखिरी सप्ताह से टमाटर की कीमतें बढ़ गईं, तो सरकार ने कर्नाटक, आंध्र प्रदेश और उत्पादक राज्यों से एनसीसीएफ और एनएएफईडी के माध्यम से टमाटर खरीद कर युक्तिसंगत कदम उठाए और महाराष्ट्र व प्रमुख उपभोग केंद्रों में उपभोक्ताओं को अत्यधिक रियायती दर पर आपूर्ति की.

खरीदे गए टमाटर खुदरा उपभोक्ताओं को रियायती कीमतों पर बेचे गए. शुरुआत 90 रुपए प्रति किलोग्राम से हुई और धीरेधीरे कम हो कर 40 रुपए प्रति किलोग्राम हो गई. खुदरा युक्तियों के माध्यम से टमाटर की खुदरा कीमतों को अगस्त के पहले सप्ताह के शीर्ष, अखिल भारतीय औसत खुदरा मूल्य 140 रुपए प्रति किलोग्राम से घटा कर सितंबर, 2023 के पहले सप्ताह तक लगभग 40 रुपए प्रति किलोग्राम तक ला दिया गया.

अधिकांश भारतीय परिवारों के लिए दलहन पोषण का एक महत्वपूर्ण स्रोत हैं. आम घरों में दाल की उपलब्धता और रियायती कीमत सुनिश्चित करने के लिए सरकार ने 1 किलोग्राम पैक के लिए 60 रुपए प्रति किलोग्राम और 30 किलोग्राम पैक के लिए 55 रुपए प्रति किलोग्राम की रियायती कीमतों पर भारत दाल लौंच की है. भारत दाल उपभोक्ताओं को खुदरा बिक्री के लिए और नाफेड, एनसीसीएफ, केंद्रीय भंडार, सफल और तेलंगाना और महाराष्ट्र में राज्य नियंत्रित सहकारी समितियों के माध्यम से सेना, सीएपीएफ और कल्याणकारी योजनाओं के लिए आपूर्ति के लिए कृषि उपलब्ध कराया जाता है.

अब तक 3.2 एलएमटी चना स्टाक रूपांतरण के लिए आवंटित किया गया है, जिस में से 75,269 मीट्रिक टन की मिलिंग की गई है और 59,183 मीट्रिक टन का आवंटन 282 शहरों में 3010 खुदरा बिंदुओं (स्टेशनरी आउटलेट मोबाइल वैन) के माध्यम से किया गया है.

देशभर में उपभोक्ताओं को 4 लाख टन से अधिक भारत दाल उपलब्ध कराने के लिए आने वाले दिनों में भारत दाल की आपूर्ति बढ़ाई जा रही है.

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