हिसार : लाला लाजपत राय विश्वविद्यालय, पशु चिकित्सा और पशुपालन विज्ञान (लुवास), हिसार, हरियाणा ने भाकृअनुप-राष्ट्रीय कृषि अनुसंधान प्रबंध अकादमी, हैदराबाद के सहयोग से “पशु चिकित्सा और डेयरी विज्ञान में उद्यमिता विकास” पर एक औनलाइन संगोष्ठी का आयोजन किया. इस महत्वपूर्ण कार्यक्रम को लुवास के टैक्नोलौजी इनक्यूबेशन सैंटर और इंस्टीट्यूशनल इनोवेशन काउंसिल के साथसाथ नार्म के एग्रीकल्चर में उद्यमिता के विकास एसोसिएशन ने समर्थन प्रदान किया.
इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि पशु चिकित्सा महाविद्यालय के अधिष्ठाता डा. गुलशन नारंग ने पशु चिकित्सा व्यवसायी की नवोन्मेषक और उद्योग अनुभवी के रूप में परिवर्तनीय संभावनाओं को उजागर किया. उन के भाषण ने पशु चिकित्सा और डेयरी उद्योगों की बदलती चुनौतियों का सामना करने के लिए उद्यमिता की सोच की आवश्यकता को सुदृढ़ किया.
भाकृअनुप-नार्म निदेशक डा. चिरुकमल्ली श्रीनिवास राव और टैक्नोलौजी इनक्यूबेशन सैंटर के अध्यक्ष एवं मानव संसाधन एवं प्रबंधन निदेशक डा. राजेश खुराना ने भविष्य के पशु चिकित्सा व्यवसायियों में उद्यमिता की सोच को बढ़ावा देने के महत्व पर जोर दिया. उन के नेतृत्व और दृष्टिकोण ने भारतीय दुग्ध व्यवसाय और पशु चिकित्सा उद्यमिता की दिशा को आकार दिया है.
अतिरिक्त सीईओ, ए-आईडिया डा. विजय अविनाशिलिंगम और प्रिंसिपल साइंटिस्ट एवं प्रमुख, मानव संसाधन प्रबंधन डा. बी. गणेश कुमार द्वारा दिए गए योगदानों के साथसाथ सफल उद्यमियों की अंतर्दृष्टियों ने पशु चिकित्सा और डेयरी क्षेत्रों में उद्यमों को बनाने और बढ़ाने के लिए व्यावहारिकरण नीतियां प्रदान की.
यह कार्यक्रम अत्यंत सफल रहा, जिस में लुवास के छात्रों को इन महत्वपूर्ण क्षेत्रों में नवाचार के लिए उद्यमिता को एक उत्प्रेरक के रूप में अपनाने के लिए प्रेरित किया गया. संगोष्ठी ने यह स्पष्ट किया कि उद्यमिता केवल व्यवसाय शुरू करने के बारे में नहीं है, बल्कि यह महत्वपूर्ण समाधानों को बनाने के बारे में है, जो पशु कल्याण को बढ़ाते हैं, संचालन प्रक्रियाओं को अनुकूलित करते हैं और सतत विकास में योगदान करते है.
यह संगोष्ठी लुवास के छात्रों को नवाचार में नेतृत्व करने और पशु चिकित्सा और डेयरी विज्ञान में सतत विकास को प्रेरित करने के लिए आवश्यक उपकरण और प्रेरणा प्रदान करने में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित हुई है.